Article 370 हटाये जाने की 5वीं वर्षगाँठ पर कई कश्मीरी नेता नजरबंद, अमरनाथ यात्रा एक दिन के लिए स्थगित, पूरे प्रदेश में सुरक्षा बेहद कड़ी

By नीरज कुमार दुबे | Aug 05, 2024

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 के प्रावधान हटाए जाने के आज पांच बरस पूरे हो गये। इस अवसर पर भाजपा की ओर से जहां जम्मू-कश्मीर सहित देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं वहीं कश्मीरी नेताओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें उनके घर में नजरबंद कर दिया गया है। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर के हालात में बड़ा सुधार आने के दावे जहां भाजपा की ओर से किये जा रहे हैं वहीं कांग्रेस की ओर से आंकड़ों का हवाला देते हुए सरकार के दावों पर सवाल उठाये गये हैं। इस बीच, आज के लिए अमरनाथ यात्रा भी स्थगित कर दी गयी है और श्रद्धालुओं का कोई जत्था आज यात्रा मार्ग पर रवाना नहीं हुआ।


वहीं पूरी ऐहतियात बरतते हुए केंद्र-शासित प्रदेश में सुरक्षा एजेंसियों को भी अलर्ट पर रखा गया है। सुरक्षा एजेंसियों को भेजे गए परामर्श में पुलिस ने आज सुरक्षा काफिलों की आवाजाही से बचने को कहा है। परामर्श में यह भी कहा गया है कि सोमवार को विभिन्न आधार शिविरों के बीच अमरनाथ तीर्थयात्रियों के काफिलों की आवाजाही नहीं होनी चाहिए। हालांकि, इसमें अमरनाथ यात्रा मार्ग और राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क से मलबा हटाने तथा वहां यातायात बहाल करने के काम में जुटी एजेंसियों को काम जारी रखने का निर्देश दिया गया है।

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हम आपको याद दिला दें कि केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद-370 को समाप्त कर दिया था, जो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था। सरकार ने तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को ‘‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम’’ के माध्यम से दो केंद्र शासित प्रदेश- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।


भाजपा की प्रतिक्रिया


जम्मू-कश्मीर के अधिकतर राजनीतिक दल जहां अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने की निंदा करते हैं। वहीं, भाजपा इस ऐतिहासिक दिन को चिह्नित करने के लिए पूरे जम्मू-कश्मीर में कई समारोह आयोजित कर रही है। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संवैधानिक प्रावधान को निरस्त करना लंबे समय से भाजपा का चुनावी वादा रहा था। जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा है कि अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद राज्य के हालात में काफी बदलाव आया है। श्रीनगर में भी भाजपा कार्यालय पर जमकर खुशियां मनाई गयीं और मिठाई बांट कर मोदी सरकार के फैसले से जम्मू-कश्मीर को हो रहे लाभों को गिनाया गया।


विपक्ष के आरोप


हम आपको यह भी बता दें कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आज दावा किया कि उन्हें घर में नजरबंद रखा गया है तथा उनकी पार्टी के कार्यालय को बंद कर दिया गया है। मुफ्ती ने कहा, ‘‘मुझे घर में नजरबंद रखा गया है जबकि पीडीपी कार्यालय को बंद कर दिया गया है।’’ आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व वाली ‘अपनी पार्टी’ के कार्यालय को भी ऐहतियाती कदम के तौर पर सोमवार को बंद कर दिया गया है। नेशनल कांफ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने दावा किया कि उन्हें घर में नजरबंद किया गया है। सादिक ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मुझे घर में नजरबंद रखा गया है जो कि पूरी तरह अनावश्यक है। मुझे कुछ काम से बाहर जाना था लेकिन मेरे घर के दरवाजे के बाहर खड़े पुलिसकर्मियों ने मुझे बाहर जाने से रोक दिया। यह अनुचित और अवैध है।’’ उन्होंने एक तस्वीर भी पोस्ट की है जिसमें शहर के हसनबाद इलाके में उनके आवास के बाहर पुलिसकर्मी दिखायी दे रहे हैं।


वहीं, पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने कहा कि पांच अगस्त का दिन ‘‘कश्मीरी लोगों के पूरी तरह से अशक्त’’ होने की याद दिलाएगा। सज्जाद गनी लोन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पांच अगस्त हमेशा कश्मीरी लोगों के पूर्ण रूप से अशक्त होने की याद दिलाता रहेगा। पांच साल से यहां कोई निर्वाचित विधानसभा नहीं है और स्थानीय लोगों को अपने मामलों में फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं है। दुख की बात है कि देश में इतनी शक्तिशाली आवाजें नहीं हैं जो यह सवाल पूछ सकें कि खासकर जम्मू-कश्मीर को ऐसे अपमानजनक अस्तित्व के लिए निशाना क्यों बनाया गया है।’’


दूसरी ओर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी बनाए जाने के पांच वर्ष पूरे होने के मौके पर आरोप लगाया कि इस केंद्र-शासित प्रदेश से जुड़ी भाजपा की नीति न तो ‘कश्मीरियत’ का सम्मान करने वाली है और न ही ‘जम्हूरियत’ (लोकतंत्र) को बरकरार रखने वाली है। खरगे ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित 30 सितंबर 2024 की समयसीमा के भीतर विधानसभा चुनाव कराए जाएं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने दावा किया था कि इस कदम से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण रूप से एकीकृत करने, क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और आतंकवाद एवं अलगाववाद को रोकने में मदद मिलेगी, लेकिन वास्तविकता बिल्कुल अलग है।


खरगे के मुताबिक, ‘‘2019 के बाद से 683 घातक आतंकवादी हमले हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 258 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 170 नागरिकों की जान चली गई। विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तीसरे कार्यकाल की शपथ के बाद से जम्मू क्षेत्र में 25 आतंकवादी हमले हुए हैं, जिसमें 15 सैनिकों की जान चली गई और 27 घायल हो गए।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में कश्मीरी पंडितों की लक्षित हत्याएं काफी बढ़ गई हैं। जम्मू-कश्मीर में 65 प्रतिशत सरकारी विभाग पद 2019 से खाली हैं। जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी दर 10 प्रतिशत है, जिसमें चिंताजनक रूप से युवा बेरोजगारी दर 18.3 प्रतिशत है। 2021 में नयी औद्योगिक नीति लागू होने के बावजूद महज तीन प्रतिशत निवेश ही जमीन पर उतर पाया है।’’ खरगे ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री विकास पैकेज, 2015 के तहत 40 प्रतिशत परियोजनाएं लंबित हैं। 


कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोग सामान्य स्थिति के लिए तरस रहे हैं, यह भावना उन्होंने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी से व्यक्त की थी। उन्होंने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि चुनाव उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित समय सीमा के अनुसार कराए जाएं, ताकि लोग अपने प्रतिनिधियों का चुनाव कर सकें, संवैधानिक अधिकारों को सुरक्षित कर सकें और ‘नौकरशाही द्वारा शासित’ होने के इस तंत्र पर पूर्ण विराम लगा सकें।’’ खरगे ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘कांग्रेस इन इलाकों के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है, जो भारत का अभिन्न अंग हैं।''

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