By अनन्या मिश्रा | Jun 14, 2023
बंगाल अपनी समृद्ध विरासत को लेकर काफी फेमस रहा है। यहां पर भारी संख्या में पर्यटक भोजन से लेकर मंदिर आदि घूमते हैं। बता दें कि बंगाल में कई हेरिटेज बंगले मौजूद हैं। बंगाल में इन हेरिटेज बंगलों को देखने का एक अलग ही अनुभव होता है। इन बंगलों में रहकर आप बंगाल के अतीत और तत्कालीन जमींदारों की जीवन शैली के बारे में पता लगा सकते हैं।
जब भी ऐसे किसी बंगले में जाते हैं तो वहां पर कुछ समय रुकने और रॉयल फील लेने का तो मन सभी का करता है। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो आपको एक बार बंगाल की सैर जरूर करनी चाहिए। कोलकाता के पास ऐसे कई हेरिटेज बंगले हैं, जिनको समय के साथ लग्जरी होटल या होमस्टे में बदल दिया गया है। आप भी इन बंगलों में बिना किसी परेशानी के रुक सकते हैं और यहां के इतिहास आदि को काफी पास से समझ सकते हैं।
राजबाड़ी बावली
अगर आप भी पुराने समय के ज़मींदार जीवन के बारे में कापी करीब से जानना चाहते हैं तो आपको राजबाड़ी बावली जरूर आना चाहिए। राजबाड़ी बावली कोलकाला से करीब एक या दो घंटे की दूरी पर नोदखली स्थित हैं। जहां पर आप 300 साल पुराने सर्वोत्कृष्ट बंगाली जमींदार जीवन को काफी करीब से जान सकते हैं। इसमें 7 तरह से सुइट हैं, जो आपको रॉयल फील देने का काम करते हैं। इस बावली की प्राचीन फर्नीचर और अत्याधुनिक सुविधाएं आपके सफर को यादगार बनाती हैं। यहां पर एक दिन रुकने के लिए आपको करीब 6,000 हजार रुपए खर्च करने होंगे।
बारी कोठी
100 साल पुरानी हवेली बारी कोठी की देखभाल अजीमगंज के ग्रामीण समुदाय द्वारा की जाती है। यह कोठी पारंपरिक बंगाली आर्किटेक्चर और डिजाइन से सजी हुई है। इस हवेली में आपको ग्लास की खिड़कियां, लकड़ी की नक्काशी और एक आंगल मिलेगा। इसमें 3 प्रकार के सुइट्स हैं। यह कोलकाता से करीब 4 घंटे की दूरी पर मौजूद है। यहां पर 1 दिन रुकने के लिए आपको करीब 15,000 रुपए कर्च करने होंगे।
कोसिमबाजार राजबाड़ी
पश्चिम बंगाल के ऐतिहासिक शहर मुर्शिदाबाद कोसिमबाजार राजबाड़ी स्थित है। यह भारतीय और यूरोपीय वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है। यह हेरिटेज पैलेस रॉयस के परिवार का था, उस दौरान वह ईस्ट इंडिया कंपनी के दीवान हुआ करते थे। इस महल के कुछ हिस्सों को वॉक-थ्रू म्यूजियम में बदल दिया गया है। इसके अलावा कुछ कमरों को गेस्ट रूम में बदल दिया गया है। यहां के कमरों की ऊंची छतें, शाही फर्नीचर और झूमर आदि आपको रॉयल फील देते हैं।
डेनमार्क टैवर्न
डेनमार्क टैवर्न एक टाइम कैप्सूल की तरह काम करता है। डेनमार्क टैवर्न पश्चिम बंगाल के ऐतिहासिक शहर सेरामपुर के एक छोर पर स्थित है। यह आपको देश की आजादी के पहले के बंगाल को दिखाता है। कोलकाता से 30 किमी की दूरी पर डेनमार्क टैवर्न स्थित है। यह इमारत करीब 230 साल पुरानी है। अगर आप भी यहां पर रुकना चाहते हैं तो यहां पर रुकने के लिए आपको 1 दिन का 7,900 रुपए खर्च करना होगा।