By रितिका कमठान | Jun 19, 2024
भारत समेत दुनिया भर के कई देश गंभीर जल संकट का सामना कर रहे हैं। वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है। अकेले दिल्ली में 70 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) पानी की कमी है। पानी कम होने के कारण लाखों परिवार जलजनित बीमारियों, निर्जलीकरण और मृत्यु के खतरे से जूझ रहे हैं। दुनिया के कम से कम 25 प्रतिशत लोगों के पास पीने का पानी नहीं है। दुनिया में अरबों लोग ऐसे हैं जिनके पास सुरक्षित स्वच्छता उपलब्ध नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र ने भविष्यवाणी की है कि 2025 तक 1.8 बिलियन लोग ऐसे देशों या क्षेत्रों में रह रहे होंगे जहाँ पानी की भारी कमी होगी। वैश्विक जल संकट विभिन्न कारकों से उत्पन्न होता है, जिसमें बढ़ती जनसंख्या, पानी की बढ़ती खपत, खराब संसाधन प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और गरीबी और असमानता के कारण पानी की कमी शामिल है।
आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में चार बिलियन लोग पानी की कमी से जूझ रहे है। यानी दुनिया की लगभग 50 प्रतिशत आबादी पानी की कमी से जूझ रही है। वर्ष में कम से कम एक महीने तक अत्यधिक जल-तनाव वाली परिस्थितियों में रहना पड़ता है। दुनिया के 25 देश हर साल अत्यधिक जल तनाव से जूझते हैं। नियमित रूप से अपनी उपलब्ध जल आपूर्ति का लगभग पूरा उपयोग कर लेते हैं। जल तनाव या कमी तब होती है जब किसी दिए गए क्षेत्र में सुरक्षित, उपयोग योग्य पानी की मांग एक निश्चित अवधि के दौरान उपलब्ध मात्रा से अधिक हो जाती है। यह मानचित्र उन देशों को दर्शाता है जहाँ अधिक उपयोगकर्ता स्वच्छ, उपयोग योग्य पानी की सीमित आपूर्ति के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
जल संकट से जूझ रहे दुनिया के कई देश