Lord Ram Kundli: श्रीराम की कुंडली में बन रहे थे कई शुभ योग, जानिए फिर क्यों संघर्ष में बीता पूरा जीवन

FacebookTwitterWhatsapp

By अनन्या मिश्रा | Mar 19, 2025

Lord Ram Kundli: श्रीराम की कुंडली में बन रहे थे कई शुभ योग, जानिए फिर क्यों संघर्ष में बीता पूरा जीवन
जगत के पालनहार भगवान विष्णु के स्वरूप श्रीराम का जन्म अयोध्या में हुआ था। वह अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र थे। भगवान श्रीराम का विवाह मिथिला की राजकुमारी सीता से हुआ था। हालांकि श्रीराम को न सिर्फ जीवन बल्कि अपने वैवाहिक जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा था। माना जाता है कि श्रीराम की कुंडली में ग्रहों की स्थिति और संयोग कुछ ऐसा रहा था कि उनको अपने जीवन, वैवाहिक जीवन से लेकर राजपाट तक में कई समस्याओं और परेशानियों का सामना करना पड़ा था। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको भगवान श्रीराम की कुंडली के बारे में बताने जा रहे हैं।


राम जी की कुंडली

नौमी तिथि मधुमास पुनीता। सुकल पच्छ अभिजित हरिप्रीता॥

मध्यदिवस अति सीत न घामा। पावन काल लोक बिश्रामा॥

इसे भी पढ़ें: Lord Ram: मंगलवार को ऐसे करेंगे श्रीराम की पूजा तो मिलेगा हनुमान जी का आशीर्वाद, दूर होगी हर बाधा


रामचरितमानस के बालकांड में इस दोहे का उल्लेख मिलता है। इस दोहे में भगवान राम के जन्म का समय बताया है। इसके मुताबिक चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन श्रीराम का जन्म हुआ था। उनका जन्म कर्क लग्न में अभिजीत मुहूर्त में हुआ था। भगवान श्रीराम की कुंडली में कई तरह के शुभ और अशुभ योग हैं। जिसका उनके जीवन पर भी प्रभाव पड़ा था। श्रीराम की कुंडली में रूचक योग, शश पंच योग, महापुरुष योग, हंस योग और लग्न में शत्रुहंता योग भी बन रहा है।


श्रीराम के जीवन में आईं कई दिक्कतें

जब श्रीराम का जन्म हुआ था तो उनकी कुंडली में सप्तम भाव में उच्च का मंगल विराजमान था, जोकि मांगलिक दोष को दर्शाता है। इस वजह से श्रीराम को वैवाहिक जीवन में कई तरह की समस्याओं और विरह आदि का भी सामना करना पड़ा था। वहीं कुछ ज्योतिष का यह भी मानना है कि श्रीराम कीं कुंडली में नीच का गुरु होने की वजह से उनको मां सीता से वियोग मिला था।


इसके साथ ही उनकी कुंडली में मातृभाव में शनि ग्रह और पितृ भाव में सूर्य देव विराजमान हैं। मान्यता है कि सूर्य और शनि के संबंध मधुर नहीं होते हैं, जिस वजह से भगवान श्रीराम का अपने माता-पिता से वियोग हुआ था।


36 गुणों का मिलना नहीं होता है शुभ

बता दें कि हिंदू धर्म में शादी के समय लड़का और लड़की की कुंडली मिलाई जाती है। वैसे तो किसी भी कुंडली में 36 के 36 गुण मिलना काफी मुश्किल होता है। लेकिन अगर किसी लड़के और लड़की की कुंडली में पूरे 36 गुण मिलते हैं, तो उनका विवाह करना शुभ नहीं माना जाता है। क्योंकि श्रीराम और मां सीता की कुंडली में विवाह के दौरान 36 गुण मिले थे। लेकिन इसके बाद भी श्रीराम और मां सीता को वैवाहिक जीवन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था।

प्रमुख खबरें

KKR vs GT Highlights: गुजरात टाइटंस ने केकेआर को 39 रनों से दी पटखनी, गिल-सुदर्शन की धमाकेदार पारी

IPL 2025: इन दो दिग्गज कमेंटेटर्स पर लगेगा बैन! ईडन गार्डन्स में दोनों कमेंटेटरों को नहीं देखना चाहता CAB, बीसीसीआई से की खास अपील

KKR vs MI: शुभमन गिल का फिर टूटा सपना, विराट कोहली के अनचाहे रिकॉर्ड को छुआ

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में एक नक्सली ढेर