By अनिमेष शर्मा | Jul 25, 2022
मनोज मुंतशिर अब एक जाना पहचाना नाम है जो कि किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वह अपने गीत और अपने यूट्यूब वीडियोस के माध्यम से अपनी बात को अच्छे तरीके से लोगों तक पहुंचा रहे हैं। मनोज मुंतशिर भारतीय जनमानस में एक राष्ट्रवादी गीतकार, कवि और लेखक के रूप में प्रसिद्ध हैं।
मनोज मुंतशिर उर्फ़ मनोज शुक्ला एक भारतीय गीतकार, कवि और पटकथा लेखक हैं जिन्होंने उन्होंने कई लोकप्रिय हिंदी फिल्मी गाने लिखे। "तेरी मिट्टी," "गलियां," "तेरे संग यारा," "कौन तुझे," "दिल मेरी ना सुने," और "फिर भी तुमको चाहूंगा" उनमें से हैं।
मनोज मुंतशिर का जन्म 27 फरवरी 1976 को गौरीगंज, अमेठी, उत्तर प्रदेश, भारत में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने एचएएल स्कूल कोरवा में पढ़ाई की। उन्होंने 1999 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद नौकरी की तलाश में मुंबई की यात्रा की, और कौन बनेगा करोड़पति के लिए लिखने के अवसर के बाद, उन्होंने टीवी और फिल्म उद्योग में प्रवेश किया।
मुंतशिर ने कई हिंदी फिल्म गीतों के लिए गीत लिखे, जिनमें एक विलेन से "गलियां", रुस्तम से "तेरे संग यारा", एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी से "कौन तुझे" और "जीनियस" से "दिल मेरी ना सुने" शामिल हैं।
"फिर भी तुमको चाहुंगा" (2017) के लिए उनके गीत, एक गीत जिसे आधिकारिक रिलीज से पहले अनौपचारिक संस्करणों में चार मिलियन से अधिक बार देखा गया था, 2001 में उनकी पत्नी के लिए लिखा गया था। 2019 की फिल्म केसरी के गाने "तेरी मिट्टी" के लिए सर्वश्रेष्ठ गीत के लिए 2020 के फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित होने के बाद उन्होंने अपनी नाराजगी ट्वीट की, लेकिन सम्मान किसी और के पास गया।
वह यश भारती पुरस्कार, आईफा पुरस्कार और रेडियो मिर्ची संगीत पुरस्कार सम्मानों से नवाजें गए हैं। उन्होंने एक किताब लिखी है जिसका नाम है मेरी फितरत है मस्ताना जो कि 2019 में प्रकाशित हुई थी।
मनोज मुंतशिर को 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार -2020 में सायना के लिए सर्वश्रेष्ठ गीत का पुरस्कार मिला है।
मनोज मुंतशिर अपने YouTube channel, Manoj Muntashir पर विभिन्न विषयों पर अपनी बात जोरदार तरीके से रखते रखते हैं।
- अनिमेष शर्मा