By अंकित सिंह | Sep 22, 2022
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां लगातार बढ़ती जा रही है। लगातार नए नए नाम सामने आ रहे हैं जो अध्यक्ष पद की रेस में अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। इसी कड़ी में आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद मनीष तिवारी का भी नाम सामने आ गया है। माना जा रहा है कि मनीष तिवारी भी कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं। आपको बता दें कि मनीष तिवारी पंजाब से लोकसभा के सांसद हैं। फिलहाल वह कांग्रेस आलाकमान से नाराज चल रहे हैं। मनीष तिवारी अध्यक्ष पद चुनाव को लेकर अपने निर्वाचन क्षेत्र में राज्य पार्टी के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर रहे हैं जिन्हें चुनाव में मतदाता बनाया गया है। गौर करने वाली बात यह भी है कि प्रत्येक उम्मीदवार को अपने पक्ष में नाम प्रस्तावित करने के लिए 10 प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधियों की आवश्यकता होती है।
गहलोत-थरूर को मिलेगी चुनौती
अगर मनीष तिवारी चुनावी मैदान में सामने आते हैं तो अशोक गहलोत और शशि थरूर को चुनौती मिल सकती है। अब तक के खबरों के मुताबिक अशोक गहलोत और शशि थरूर इस चुनाव में अपनी अपनी दावेदारी पेश करेंगे। खबर तो यह भी है कि अशोक गहलोत 26 से सितंबर को अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं। वहीं, शशि थरूर ने पिछले दिनों सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने चुनाव की जिम्मेदारी संभाल रहे मधुसूदन मिस्त्री से भी बात की थी। अशोक गहलोत के सूत्रों से दावा किया जा रहा है कि पहले वह राहुल गांधी को मनाने की कोशिश करेंगे। नहीं मानने की स्थिति में हो आपका नामांकन दाखिल करेंगे। हालांकि, आज अध्यक्ष पद के सवाल को लेकर राहुल गांधी ने साफ कर दिया है कि वह अपने स्टैंड पर पूरी तरह से कायम हैं।
सचिन पायलट की मुश्किलें
अशोक गहलोत फिलहाल कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। माना जा रहा है कि गांधी परिवार के भरोसेमंद होने की वजह से उनके अध्यक्ष पद पर काबिज होने की संभावना ज्यादा है। हालांकि, अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं। मुख्यमंत्री और अध्यक्ष पद एक साथ संभालना संभव नहीं है। सवाल भी उठ रहे हैं कि दोनों पदों पर एक व्यक्ति कैसे रह सकता है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि गहलोत के अध्यक्ष बनने की स्थिति में राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इसमें सचिन पायलट का नाम सबसे आगे चल रहा है। लेकिन सूत्रों का दावा है कि अशोक गहलोत इसको लेकर कहीं से भी तैयार नहीं हैं। अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच रिश्तो में दरार की खबरें तो हम सब लगातार पढ़ते रहे हैं। गहलोत फिलहाल अध्यक्ष पद के साथ-साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री पद को भी अपने पास रखना चाहते हैं।
दूसरी ओर पायलट समर्थक अब सीएम पद के लिए उनके नाम को आगे कर रहे हैं। खबर यह है कि भले ही सचिन पायलट के समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन विधायकों का समर्थन अभी भी अशोक गहलोत के ही पास है। ज्यादातर विधायक अशोक गहलोत के पक्ष में हैं। पिछले दिनों कांग्रेस के विधायक अशोक गहलोत के घर पर भी पहुंचे थे। राजस्थान की सियासत में गहलोत खेमे के नेताओं को सचिन पायलट किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं हैं। इसके अलावा पायलट की वफादारी पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े होने लगे हैं। पायलट के नेतृत्व में पार्टी के कुछ विधायक राजस्थान में बगावत पर उतर आए थे।