By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 12, 2022
असम में सरकारी नौकरी के लिए आयोजित होने वाली परीक्षाओं में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले एक युवक को गिरफ्तार करने को लेकर विपक्षी दलों ने रविवार को राज्य सरकार और पुलिस की आलोचना की। दरअसल, युवक ने आरोप लगाया था कि राज्य में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के 26 हजार पदों को भरने के लिए आयोजित हो रही परीक्षाओं में भ्रष्टाचार हो रहा है। विपक्ष ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वाले (व्हिसलब्लोअर) के बजाय वास्तविक दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए।
विक्टर दास नामक युवक ने कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत को टैग करते हुए ट्वीट कर दावा किया था कि मौजूदा समय में चल रही भर्ती के तहत कुछ अधिकारी और पूर्व विधायक तीन से आठ लाख रुपये की रिश्वत मांग कर नौकरी दिलाने की बात कर रहे हैं। इसके बाद, उस युवक को पूछताछ के लिए बुलाया गया और अंततः नौ सितंबर को गुवाहाटी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
गुवाहाटी पुलिस ने ट्वीट किया था, ‘‘विक्टर दास को झूठी अफवाहें फैलाने और सरकारी पदों पर चयन को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों के बीच कलह भड़काने की साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।’’ बाद में उसे एक अदालत ने सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। विक्टर दास की गिरफ्तारी को लेकर सभी विपक्षी दलों ने सरकार की कार्रवाई की आलोचना की है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ये मानसिक रूप से बहुत कमजोर लोग हैं, जो दावा करते हैं कि नौकरी देने से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को फायदा होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व विधायकों ने पैसे की मांग की, लेकिन कोई नाम नहीं बता सके। उन्होंने कुछ वाहन नंबर दिए। क्या यह जेम्स बॉन्ड की फिल्म है। जहां कोई कार में आता है और पैसे मांगता है?’’
कांग्रेस की असम इकाई के प्रमुख भूपेन कुमार बोरा के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल पानबाजार पुलिस थाने में विक्टर दास से मिलने गया, लेकिन उन्हें थाने परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया। बोरा ने ट्वीट किया, ‘‘आज असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी की टीम के साथ मुझे रोका गया और विक्टर दास से मिलने नहीं दिया गया, जो पुलिस हिरासत में हैं। हम न केवल उसके साथ हुए अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे, बल्कि राज्य के बेरोजगार युवाओं के लिए भी लड़ेंगे।