प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर 22 मार्च रविवार को देशभर में जनता कर्फ्यू रहेगा। ऐसे में लोगों से सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक घरों में रहने को कहा गया है। केवल आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग ही घरों से बाहर निकल सकते हैं। तमाम राज्यों में भी कोरोना के खतरे के मद्देनजर एहतियात बरते जा रहे हैं। लेकिन पश्चिम बंगाल की ममता सरकार द्वारा 22 मार्च के दिन मिड डे मिल के तहत चावल और आलू वितरण करने का आदेश दिया गया है। जिसके लेकर ममता सरकार पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
बीजेपी मीडिया सेल के हेड अमित मालवीय ने ममता सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए सर्कुलर ट्वीट करते हुए लिखा कि बंगाल सरकार ने मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के तहत 22 मार्च को विभिन्न स्कूलों में चावल और आलू वितरित करने का आदेश जारी किया है, जो पहले 23-24 मार्च को निर्धारित था। सभी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। यह सिर्फ जनता कर्फ्यू को बाधित करने के लिए किया गया है।
पश्चिम बंगाल में तीसरा मामला सामने आया
हाल में स्कॉटलैंड से लौटी एक महिला पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई है और इसके साथ ही राज्य में इस घातक विषाणु से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है।