By रेनू तिवारी | May 31, 2021
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य के मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाने के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया। ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को वापस बुलाने के केंद्र सरकार के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार उन्हें रिहा नहीं कर रही है। बंगाल सरकार उन्हें रिलीव नहीं कर रही है। लिहाजा चीफ सेक्रेट्री के दिल्ली पहुंचने की संभावना कम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में, ममता बनर्जी ने अलपन बंद्योपाध्याय को वापस बुलाने के केंद्र के फैसले को "असंवैधानिक" और "अवैध" बताया और केंद्र सरकार से अपना आदेश वापस लेने की अपील की।
ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल कोरोनोवायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है और चक्रवात यास से और अधिक तबाह हो गया है और इस मुश्किल समय में राज्य सरकार अपने मुख्य सचिव [अलपन बंद्योपाध्याय] को रिहा नहीं कर सकती है और न ही कर रही है।"
ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र ने राज्य में महामारी से लड़ने के लिए बंगाल के मुख्य सचिव के कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ाने के राज्य सरकार के अनुरोध पर सहमति व्यक्त की थी और अलपन बंद्योपाध्याय को वापस बुलाने का नवीनतम आदेश “लागू कानूनों का उल्लंघन और जनहित के खिलाफ था। ".
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय के सोमवार को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को रिपोर्ट करने की संभावना कम है क्योंकि राज्य सरकार से अभी उन्हें मंजूरी नहीं मिली है। यह जानकारी एक उच्च पदस्थ सूत्र ने दी। सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले ही उनके अचानक स्थानांतरण से बड़ा विवाद पैदा हो गया है। सूत्र ने बताया कि रविवार को राज्य सचिवालय ‘नबान्न’ में ही बंद्योपाध्याय मौजूद थे। सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘अभी तक बंद्योपाध्याय को पश्चिम बंगाल सरकार ने ड्यूटी से मुक्त नहीं किया है...कल के कार्यक्रम के मुताबिक अपराह्न तीन बजे मुख्यमंत्री द्वारा आहूत समीक्षा बैठक में वह हिस्सा ले सकते हैं।’’
केंद्र ने शुक्रवार की रात अचानक बंद्योपाध्याय की सेवाएं मांगीं और राज्य सरकार से कहा कि शीर्ष नौकरशाह को तुरंत वहां से मुक्त किया जाए। बंद्योपाध्याय 60 वर्ष की उम्र पूरा करने के बाद 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे। बहरहाल, कोविड-19 के प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार दिया गया था।