By अभिनय आकाश | Jun 20, 2022
केंद्र के 'अग्निपथ स्कीम' के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। बंगाल कोई अपवाद नहीं है। इधर भी लोग रेलवे और सड़क जाम कर केंद्रीय नीति के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। विशेष रूप से जो लोग राष्ट्रीय सेवा के लिए सेना में सेवा करने में रुचि रखते हैं, उनकी संख्या अधिक है। सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में भी विरोध कि चिंगारी देखने को मिली। जिससे सत्र हंगामेदार हो गया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को अग्निपथ के खिलाफ जमकर हल्ला बोला। उन्होंने कहा कि "चार साल बाद, हर कोई अपनी नौकरी खो देगा। फिर बेरोजगारों को भाजपा विधायकों के घर लाऊंगी, तुम नौकरी दोगे।'' यह टिप्पणी सुनकर भाजपा विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान बीजेपी विधायकों ने वॉकआउट कर दिया। बाहर लॉबी में प्रदर्शनकारियों ने पोस्टर हाथ में लेकर विरोध जताया।
विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और छह अन्य विधायक सोमवार को राज्य विधानसभा सत्र में शामिल हुए। निलंबन हाल ही में हटा लिया गया है। सत्र की शुरुआत में मुख्यमंत्री बोलने के लिए उठीं। उन्होंने कहा कि केंद्र की अग्निवीर योजना की निंदा में मुखर थीं। उन्होंने कहा, 'सेना विभाग की ओर से इस प्रोजेक्ट की घोषणा नहीं की गई है, गृह मंत्रालय ने किया। दरअसल, अग्निवीर बनाने के नाम पर बीजेपी कैडर बनेगा। जब आप चार साल बाद अपनी नौकरी खो देंगे, तो आपके परिवार की भी नौकरी चली जाएगी। आगे का मार्ग क्या है?