कश्मीर में अंसतोष की आवाज को दबाने के लिए सरकार पाशविक बल का प्रयोग कर रही: ममता

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 28, 2019

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार पर कश्मीर घाटी में अंसतोष की आवाज को दबाने के लिए पाशविक बल का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। ममता ने विरोध में आवाज उठाने पर सरकार को खुद को गिरफ्तार करने की चुनौती भी दी। बनर्जी ने सरकार को 1.76 लाख करोड़ रूपये देने के भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले का हवाला देते हुए यह भी कहा कि देश के महत्वपूर्ण संस्थानों का नेतृत्व सेवानिवृत नौकरशाह कर रहे हैं जो केवल सरकार की ‘हां में हां’ मिला रहे हैं। उन्होंने यहां अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई तृणमूल छात्र परिषद की स्थापना रैली में कहा, ‘‘ कश्मीर में क्या चल रहा है? सरकार घाटी में असंतोष की सभी आवाजों को दबाने के लिए पाशविकबल का इस्तेमाल कर रही है।’’

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तृणमूल कांग्रेस ने इस माह के प्रारंभ में संसद में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक का विरोध किया था और मतविभाजन के दौरान बहिर्गमन किया था। बनर्जी ने कहा, ‘‘ यदि सर्वदलीय बैठक होती तो हम अपनी राय रखते। हमें नहीं पता कि फिलहाल फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला फिलहाल कहां हैं।’’वह जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किये जाने के बाद राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को हिरासत में लिये जाने की कई बार आलोचना कर चुकी हैं। भगवा पार्टी की कटु आलोचक बनर्जी ने कहा कि वह सरकार के खिलाफ आवाज उठाती रहेंगी और उन्होंने केंद्र को सरकार के खिलाफ आवाज उठाने पर उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती दी।

उन्होंने कहा कि वह ‘‘ भाजपा के सामने नहीं झुकेंगी।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ सभी संस्थानों का नेतृत्व सेवानिवृत नौकरशाह कर रहे हैं जिनकी कोई जवाबदेही नहीं है। वे बस सरकार की ‘हां में हां’ मिला रहे हैं।’’ उन्होंने आरबीआई द्वारा केंद्र को 1.76 लाख करोड़ रूपये देने के केंद्र के फैसले का हवाला देते हुए कहा,‘‘आरबीआई के पास कोई आरक्षित धन नहीं है। सारे धन का केंद्र ने इस्तेमाल कर लिया है।’’ उन्होंने केंद्र पर प्रहार करते हुए कहा कि देश राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ता जा रहा है और उसमें लोकतंत्र के लिए कोई स्थान नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ वह एक सरकार, एक नेता और एक दल और एक आपातकाल का प्रचार कर रहे हैं। मैं मानती हूं कि हम चुनाव की राष्ट्रपति प्रणाली की ओर बढ़ रहे हैं। क्या इसी के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने संघर्ष किया था।’’ बनर्जी ने कहा, ‘‘ सभी अन्य दलों को तोड़ा जा रहा है। जब कर्नाटक सरकार गिरी तब किसी ने कुछ नहीं कहा। वे कहते हैं किबंगाल पर भी कब्जा कर लेंगे, मैं देखती हूं कि यह कैसे होता है। ’’

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उन्होंने कहा, ‘‘ केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं को या तो धमकी दे रही है या पैसे से उन्हें खरीद ले रही है। अब वह बंगाल के पीछे पड़ी है क्योंकि हम उसकी नीतियों और विभाजनकारी राजनीति का विरोध कर रहे हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे एक विधायक ने मुझसे कहा कि कैसे केंद्रीय एजेंसियां उन्हें डरा-धमका रही हैं। हम किसी एजेंसी से नहीं डरे हुए हैं। हमने कुछ गलत नहीं किया है। वे एक दिन एक को बुलाते हैं, दूसरे दिन दूसरे नेता को। यदि वे चाहते हैं तो वे मुझे सलाखों के पीछे डाल सकते हैं, मैं जेल जाऊंगी। मैं इसे स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई के रूप में लूंगी। मैं भाजपा के सामने हथियार नहीं डालूंगी।’’ उनका बयान ऐसे में आया है जब कई शीर्ष तृणमूल नेताओं एवं मंत्रियों को सीबीआई सारदा चिटफंड घोटाले और नारद स्टिंग ऑपरेशन में बुला रही हैं।

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