By अंकित सिंह | Mar 17, 2023
2024 चुनाव को लेकर राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गई हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस के नेतृत्व वाली विपक्षी एकता को ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने बड़ा झटका दिया है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने साफ तौर पर कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भारतीय जनता पार्टी से मुकाबला करने के लिए शक्तिशाली क्षेत्रीय दलों के साथ बैठक करेंगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम हमारे रास्ते पर चलेंगे, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी से दूरी बनाए रखेंगे। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने आज कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद यह फैसला किया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अगले सप्ताह ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से भी मिलेंगी, जो बीजू जनता दल के प्रमुख हैं। दोनों नेता 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए विपक्षी एकता पर चर्चा कर सकते हैं। अखिलेश यादव और नवीन पटनायक के साथ ममता की बैक-टू-बैक बैठकों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की कांग्रेस को किनारे में रखते हुए भाजपा के खिलाफ क्षेत्रीय दलों के गठबंधन बनाने की पहल पर अटकलों को तेज कर दिया है। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते है कि इस रणनीति का उद्देश्य कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को विपक्षी दलों के एक समूह के प्रमुख नेता के रूप में चित्रित करने के भाजपा के प्रयास का मुकाबला करना है।
सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि राहुल गांधी ने विदेशों में टिप्पणियां कीं और भाजपा तब तक संसद नहीं चलने देगी जब तक वह माफी नहीं मांग लेते। इसका मतलब है कि वे कांग्रेस का इस्तेमाल करके संसद नहीं चलाना चाहते। भाजपा चाहती है कि राहुल गांधी चेहरा (विपक्ष का) बनें ताकि इससे मदद मिले। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि यह सोचना एक भ्रम है कि कांग्रेस विपक्ष की 'बिग बॉस' है। उन्होंने कहा कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि यह तीसरा मोर्चा है, लेकिन क्षेत्रीय दलों के पास भाजपा का मुकाबला करने की ताकत है।