By रेनू तिवारी | Aug 24, 2023
हम सभी जानते हैं कि राकेश रोशन ने कई स्पेश फिक्शन फिल्में बनाई हैं। उन्होंने कोई मिल गया और कृष जैसी फिल्मों से लोगों का खूब मनोरंजन किया है। फिल्म एक्टर होने के साथ-साथ वह एक जबरदस्त फिल्म निर्माता भी है। भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के बुधवार शाम को चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर के उतरने के साथ इतिहास रचने के कुछ घंटों बाद, फिल्म निर्माता राकेश रोशन ने सोशल मीडिया पर ट्रेंडिग लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराया। राकेश रोशन ने सूची में शीर्ष स्थानों में से एक पर कब्जा कर लिया। आप सोच रहें होंगे आखिर राकेश रोशन का इससे क्या संबंध है? आपने अनुमान लगाया हो तो आपके दिमाग में कोई मिल लगया फिल्म का लिंक भी आया हो लेकिन ऐसा नहीं है। हम बताते है राकेश रोशन बिना कुछ किए चर्चा में क्यों आ गये। इसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भी भूमिका है।
ऐसा हुआ कि 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर लैंडिंग से पहले कोलकाता में एक कार्यक्रम में बोलते हुए ममता बनर्जी ने एक ब्लूपर में भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा को राकेश रोशन के रूप में संदर्भित किया जो वायरल हो गया है।
ममता बनर्जी ने कहा था “सबसे पहले, इसरो को बधाई। कृपया सुरक्षित रूप से उतरें। हम आपकी सुरक्षित और स्वस्थ यात्रा की कामना करते हैं। इससे पहले भी आपको पता होगा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लोगों को चांद पर भेजा था। उस समय हम छोटे थे। जब राकेश रोशन चंद्रमा पर उतरे, तो इंदिरा गांधी ने उनसे पूछा कि वहां से भारत कैसा दिखता है। और उन्होंने कहा था, सारे जहां से अच्छा, हिंदुस्तान हमारा,''। ममता बनर्जी की जुबान फिसलने का बस यहीं वीडियो तेजी से वायरल हो गया और कुछ ही घंटों में इसपर हजारों मीम बन गये। भारतीय वायु सेना के पूर्व पायलट राकेश शर्मा 1984 में सोवियत इंटरकोस्मोस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय थे।
इस बीच, एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर बातचीत पूरी तरह राकेश रोशन के बारे में है। बहुत सारे मीम्स हैं, क्योंकि सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने राकेश रोशन के बेटे, अभिनेता ऋतिक रोशन की ममता बनर्जी के ब्लूपर की प्रतिक्रिया वाली फिल्म के चित्रों का भी उपयोग किया है।
600 करोड़ रुपये मूल्य का मिशन चंद्रयान-3, 14 जुलाई को लॉन्च व्हीकल मार्क-III (LVM-3) रॉकेट का उपयोग करके लॉन्च किया गया था। मिशन का लक्ष्य 41 दिनों में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचना था। हाल ही में रूस के लूना-25 अंतरिक्ष यान की विफलता के बावजूद यह सफल हुआ।
भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला देश बनकर इतिहास रचा। चंद्रयान-3 41 दिनों की त्रुटिहीन यात्रा के बाद बुधवार शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा।
चार साल में अपने दूसरे प्रयास में चंद्रमा पर इस टचडाउन के साथ, भारत अमेरिका, चीन और तत्कालीन सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग की तकनीक में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बन गया है।