By अंकित सिंह | Apr 22, 2025
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को प्रदर्शनकारी शिक्षकों से अपनी ड्यूटी पर लौटने की अपील की और वादा किया कि उनकी सरकार उनके वेतन की सुरक्षा करेगी। उनके आश्वासन के बावजूद, हजारों शिक्षक जिनकी नियुक्तियाँ हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले द्वारा रद्द कर दी गई थीं - साल्ट लेक में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) कार्यालय के बाहर डेरा डाले हुए हैं और अपना रात भर का विरोध प्रदर्शन जारी रखा है।
ममता बनर्जी के हवाले से बताया कि आपको इस बात की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है कि कौन दागी है और कौन नहीं। आपको बस इस बात की चिंता करने की ज़रूरत है कि आपके पास नौकरी है या नहीं और क्या आपको समय पर वेतन मिल रहा है। दागी और बेदाग शिक्षकों की पहचान करने वाली सूची सरकार और अदालतों के पास है। बनर्जी ने कहा, "हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि आपकी नौकरियाँ अभी सुरक्षित हैं और आपको वेतन मिलेगा। कृपया अपने स्कूल वापस जाएँ और कक्षाएँ फिर से शुरू करें। मैंने कल रात से इस बारे में कई बार बात की है। हम आपके साथ हैं।"
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि ग्रुप सी और ग्रुप डी के कर्मचारी, जिन्होंने अपनी नौकरी खो दी है, के लिए एक समीक्षा याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में दायर की जाएगी और "तब तक हम पर अपना विश्वास बनाए रखें"। बनर्जी ने कहा कि वह मई के पहले सप्ताह में मुर्शिदाबाद के अशांत क्षेत्रों का दौरा करेंगी। शीर्ष अदालत ने तीन अप्रैल को राज्य द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार दिया और पूरी चयन प्रक्रिया को ‘‘दोषपूर्ण और अनुचित’’ बताया। न्यायालय के इस आदेश के परिणामस्वरूप अपनी नौकरी खोने वाले 2,000 से अधिक शिक्षकों ने सोमवार शाम को सॉल्ट लेक में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) के कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया।