By नीरज कुमार दुबे | Aug 25, 2021
पंजाब में कांग्रेस की आपसी खींचतान बढ़ती जा रही है। चार मंत्री और 30 विधायक तो मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ खुली बगावत पर उतर ही आये हैं अब कांग्रेस आलाकमान ने भी मान लिया है कि पंजाब में बड़ी संख्या में विधायकों के बीच नाराजगी है। क्या इस नाराजगी की कीमत अमरिंदर सिंह को कुर्सी छोड़कर चुकानी पड़ेगी यह तो समय ही बतायेगा लेकिन इतना तो दिख ही रहा है कि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू योजनाबद्ध तरीके से अमरिंदर सिंह को घेरने में कामयाब होते जा रहे हैं।
अध्यक्ष बनने के बाद अब सिद्धू खुद मुख्यमंत्री के खिलाफ खुलकर विरोध प्रकट नहीं कर सकते तो उन्होंने अपने सलाहकारों और अपने समर्थक विधायकों का सहारा लेना शुरू कर दिया है। हाल ही में सिद्धू के दो सलाहकारों ने विवादित बयान दिया था जिस पर मुख्यमंत्री ने सिद्धू को अपने सलाहकारों को सोच समझ कर बोलने की सलाह देने के लिए कहा था लेकिन अब सलाहकारों ने शायद 'ज्यादा ही सोच समझ कर' बोलना शुरू कर दिया है। इंदिरा गांधी और कश्मीर पर बयान को लेकर विवाद में आए नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार मालविंदर सिंह माली ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को 'अली बाबा' और उनके सहयोगियों को 'चालीस चोर' बता दिया या है।
माली ने अपनी ताजा फेसबुक पोस्ट में अमरिंदर सिंह को 'अली बाबा' और उनके समर्थकों को 'चालीस चोर' बताते हुए अमरिंदर खेमे को चेतावनी देते हुए कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू न तो 'दूल्हे' की तरह काम करेंगे, न ही 'अली बाबा और चालीस चोर की बारात का नेतृत्व करेंगे।' इस पोस्ट में माली चालीस चोर उन मंत्रियों और विधायकों को कह रहे हैं जिन्होंने अमरिंदर से माली के खिलाफ कार्रवाई करने की बात की थी। माली यहीं नहीं रुके उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद मनीष तिवारी को लुधियाना का भगोड़ा और पंजाब के शिक्षा और पीडब्ल्यूडी मंत्री विजय इंदर सिंगला पर खुली लूट करने का आरोप लगाते हुए उन्हें अली बाबा के चालीस चोरों में से एक बताया है।
वाकई अजीब संकट है पंजाब कांग्रेस का जहां विपक्षी नेता नहीं बल्कि अपनी पार्टी के नेता ही मुख्यमंत्री को चोर बता रहे हैं। उधर, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावती रुख अपनाने के बाद राज्य सरकार के चार कैबिनेट मंत्रियों और कुछ विधायकों ने बुधवार को देहरादून में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के महासचिव हरीश रावत से मुलाकात की। इस दौरान हरीश रावत ने सभी की बात सुनने के बाद कहा कि पंजाब सरकार को कोई खतरा नहीं है और मान मनौव्वल समाज और राजनीति का हिस्सा है हालांकि उन्होंने यह बात मानी कि पंजाब में नाराजगी है।
हम आपको बता दें कि पंजाब के चार मंत्रियों- तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, सुखजिंदर सिंह रंधावा और चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि उनका मुख्यमंत्री पर से भरोसा उठ गया है। यह सभी हरीश रावत से मुलाकात के बाद अब दिल्ली जाकर सोनिया गांधी या राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं।