By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 13, 2022
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में हो रही देरी पर चिंता जताते हुए बुधवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण(एनआईए) की विशेष अदालत को सुनवाई की स्थिति की जानकारी संबंधी रिपोर्ट हर पखवाड़े देने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते देरे और न्यायमूर्ति वी जी बिष्ट की खंडपीठ ने एनआईए को पिछले माह का ‘रोजनामा’ एक अगस्त को जमा कराने के भी निर्देश दिए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद प्रज्ञा ठाकुर मामले के आरोपियों में शामिल हैं। उच्च न्यायालय ने कहा कि केन्द्रीय जांच एजेंसी को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि बयान दर्ज करने के लिए प्रतिदिन एक के बजाय दो गवाहों को बुलाया जाए। उच्च न्यायालय 2018 में समीर कुलकर्णी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था।कुलकर्णी मामले में आरोपी हैं और सुनाई पूरी होने में हो रही देरी पर उन्होंने याचिका दाखिल की थी। पिछले माह उच्च न्यायालय ने एनआईए की विशेष अदालत को सुनवाई पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे, साथ ही इस पर एक हलफनामा भी दाखिल करने को कहा था।
विशेष अदालत ने बुधवार को एक रिपोर्ट पेश की जिसमें यह आश्वासन दिया था कि सुनवाई रोजाना के आधार पर चल रही है। नए न्यायाधीश के छह जून को जिम्मा संभाला है और तब से 12 गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है। एनआईए ने अपने हलफनामे में कहा कि सूचीबद्ध किए गए 495 गवाहों में से अदालत 256 के बयान दर्ज कर चुकी है और एजेंसी218 और गवाहों से पूछताछ करना चाहती है।
अदालत ने कहा, ‘‘हम सुनवाई में प्रगति के बारे में एनआईए की विशेष अदालत के न्यायाधीश से हर पखवाड़े रिपोर्ट की मांग को उचित पाते हैं।’’ न्यायाधीशों ने यह भी कहा कि अगर कोई गवाह समन के बाद पेश नहीं होता है तो एनआई को उसके खिलाफ जमानती वारंट जारी करने पर भी विचार करना चाहिए। मामले में अगली सुनवाई एक अगस्त को होगी।