Makar Sankranti 2025: पतंगों की उड़ान और तिल-गुड़ की मिठास का पर्व है मकर संक्रांति, जानिए मुहूर्त

FacebookTwitterWhatsapp

By अनन्या मिश्रा | Jan 14, 2025

Makar Sankranti 2025: पतंगों की उड़ान और तिल-गुड़ की मिठास का पर्व है मकर संक्रांति, जानिए मुहूर्त
आज यानी की 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन साधु-संत और गृहस्थ जीवन जीने वाले लोग तीर्थराज प्रयागराज में गंगा, यमुना, त्रिवेणी, नर्मदा और शिप्रा जैसी अन्य पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और पुण्यफल की प्राप्ति करते हैं। हर साल पौष महीने में यह पर्व मनाया जाता है। इस बार पौष महीने के खत्म होने के बाद मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के मुताबिक इस दिन सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। मकर संक्रांति के पर्व को खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा-उपासना का विशेष महत्व होता है। तो आइए जानते हैं मकर संक्रांति का महत्व, पूजन विधि और स्नान-दान के शुभ मुहूर्त के बारे में...


मकर संक्रांति तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2025 को है। इस दिन सूर्यदेव धनु से मकर राशि में सुबह 09:03 मिनट पर प्रवेश करेंगे। इसको उत्तरायण पर्व भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन सूर्य देव दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं।

इसे भी पढ़ें: Lohri 2025: आज मनाया जा रहा है लोहड़ी का पर्व, जानिए इसका महत्व और इतिहास


पुण्य काल मुहूर्त 

इस साल मकर संक्रांति के मौके पर पुण्य काल मुहूर्त 14 जनवरी 2025 की सुबह 08:40 मिनट से लेकर दोपहर 12:30 मिनट तक रहेगा।


महापुण्य काल मुहूर्त

मकर संक्रांति पर महापुण्य काल का मुहूर्क सुबह 08:40 मिनट से लेकर 09:04 मिनट तक रहेगा।


दान और स्नान का मुहूर्त

मकर संक्रांति पर स्नान-दान का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और दान के बिना इसका पूरा लाभ नहीं मिलता है। मकर संक्रांति पर गंगा स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 09:03 मिनट से लेकर सुबह 10:48 मिनट तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य दें और दान-दक्षिणा दें।


पूजा विधि

बता दें कि हिंदू धर्म में मकर संक्रांति के पर्व का विशेष महत्व होता है। देशभर के अलग-अलग हिस्सों में इस त्योहार को अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव की विधि-विधान से पूजा करने का विधान है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें। यदि नदी में स्नान करना संभव न हो, तो घर पर नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें। फिर सूर्य नारायण को अर्घ्य दें और उनके मंत्रों का जाप कर दान-दक्षिणा करें।

प्रमुख खबरें

भारत के बाद अभ 4 दिवसीय दौरे पर चीन पहुंचे श्रीलंका के राष्ट्रपति, BRI-हंबनटोटा समेत कई मुद्दों पर चर्चा

हो कानूनी कार्रवाई... पन्नू की हत्या की साजिश के मामले में केंद्र को सौंपी गई सीक्रेट रिपोर्ट में क्या है?

गौरव भाटिया का तंज, चुनाव हार रहे केजरीवाल, ध्यान भटकाने की अपना रहे रणनीति

शेख हसीना की भतीजी ने ब्रिटेन सरकार में मंत्री पद क्यों छोड़ा? ये वजह आई सामने