By अंकित सिंह | Aug 29, 2019
मंगलवार शाम अचानक एक नाम मीडिया की सुर्खियों में आने लगा। यह नाम कोई और नहीं बल्कि भाजपा के दिग्गज नेता और अटल बिहारी वाजपेयी कैबिनेट में मंत्री रहे स्वामी चिन्मयानंद का है। लेकिन यह नाम अचानक सुर्खियों में कैसे आया, यह सवाल हम सब के जहन में उठने लगा होगा। तो चलिए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है? दरअसल, एक लड़की के पिता ने स्वामी चिन्मयानंद पर पुत्री का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। पिता की तहरीर पर चिन्मयानंद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 364 (हत्या करने के लिए अपहरण करना) और धारा 506 (धमकाना) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। 24 अगस्त को सोशल मीडिया पर एक छात्रा ने वीडियो डाला जिसमें उसने स्वामी चिन्मयानंद का नाम लिये बिना कहा कि संत समाज का एक बहुत बड़ा नेता है जो बहुत लड़कियों की जिंदगी बरबाद कर चुका है, और मुझे भी मारने की धमकी देता है।
लड़की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मदद की अपील करते हुए कहा कि उसने मेरे परिवार को मारने की धमकी दी है। वह संन्यासी, पुलिस और डीएम सबको अपनी जेब में रखता है, इस बात की धमकी देता है कि कोई मेरा कुछ नही कर सकता है। लेकिन मेरे पास उसके खिलाफ सारे सबूत हैं। मेरी प्रार्थना है कि आप लोग मुझे इंसाफ दिलायें। लड़की शाहजहांपुर के एसएस लॉ कॉलेज से एलएलएम की छात्रा है। स्वामी चिन्मयानंद इसी एसएस लॉ कॉलेज के चेयरमैन हैं। वीडियो वायरल होने के बाद से ही लड़की कॉलेज के हॉस्टल से गायब है और उसका फोन भी 23 अगस्त से बंद है। आरोप सीधा-सीधा चिन्मयानंद पर लग रहे हैं। मामला सामने आने के बाद यूपी पुलिस की ओर से पीड़िता के पिता को सुरक्षा भी उपलब्ध करा दी गई है और इसकी जांच शुरू की जा चुकी है। पिता ने यह भी बताया कि उसने आखिरी बार दिल्ली के किसी होटल से बात की थी। पुलिस ने जब जांच-पड़ताल की तो पता चला कि लड़की दिल्ली के द्वारका के एक होटल में रुकी थी। पुलिस ने तो लड़की की आईडी बरामद कर ली पर लड़की का पता अब तक नहीं लगा है।
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इस बीच, लड़की के पिता के पुलिसिया शिकायत के बाद स्वामी चिन्मयानंद के समर्थकों ने भी एक शिकायत दर्ज कराई है। उनके समर्थकों का मानना है कि यह चिन्मयानंद को ब्लैकमेल करने की साजिश है। चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने लड़की और उसके पिता द्वारा लगाये गये सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुये कहा कि उनके दावों में रत्ती भर भी सच्चाई नही हैं। उन्होंने कहा कि 22 अगस्त को चिन्मयानंद को एक अनजान नंबर से व्हाटसअप संदेश आया। संदेश में कहा गया था कि आज शाम तक पांच करोड़ रुपये दीजिये। अगर आपने पैसे नही दिये तो मेरे पास आप का वीडियो है जिसे मैं टीवी और न्यूज चैनल पर वायरल कर दूंगा। इन तमाम आरोपों में सच्चाई जो भी हों पर सच यही है कि चिन्मयानंद का विवादों से पुराना नाता है। इससे पहले 2011 में भी एक साध्वी ने चिन्मयानंद पर बलात्कार का केस दर्ज करवाया था। केस लंबा चला पर यूपी में भाजपा सरकार के आते ही इस मामले को रफा-दफा कर दिया गया।
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कौन हैं स्वामी चिन्मयानंद
1991 में बदायूं, 1998 में मछलीशहर और 1999 में जौनपुर लोकसभा सीट से संसद पहुंचने वाले स्वामी चिन्मयानंद की गिनती एक समय भाजपा के दिग्गज नेताओं में होती थी। राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले चिन्मयानंद भाजपा के बड़े नेताओं के बेहद करीब रहे और अटल बिहारी वाजपेयी कैबिनेट में उन्हें गृह राज्य मंत्री जैसा बड़ा पद दिया गया। स्वामी चिन्मयानंद सक्रिय राजनीति में अब कम दिखते हैं पर उनकी पहुंच ऊपर तक बताई जाती है। खैर, अब यह देखना है कि इस मामले में कुछ निकल कर सामने आता है या फिर यह महज आरोप भर रह जाता है।