By अंकित सिंह | May 13, 2021
देश में जारी कोरोना वायरस संकट के बावजूद नेताओं की रसूखी में सरकारी खजाने से जमकर पैसे खर्च हो रहे है। ताजा मामला महाराष्ट्र का ही ले लीजिए। महाराष्ट्र कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है। कोरोना संकटकाल में सबसे अधिक मामले और मौतें भी महाराष्ट्र में हुई हैं। अभी भी वहां प्रतिदिन सैकड़ों लोगों की जान जा रही है। सरकार दावा कर रही है कि लॉकडाउन की वजह से उसके खजाने खाली हो गए है। कई मंत्रालय और विभाग ने तो यह तक कह दिया है कि फिलहाल कर्मचारियों को वेतन देने के लिए उनके विभाग के पास पैसे नहीं है। उसी महाराष्ट्र में डिप्टी सीएम अजित पवार के सोशल मीडिया अकाउंट को चलाने के लिए सरकारी खजाने से 6 करोड़ खर्च किए जाएंगे। यह ऐसे समय में हो रहा है जब लगातार सरकारी खजाने में पैसा नहीं होने की बात कही जा रही है।
सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव आरएन मूसाले के हस्ताक्षर वाली एक चिट्ठी वायरल हो रही है। इस चिट्ठी में अजित पवार के सोशल मीडिया अकाउंट की जिम्मेदारी बाहरी एजेंसी को सौंपने का भी जिक्र किया गया है। इसका उद्देश्य अजित पवार के द्वारा लिए गए फैसले और जानकारियों को लोगों तक पहुंचाना है। आदेश के मुताबिक अजित पवार के ट्विटर, फेसबुक, ब्लॉग, यूट्यूब, इंस्टाग्राम समेत तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यह एजेंसी हैंडल करेगी। हालांकि यह नहीं बताया गया है कि यह किस एजेंसी को दिया जाएगा। माना जा रहा है कि एजेंसी का चयन उप मुख्यमंत्री सचिवालय और महानिदेशालय, सूचना एवं जनसंपर्क के सलाह के आधार पर ही किया जाएगा। विभाग की चिट्ठी में यह भी लिखा गया है कि महाराष्ट्र सरकार की संचार एवं जनसंपर्क विभाग में प्रोफेशनल लोगो का अभाव है। इसी कारण यह फैसला लिया गया है।
आपको यह भी बता दें कि महाराष्ट्र सरकार के डीजीआईपीआर विभाग के पास 1200 कर्मचारी हैं और इनका सालाना बजट डेढ़ सौ करोड़ रुपए के आसपास है। ऐसे में अजित पवार के लिए अलग से 6 करोड रुपए सोशल मीडिया पर उनकी छवि चमकाने के लिए खर्च किया जाना हजम नहीं हो रहा है। इस फैसले के बाद से महाराष्ट्र में राजनीति भी तेज हो गई है। महाराष्ट्र के भाजपा प्रवक्ता राम कदम ने कहा कि राज्य सरकार कहती है कि वैक्सीन के लिए पैसे नहीं है। वहीं सरकार उपमुख्यमंत्री की पीठ थपथपाने के लिए पैसा खर्च करने जा रही है। राम कदम ने सवाल किया कि एक उप मुख्यमंत्री के ऊपर इतना खर्च किया जा रहा है तब अन्य मंत्रियों के ऊपर कितना खर्च हो रहा होगा। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। राम कदम ने यह भी आरोप लगाया कि कोरोना काल में हो तो सरकार ने इससे पहले महंगी गाड़ियां खरीदी, अपने मंत्रियों के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर उनके बंगलों का रिनोवेशन करवाया। यह सब जनता के पैसों का दुरुपयोग है।