नयी दिल्ली। महाराष्ट्र में शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय के लिये आरक्षण को वैध ठहराने वाले बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दिये जाने की संभावना के मद्देनजर राज्य सरकार ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में एक कैविएट दाखिल की ताकि उसका पक्ष सुने बगैर कोई एकपक्षीय आदेश नहीं हो सके। महाराष्ट्र सरकार ने अपने आवेदन में कहा है कि मराठा समुदाय के लिये आरक्षण के बारे में उच्च न्यायालय के 27 जून के फैसले को चुनौती देने वाली किसी भी याचिका पर उसका पक्ष सुने बगैर कोई आदेश नहीं दिया जाये।
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