मुंबई। महाराष्ट्र सरकार की ओर से किसानों की ऋण माफी की और इसके लिए मानदंड तय करने हेतु एक समिति गठित करने की घोषणा होने के बाद किसानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया। राजस्व मंत्री चन्द्रकांत पाटिल ने कहा, ‘‘सरकार ने सैद्धांतिक रूप से कुछ शर्तों के साथ किसानों का ऋण माफ करने का फैसला किया है। सीमांत और मझोले किसानों का सारा ऋण माफ किया जाता है।’’ मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस द्वारा गठित उच्च-स्तरीय समिति के अध्यक्ष पाटिल आज यहां किसान नेताओं से चर्चा के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों का ऋण माफ करने का फैसला लिया है। इसकी शर्तें और अन्य बातें संयुक्त समिति की बैठक में तय होंगी। मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘महाराष्ट्र सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता में सहमति बन गयी है और किसानों ने हड़ताल वापस लेने का फैसला लिया है।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘सरकर ने दूध के मूल्य में वृद्धि की किसानों की मांग भी मान ली है।’’ उन्होंने कहा कि दुग्ध सोसायटीज को चीनी उद्योग की तरह 70:30 के अनुपात पर लाभ साझा करने पर राजी होना होगा। किसानों के एक नेता ने कहा कि इस कदम से पांच एकड़ से कम कृषि भूमि के मालिक राज्य के 1.07 करोड़ किसानों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे सीमांत और मझोले किसानों पर 30,000 करोड़ रूपये का ऋण है।
इस बीच राजस्व मंत्री ने कहा कि किसान आंदोलन में भाग लेने वालों के खिलाफ दर्ज मुकदमें वापस ले लिए जाएंगे, लेकिन कुछ मामलों को छोड़कर। स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता और लोकसभा सदस्य राजू शेट्टी ने कहा, यदि सरकार अपने वादे पूरे करने में असफल रहती है तो वह 25 जुलाई से फिर आंदोलन शुरू करेंगे। शेट्टी ने कहा, ‘‘हमारे मुद्दे सुलझ गये हैं। हमने कल और परसों होने वाले धरना प्रदर्शन सहित अपना आंदोलन अस्थाई रूप से वापस लेने का फैसला लिया है। लेकिन, यदि 25 जुलाई तक (ऋण माफी पर) कोई संतोषजनक फैसला नहीं लिया गया तो हम अपना आंदोलन फिर शुरू करेंगे।’’शिवसेना से मंत्री दिवाकर राउते ने कहा, ‘‘बातचीत में मैं शिवसेना क प्रतिनिधि था। मैंने कहा कि शिवसेना प्रदर्शन करने वालों के साथ है। आज की बातचीत में फडणवीस ने सैद्धांतिक रूप से मांगें मान ली हैं।’’ अन्य किसान नेता रघुनाथदादा पाटिल ने कहा कि मंत्री ने आश्वासन दिया है कि किसानों का ‘‘सारा कर्ज’’ माफ होगा। उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल दीवाली के त्योहार जैसा माहौल है। हमारी सभी, 100 प्रतिशत, मांगें मान ली गयी हैं।’’उन्होंने कहा कि मंत्रीसमूह ने किसानों को आज से नये सिरे से ऋण देने शुरू करने का फैसला लिया है। निर्दलीय विधायक बाचु काडु ने कहा, ‘‘हम कल और 13 जून को आहूत सड़क और रेल रोको आंदोलन वापस ले रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, यदि आज लिये गये फैसले 24 जुलाई तक लागू नहीं होते हैं तो, किसान अपना आंदोलन फिर शुरू करेंगे।’’ राजस्व मंत्री से जब पूछा गया कि आज से जब नये सिरे से ऋण दिया जा रहा है तो क्या पुराने ऋण का समावेशन होगा, उन्होंने कहा, ‘‘यह सामान्य बैंकिंग प्रश्न है। जब तक पुराना ऋण चुकता नहीं होगा, नया ऋण नहीं मिल सकता।''