महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव : बीजेपी के Akash को तीसरी बार मिलेगा Khamgaon का सिंहासन या फिर कांग्रेस तलाशेगी कुर्सी की ज़मीन

By Anoop Prajapati | Oct 23, 2024

भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में पार्टी ने कुल 99 कैंडिडेंट के नाम घोषित किए हैं। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनावों के लिए वोट डाले जाएंगे। राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा से मैदान में उतरेंगे। प्रदेश अध्यक्ष चंद्र शेखर बावनकुले कामठी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। साथ ही पार्टी ने खामगांव सीट पर वर्तमान विधायक आकाश फुंडकर को फिर से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं। 


चुनावी बिगुल बजने के बाद महाराष्ट्र में चुनावी चिंगारी शोला बनकर सियासी समराग्नि में तब्दील होने को है। राजनीतिक रणकौशल के धनी इस समर में कूदने को बेताब दिखाई दे रहे हैं। सूबे के 288 मोर्चों पर होने वाले इस संग्राम में कौन सा सियासी दल कहां आग्नेयास्त्र का उपयोग करेगा? कौन इसके जवाब में वरुणास्त्र चलाएगा इसे लेकर रणनीति तैयार की जा रही है।


बुलढाणा जिले की खामगांव विधानसभा सीट पर कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी के पाले में जाती रहती है। 1999 से 2009 तक यह सीट कांग्रेस पास रही लेकिन 2014 में यहां बीजेपी ने जीत दर्ज की। 2019 में बीजेपी इस सीट को रिटेन करने में कामयाब रही। खामगांव विधानसभा सीट बुलढाणा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। राज्य बनने के बाद शुरूआत में यहां कांग्रेस का कब्जा रहा। 1978 में पहली बार पांडुरंग फुंडकर ने जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीत कर कांग्रेस के विजयरथ को रोका था। 1980 में बीजेपी ने जीत दर्ज की लेकिन 1985 में एक बार कांग्रेस ने खामगांव सीट पर वापसी की।


भाजपा ने 1990 और 1995 यहां से विजय प्राप्त की। लेकिन 1999 से 2009 तक कांग्रेस ने लगातार तीन जीत दर्ज कर हैट्रिक मारी। 1978 में कांग्रेस का पहली बार विजयरथ रोकने वाले पांडुरंग फुंडकर के बेटे आकाश फुंडकर को 2014 के विधानसभा चुनाव में खामगांव सीट से मैदान में उतारा और उन्होंने जीत दर्ज की। तब से आकाश फुंडकर यहां के विधायक हैं।


क्या है खामगांव विधानसभा का जातीय समीकरण ?


खामगांव विधानसभा सीट पर जातीय समीकरण की बता करें तो यहां ओबीसी वर्ग बहुल सीट हैं। यहां ओबीसी मतदाता चुनाव नतीजों को प्रभावित करते हैं। साथ ही 19 फीसदी दलित और 12 फीसदी मुस्लिम मतदाता भी अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में सभी जाति और वर्गों को ध्यान में रखते हुए पार्टियां अपनी रणनीति बना सकती हैं।


2024 में क्या होगा माहौल?


इस विधानसभा सीट के इतिहास का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि यहां अब तक केवल बीजेपी और कांग्रेस का वर्चस्व रहा हैं। ऐसे में महायुति से बीजेपी ने अपना उम्मीदवार तो उतार दिया है। तो वहीं महाविकास आघाड़ी से कांग्रेस यहां से अपना उम्मीदवार उतार सकती है। पिछले दो चुनावों में जीत से बीजेपी के हौंसले बुलंद होंगे तो वहीं कांग्रेस भी इस सीट से वापसी करना चाहेगी। अब फैसला खामगांव की जनता में हाथ में है कि वह किसके हाथ सत्ता की चाबी सौंपती हैं।

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