By अंकित सिंह | May 24, 2023
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण को लेकर केंद्र के साथ आप की जारी गतिरोध के बीच मुंबई में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। वह 25 मई को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकात करेंगे। केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन हासिल करने के लिए केजरीवाल विपक्षी नेताओं से मिलने के लिए देश भर के दौरे पर हैं। राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं पर दिल्ली सरकार को शक्ति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के केंद्र ने उलट दिया था।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम सब देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ आए हैं। मुझे लगता है कि हमें 'विपक्षी' दल नहीं कहा जाना चाहिए, बल्कि उन्हें (केंद्र को) 'विपक्षी' कहा जाना चाहिए क्योंकि वे लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि हम उन लोगों को हराने के लिए एक साथ आए हैं, जो लोकतंत्र के खिलाफ हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने हमसे वादा किया है कि वे संसद में हमारा समर्थन करेंगे और अगर यह विधेयक (अध्यादेश) संसद में पारित नहीं हुआ तो 2024 में मोदी सरकार सत्ता में वापस नहीं आएगी। उन्होंने कगा कि दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण से जुड़ा केंद्र का अध्यादेश इस बात का परिचायक है कि मोदी सरकार उच्चतम न्यायालय पर विश्वास नहीं करती। उन्होंने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का इस्तेमाल कर राज्य सरकारों को गिराया जा रहा है।
केजरीवाल ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की, जिन्होंने आप सुप्रीमो को आश्वासन दिया कि तृणमूल कांग्रेस एनडीए सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश का विरोध करेगी। ममता ने कहा कि टीएमसी दिल्ली सरकार के खिलाफ केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश का विरोध करेगी। यह सरकार 'एजेंसी की, एजेंसी द्वारा और एजेंसी के लिए' सरकार बन गई है। हमें डर है कि केंद्र सरकार संविधान को बदल सकती है, वे इसका नाम बदल सकते हैं।