By अंकित सिंह | Nov 25, 2024
महाराष्ट्र के चुनावी नतीजों के बाद मख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा तेज है। इस पद को लेकर एकनाथ शिंदे और देवेन्द्र फडणवीस के बीच रेस है। हालांकि, सवाल यह भी है कि अजित पवार और एनसीपी मुख्यमंत्री पद को लेकर किसका समर्थन करती है। खबर है कि अजित पवार देवेन्द्र फडणवीस को महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री बनाने की वकालत कर रहे हैं। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है। पवार ने रविवार को अपने आवास पर नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक बुलाई, जहां उन्होंने महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री पर चर्चा की।
सूत्रों के अनुसार शनिवार को एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र में महायुति की शानदार सफलता के पीछे प्रमुख प्रेरक शक्तियों में से एक लाडली बहना योजना का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री पद के लिए दावा पेश किया। जब से 2019 में महा विकास अगाड़ी गठबंधन के हिस्से के रूप में तत्कालीन संयुक्त शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने सरकार बनाई, तब से अजित पवार और एकनाथ शिंदे के बीच संबंध खराब हो गए थे। 2022 में शिंदे गुट का उद्धव ठाकरे की शिवसेना से अलगाव अजित पवार को राज्य प्रशासन पर महत्वपूर्ण अधिकार देने के ठाकरे के फैसले के कारण हुआ।
मंत्रालय में ठाकरे की कम उपस्थिति ने अजित पवार को नौकरशाही पर हावी होने की अनुमति दी थी। इससे एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच मनमुटाव पैदा हो गया, जिसके कारण अंततः शिंदे को पार्टी छोड़नी पड़ी और भाजपा के साथ सरकार बनानी पड़ी। ऐसा माना जाता था कि जब बीजेपी अजित पवार को महायुति गठबंधन में लेकर आई तो एकनाथ शिंदे ने शुरू में बेचैनी जताई थी। हालांकि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर अंतिम फैसला शिंदे सेना, एनसीपी (अजित पवार) और बीजेपी आलाकमान के वरिष्ठ नेताओं की संयुक्त बैठक के बाद ही लिया जाएगा।
महाराष्ट्र में भाजपा ने दौड़ में अपना वर्चस्व कायम किया और 149 सीटों पर चुनाव लड़कर 132 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि शिवसेना (एकनाथ शिंदे) को 57 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें मिलीं। इसके विपरीत, कांग्रेस सिर्फ 16 सीटों पर जीत हासिल कर पाई, जबकि शिव सेना (यूबीटी) 20 और एनसीपी (एसपी) 10 सीटों पर। महायुति की 234 सीटों में से 133 पर भाजपा की जीत के साथ, यह सवाल बना हुआ है कि क्या देवेंद्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा या क्या वह फिर से एकनाथ शिंदे के डिप्टी के रूप में काम करेंगे, जिनकी शिवसेना के पास सिर्फ 57 सीटें हैं। फैसला अभी बाकी है।