By रेनू तिवारी | Jul 01, 2023
बुलढाणा। महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में शनिवार को जिस दुर्भाग्यपूर्ण बस में आग लग गई और 26 यात्रियों की मौत हो गई। उसमें जीवित बचे लोगों में से एक ने कहा कि वह और कुछ अन्य लोग जलते हुए वाहन की पिछली खिड़की तोड़कर बाहर निकलने में कामयाब रहे। उन्होेने बताया की कुछ ही सेकेंड में पूरी बस में आग फैलती चली गयी किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला। इस हादसे में 3 बच्चों समेत 26 लोग जिंदा जल गये। पीएम मोदी ने भी इस घटना पर अपना दुख प्रकट किया है। यह हादसा बुलढाणा में सिंदखेडराजा के पास समृद्धि एक्सप्रेसवे पर हुआ, जब नागपुर से पुणे जा रही निजी यात्री बस रात करीब 1.30 बजे सड़क डिवाइडर से टकरा गई। पुलिस ने बताया कि बस में सवार 33 यात्रियों में से 26 की जलकर मौत हो गई।
हादसे में बचे यात्री ने सुनाई आपबीती
महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में शुक्रवार देर रात हुई बस दुर्घटना में जीवित बचे एक यात्री ने बताया कि उसने और कुछ अन्य यात्रियों ने बस की खिड़की तोड़कर अपनी जान बचाई। पुलिस ने बताया कि महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर एक यात्री बस में आग लगने से 25 यात्रियों की झुलस कर मौत हो गई। बस में 33 यात्री सवार थे। पुलिस ने बताया कि एक निजी ट्रैवल्स की बस नागपुर से पुणे जा रही थी, रास्ते में बुलढाणा जिले के सिंदखेडराजा के पास शुक्रवार देर रात करीब 1.30 बजे बस डिवाइडर से टकरा गई और इसमें आग लग गई।
हादसे में जीवित बचे व्यक्ति ने कहा, ‘‘बस का एक टायर फट गया और गाड़ी में तुरंत आग लग गई। देखते ही देखते आग फैल गई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं और मेरे बगल में बैठा एक यात्री पिछले हिस्से की खिड़की तोड़कर निकलने में सफल रहे।’’ जीवित बचे व्यक्ति ने बताया कि हादसे के बाद पुलिस और दमकल की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। एक स्थानीय निवासी ने कहा कि चार से पांच यात्री बस की एक खिड़की तोड़कर निकलने में कामयाब रहे। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हर कोई ऐसा नहीं कर सका।’’ स्थानीय निवासी ने कहा, ‘‘जो लोग बाद में बस से निकल सके उन्होंने हमें बताया कि उन्होंने राजमार्ग पर दूसरे वाहनों से मदद मांगी, लेकिन कोई नहीं रुका।’’
स्थानीय निवासी ने कहा, ‘‘पिंपलखुटा में इस मार्ग पर कई दुर्घटनाएं होती हैं। मदद की गुहार लगने पर जब हम वहां गए तो हमने भयानक मंजर देखा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अंदर मौजूद यात्री खिड़कियां तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। हमने लोगों को जिंदा जलते देखा...आग इतनी भीषण थी कि हम कुछ नहीं कर सके।’’ स्थानीय निवासी ने कहा कि अगर राजमार्ग से गुजर रहे वाहन मदद के लिए रुकते तो और यात्रियों की जान बचाई जा सकती थी।