By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 06, 2020
इंदौर। मध्यप्रदेश के धार जिले में बच्चा चोरी की अफवाह को लेकर भीड़ की हिंसा पर चिंता जताते हुए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह घटना समाज पर सवाल खड़े करने के साथ यह इशारा भी करती है कि आम लोग कहीं न कहीं पुलिस के काम से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, हमें सोचना होगा कि हमारा समाज छोटी-मोटी बात पर एकदम गुस्से में आकर हिंसा पर क्यों उतारू हो रहा है? आम लोग कहीं न कहीं पुलिस के काम से संतुष्ट नहीं हैं। इस बात से पुलिस-प्रशासन को भी सतर्क होना पड़ेगा। हमें भी अपने समाज की चिंता करनी होगी। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, भीड़ हिंसा की प्रवृत्ति बढ़ रही है और यह जाहिर तौर पर अच्छी बात नहीं है। यह प्रवृत्ति हमें गलत दिशा में ले जायेगी। हमें मनुष्य बने रहना है। महाजन ने यह भी कहा, ‘‘धार जिले में भीड़ हिंसा की घटना का तुरंत राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिये, क्योंकि ऐसे वाकये समूचे समाज की मानसिकता से जुड़े होते हैं।
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इस बीच, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने धार जिले में भीड़ हिंसा की घटना को लेकर ट्विटर पर आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने सूबे को तालिबानी प्रदेश बना दिया है। चौहान ने कहा, प्रदेश में तालिबानी तरीके से हत्याएं हो रही हैं और राज्य सरकार (मार्च के अंत में होने वाले) आईफा अवॉर्ड समारोह की मेजबानी में व्यस्त है। उधर, प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने पलटवार करते हुए कहा, शिवराज को हर विषय में राजनीति की रोटियां सेंकना बंद करना चाहिये। उन्हें खुद से जुड़े उन लोगों पर गौर करना चाहिये जो सोशल मीडिया पर नफरत फैलाते हैं। सोशल मीडिया पर नफरत फैलाये जाने के बाद ही भीड़ हिंसा के हालात बनते हैं।
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पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पुलिस को निर्देश दिये हैं कि भीड़ हिंसा मामले के सारे आरोपियों को 24 घंटे में गिरफ्तार किया जाये। अधिकारियों ने बताया कि धार जिले के मनावर क्षेत्र में मजदूरों से अपनी पेशगी रकम वसूल करने आये सात किसानों पर ग्रामीणों ने बुधवार को पत्थरों और लाठियों से हमला कर दिया था। इस हमले में इंदौर जिले के किसान गणेश पटेल (35) की मौत हो गयी, जबकि छह अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये थे। घटना में हताहत लोगों के खिलाफ अफवाह फैलायी गयी थी कि वे बच्चा चुराने आये हैं।