महाराष्ट्र का लोकप्रिय पर्वतीय स्थल है महाबलेश्वर

By प्रीटी | Apr 21, 2017

बंबई प्रसिडेंसी की ग्रीष्मकालीन राजधानी रहे महाबलेश्वर को महाराष्ट्र के सर्वाधिक लोकप्रिय पर्वतीय स्थलों में शुमार किया जाता है। 1372 मीटर की ऊंचाई पर स्थित महाबलेश्वर महाराष्ट्र राज्य का सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित पर्वतीय स्थल भी है जोकि पांच किलोमीटर के घेरे में बसा हुआ है।

13वीं सदी में यादव वंश के राजा सिंघन ने पांच नदियों− कृष्णा, कोयना, सावित्री, गायत्री तथा वेन्ना, के उद्गम स्थल पर महादेव मंदिर का निर्माण करवाया था। इसी स्थान का नाम कालांतर में महाबलेश्वर हो गया। महाबलेश्वर अनेक पर्वत मालाओं से घिरा हुआ है। सैलानियों को रिझाने के लिए यहां तीस से अधिक प्वाइंट हैं। सनसेट प्वाइंट, सनराइज प्वाइंट, विल्सन प्वाइंट, लोडविक प्वाइंट इनमें प्रमुख हैं।

 

वेण्णा झील में नौकायन, रंगबिरंगी मछलियों को पकड़ना, झील में तैरना आदि सैलानियों को आनंददायक लगता है। इसके साथ ही महाबलेश्वर में घुड़सवारी तथा राह में मधुमक्खियों से शहद निकालने की प्रक्रिया को देखना भी खासा रोमांचक होता है। टेढ़े−मेढ़े संकरे रास्तों से मकरंदगढ़ की ओर प्रयाण अथवा राबर्स केव का भ्रमण भी किया जा सकता है। वर्षा ऋतु एवं शीत ऋतु में अनेक स्थानों पर प्राकृतिक झरनों का अवलोकन करना भी सुखद अनुभव कराता है।

 

महाबलेश्वर से बीस किलोमीटर दूर स्थित प्रतापगढ़ किला भी देखने योग्य है। पानघाट पर स्थित यह किला छत्रपति शिवाजी के आठ प्रमुख किलों में से एक है। पश्चिम घाट में स्थित अन्य किलों की अपेक्षा प्रतापगढ़ का किला सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित एक भव्य दुर्ग है। महाबलेश्वर से प्रतापगढ़ के लिए बसों एवं कारों की व्यवस्था है।

 

महाबलेश्वर में 9 प्वाइंट का गोल्फ क्लब भी है जहां पर्यटक गोल्फ का आनंद उठा सकते हैं। आप पंचगनी भी जा सकते हैं। यह एक पर्वतीय विश्राम स्थल है जोकि पांच पहाड़ियों से घिरा हुआ है। महाबलेश्वर से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पंचगनी मुंबई से महाबलेश्वर की ओर जाते समय पहले आता है।

 

पंचगनी का प्रमुख आकर्षण टेबल लैंड है जोकि एक समतल पहाड़ी पर स्थित है। यहां से एक ओर मैदानों की हरियाली तथा दूसरी ओर बादलों का दृश्य देखने में अत्यंत आकर्षक लगते हैं। अनेक हिन्दी फिल्मों के प्रेम दृश्य एवं गीतों का फिल्मांकन इसी स्थान पर किया जाता है। फिल्म निर्माता−निर्देशकों में तो यह स्थल खासा लोकप्रिय है।

 

पंचगनी में एक ओर कृष्णा नदी का प्रवाह, दूसरी ओर घने छायादार वृक्षों की तालिका तथा नैसर्गिक सौंदर्य अपने आप में अभूतपूर्व हैं। पंचगनी की विशेषता यह है कि यहां पर विश्व के अनेक देशों के घने छायादार वृक्षों की भरमार है। यहां पर फ्रांस के पाइन, स्काटलैंड के प्लम के अतिरिक्त बोस्टन के अंगूर, रत्नागिरि के आम के वृक्ष हैं। मुंबई से यह स्थान 295 किलोमीटर दूर है। महाबलेश्वर से यहां आने के लिए बसों की ठीकठाक व्यवस्था है।

 

महाबलेश्वर घूमने आने के लिए अक्टूबर से जून महीने का समय सबसे ज्यादा उपयुक्त रहता है। मुंबई से महाबलेश्वर के लिए राज्य सरकार द्वारा बसों की विशेष व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त मुंबई से सात दिन के लिए पैकेज टुअर की भी व्यवस्था है। महाराष्ट्र पर्यटन विभाग द्वारा महाबलेश्वर एवं पंचगनी में आवास की भी अच्छी व्यवस्था की गई है।

 

प्रीटी

प्रमुख खबरें

पूर्व PM मनमोहन सिंह का निधन, 92 साल की उम्र में दिल्ली के AIIMS में ली अंतिम सांस

सक्रिय राजनीति फिर से होगी रघुवर दास की एंट्री? क्या है इस्तीफे का राज, कयासों का बाजार गर्म

क्या इजराइल ने सीरिया में फोड़ा छोटा परमाणु बम? हर तरफ धुंआ-धुंआ

1,000 नए रंगरूटों को दिया जाएगा विशेष कमांडो प्रशिक्षण, सीएम बीरेन सिंह ने दी जानकारी