By अंकित सिंह | Oct 20, 2023
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों पूरी तैयारी में जुटे हुई हैं। इंडिया गठबंधन में होने के बाद भी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं हो सका। इसी को लेकर अखिलेश यादव ने एक बयान दिया है। उन्हीं के बायन पर भाजपा नेता और राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तंज कसा है। शिवराज ने कहा कि दिल्ली में दोस्ती और राज्यों में कुश्ती, ऐसा कहीं होता है?। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को एक साल तक धोखे में रखा। जिन शब्दों का प्रयोग उन्होंने (अखिलेश यादव) किया है, उससे उनके मन की स्थिति को समझा जा सकता है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस, सपा और AAP तीनों लड़ रहे हैं। ये किस बात का गठबंधन है?
शिवराज ने कहा कि जनता आश्चर्य के साथ इस गठबंधन को देख रही है कि आज जब ये आपस में लड़ रहे हैं तो इनके हाथों में देश का भविष्य कैसे होगा? दरअसल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि पूर्व में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस नेता ने बैठक बुलाई थी, जिसमें हमने उन्हें समाजवादी पार्टी की पूरी रिपोर्ट दिखाई। रात 1 बजे तक समाजवादी पार्टी के नेताओं को उन्होंने जगाया और आश्वासन दिया कि हम 6 सीटों पर विचार करेंगे लेकिन जब सीटें घोषित की गईं तो समाजवादी पार्टी शून्य रही। उन्होंने कहा कि अगर मुझे पहले पता होता कि विधानसभा स्तर पर INDIA का कोई गठबंधन नहीं है तो हम उसमें कभी मिलने नहीं जाते। समाजवादी पार्टी के साथ जैसा व्यवहार होगा वैसा व्यवहार उनको (कांग्रेस) देखने को मिलेगा।
मध्य प्रदेश में देखा जाए तो कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच बातचीत शुरू हुई थी। हालांकि किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले ही यह खत्म हो चुकी है। दोनों राजनीतिक दलों ने अपने-अपने रास्ते अलग कर लिए हैं। इसके बाद दोनों ओर से शब्द बाण भी एक-दूसरे के खिलाफ चलाए जा रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि सपा-कांग्रेस गठबंधन पर ब्रेक लगने से अखिलेश यादव नाराज है। उन्होंने यह तक कह दिया है कि मध्य प्रदेश में अगर यह गठबंधन नहीं हुआ तो भविष्य में प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं होगा। कमलनाथ ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का ध्यान लोकसभा चुनाव पर है और अगर यह गठबंधन मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में होता है तो अच्छा होता। कमलनाथ ने कहा कि चुनावी साझेदारी (सहयोगियों के साथ) में कुछ जटिलताएं हैं क्योंकि कांग्रेस को स्थानीय स्थिति पर विचार करना होगा। आप भी वहा अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। मध्य प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन नहीं होने के बाद जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी भी कांग्रेस पर आक्रामक हो गई है और इसका सीधा कनेक्शन राजस्थान से है।