मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य, जहाँ है 36 जिलों में वन स्टॉप सेंटर आईएसओ प्रमाण पत्र प्राप्त

By दिनेश शुक्ल | Jun 10, 2020

भोपाल। वन स्टॉप सेंटर की सहायता के लिए स्थानीय स्तर पर रिसोर्स ग्रुप गठित किया जाए, जिसमें सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो। प्रमुख सचिव महिला बाल विकास अशोक शाह मंत्रालय में वन स्टॉप सेंटर की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान उक्त निर्देश दिये। बैठक में संचालक महिला बाल विकास श्रीमती स्वाति मीणा नायक भी उपस्थिति थीं। प्रमुख सचिव शाह ने कहा कि वन स्टॉप सेंटर की मॉनिटरिंग के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति की बैठक शीघ्र आयोजित करें। सभी वन स्टॉप सेंटर पर वर्ष में एक बार कार्यक्रम आयोजित कर समाज के सभी प्रबुद्ध जनों, अशासकीय संस्थाओं चिकित्सक, विधिक अधिकारी और प्रशासन के अधिकारियों को आमंत्रित कर सेंटर की जानकारी से अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर अधिकारियों का समूह बनाया जाए, जो विपत्ति ग्रस्त महिलाओं की सहायता में सहयोग करें। सामाजिक मान्यता और कुरीतियों की रोकथाम के लिए कार्यशाला भी आयोजित करें।

 

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वन स्टॉप सेंटर में सभी प्रकार की हिंसा से प्रभावित महिलाओं और बालिकाओं को एक ही स्थान पर आपातकालीन एवं गैर आपातकालीन सहायता जैसे पुलिस एवं विधिक सहायता, अस्थाई आश्रय, चिकित्सा सहायता एवं काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। सेंटर में 18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं तथा महिला के साथ 8 वर्ष से कम उम्र का बालक भी आश्रय प्राप्त कर सकता है। दीर्घ अवधि तक की आवश्यकता की स्थिति में महिला को विभाग द्वारा संचालित स्वाधार गृह में भेजा जाता है। वर्तमान में प्रदेश के 51 जिलों में वन स्टाप सेंटर संचालित है। वित्तीय वर्ष 2019 में कुल 10486 महिलाओं और बालिकाओं को पंजीकृत कर चाही गई सहायता उपलब्ध करवाई गई। मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसमें 36 जिलों में संचालित वन स्टॉप सेंटर को आईएसओ प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है।

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