By दिनेश शुक्ल | Dec 28, 2020
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का सोमवार 28 दिसंबर से प्रस्तावित शीतकालीन तीन दिवसीय सत्र सर्वदलीय बैठक के बाद रविवार को स्थगित कर दिया गया था। मध्य प्रदेश विधानसभा के 61 कर्मचारी और 5 विधायक कोरोना जाँच में संक्रमित पाए गए थे जिसके बाद यह निर्णय लिया गया। वही विधानसभा सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस ने सरकार को मंहगाई और किसान कानून के मुद्दों पर घेरने की पूरी रणनीति बना ली थी। जिसके तहत कांग्रेस विधायक ट्रेक्टरों से विधानसभा पहुँचने वाले थे। कांग्रेस ने इस प्रदर्शन के लिए राजधानी भोपाल में पहले से ही ट्रेक्टरो की व्यवस्था कर ली थी जिन्हें तीन दिन पहले ही मध्य प्रदेश प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अरूण यादव के बंगले पर एकत्र किया गया था।
वही विधानसभा में रविवार 27 दिसंबर को हुई सर्वदलीय बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए विधानसभा का 28 से 30 दिसंबर तक चलने वाला शीतकालीन सत्र स्थगित रखा जाए। जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने मौन धरने की घोषणा कर कर दी। जिसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरूण यादव के यहाँ तीन दिन से खड़े ट्रेक्टर खड़े के खड़े रह गए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की मौन धरने की घोषणा के बाद सोमवार को कमलनाथ सहित कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर पहुँचकर मौन धरना प्रदर्शन किया और किसान आंदोलन के पक्ष में अपना समर्थन जताया।