By रेनू तिवारी | Mar 26, 2019
लिव इन रिलेशनशिप की शुरूआत भारत में अमृता प्रितम ने की थी। तब उनका कड़ा विरोध किया गया था। तब से लेकर आज तब लिव इन रिलेशनशिप को भले ही कानून ने मान्यता दे दी हो लेकिन भारतीय संस्कारी समाज आज भी इसे नहीं मानता। लेकिन जैसे-जैसे वक्त बदल रहा है वैसे ही लोगों के विचार में भी परिवर्तन आने लगा है। आज का यूथ अपनी जिंदगी से जुड़े फैसले वो अंधकार में रहकर नहीं लेना चाहता। यूथ लिव इन रिलेशनशिप में विश्वास रखता हैं। ऐसी ही दो अलग सोच रखनेवाले किरदारों को पिरोकर निर्देशक लक्ष्मण उतेकर ने 'लुका छुपी' की कहानी बुनी है।
फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी मथुरा शहर की है, जहां गुड्डू (कार्तिक आर्यन) केबल चैनल चलाता है। गुड्डू केबल चैनल का मशहूर रिपोर्टर है। वही दूसरी तरफ रश्मि (कृति सेनन) मथुरा के राजनेता त्रिवेदी जी की इकलौती बेटी है। रश्मि (कृति सेनन) दिल्ली से अपनी मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई करके वापस मथुरा वापस आई है। मथुरा में रश्मि (कृति सेनन) को गुड्डू (कार्तिक आर्यन) के केबल चैनल में इंटर्नशिप करने का मौका मिलता हैं इंटर्नशिप करने के दौरान गुड्डू और रश्मि को एक दूसरे से प्यार हो जाता हैं। कहानी में ट्यूस्ट तब आता हैं जब रश्मि कहती हैं कि शादी से पहले वो गुड्डू के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहती है ताकि वो गुड्डू जिससे वो प्यार करती हैं उसको समझ सकें। वही गुड्डू का मानना हैं कि जब आप प्यार करते हो तो शादी करके घर बसा लेना चाहिए। कहानी का खतरनाक मोड़ तब आता हैं जब ये पता चलता हैं कि रश्मि के पिता त्रिवेदी जी (विनय पाठक) लिव इन रिलेशनशिप को कड़े आलोचक हैं। त्रिवेदी जी अभिनेता नाजिम खान के लिव इन का कड़ा विरोध कर उसकी फिल्मों को बैन करवा चुके हैं। अब उनके पार्टी सदस्यों का कहर मथुरा के लव कपल्स पर बरस रहा है। उसकी पार्टी के मेंबर्स प्रेमी जोड़ों को देखते ही उनका मुंह काला करने से नहीं चूकते। ऐसे में गुड्डू और रश्मि का क्या होता है इसके लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
फिल्म लुका छुपी रिव्यू
फिल्म 'लुका छुपी' के निर्देशक लक्ष्मण उतेकर ने भारतीय संस्कारी समाज में लिव इन को किस नजरिये से देखा जाता हैं इस बेहद ही सामयिक विषय को बहुत ही खूबसूरती से उठाया है। कॉमेडी के साथ इस फिल्म के संदेश को देने में लक्ष्मण उतेकर कामयाब रहे हैं। फिल्म 'लुका छुपी' के फर्स्ट हाफ में फिल्म का कहानी बनती हैं लेकिन सेकेंड हॉफ में जबरदस्त मोड़ आता हैं वो फिल्म को रॉमांचक बना देता हैं। निर्देशक ने शादी और लिव इन के बहाने मोरल पुलिसिंग पर भी कटाक्ष किया है, मगर बहुत ही हलके-फुलके अंदाज में। फिल्म जेंडर इक्वॉलिटी, कास्ट सिस्टम और छोटे शहर की सोच को भी छूती है। फिल्म के फर्स्ट हाफ में गुड्डू और रश्मि के लिव इन के दौरान घरवालों का उनकी खोज-खबर न लेना खटकता है। हालांकि सिचुएशनल कॉमिडी के मजेदार पल पूरी फिल्म में भरपूर मनोरंजन करते हैं।
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कलाकारों की एक्टिंग
कार्तिक आर्यन के लिए हमेशा की तरह ये किरदार मक्खन की तरह था। उनकी बच्चों वाली मासूमियत, लड़कियों को लुभाती है। कृति सैनन छोटे शहर की मॉडर्न लड़की किरदार एकदम बेहतरीन तरीके से निभाती हैं। दोनों की केमिस्ट्री अच्छी है। फिल्म में अपारशक्ति खुराना का किरदार भी लोगों को पसंद आएगा क्योंकि ऐसी कहानियों में दोस्त ही भगवान होते हैं। पंकज त्रिपाठी एक चिरकुट से जीजा जी बनकर आपको काफी हंसाएंगे। उनका किरदार ड्रामा से भरपूर है। विनय पाठक, त्रिवेदी के किरदार में अच्छे लगते हैं।
कलाकार- कार्तिक आर्यन,कृति सेनन,पंकज त्रिपाठी,अपारशक्ति खुराना,विनय पाठक
निर्देशक - लक्ष्मण उतेकर
मूवी टाइप- कॉमिडी,रोमांस
अवधि- 2 घंटा 6 मिनट