पेरिस ओलंपिक में पदक का रंग बदलने को बेताब Lovlina, टोक्यो में जीता था कांसा

By Anoop Prajapati | Jun 30, 2024

टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली स्टार मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन फ्रांस में होने जा रहे पेरिस ओलंपिक में अपने पदक का रंग बदलने को तैयार हैं। ओलंपिक, विश्व और एशियन चैंपियनशिप में पदकों के साथ, कुछ ही सालों में भारतीय मुक्केबाज़ लवलीना बोरगोहेन की सफलता शानदार रही है। एक छोटे से गांव से अंतरराष्ट्रीय पोडियम तक के सफ़र में, युवा मुक्केबाज़ को चार साल से अधिक का समय लगा। लवलीना और उनकी दो बड़ी बहनों ने मॉय थाई को अपनाया, जो किक-बॉक्सिंग का एक रूप है। उनके दोनों बहनों ने राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिस्पर्धा की है।


2 अक्टूबर, 1997 को असम के गोलाघाट ज़िले के बरोमुखिया नामक एक सुदूर गांव में जन्मी लवलीना बोरगोहेन के परिवार को बचपन में गुजारा करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। लेकिन इसने लवलीना के पिता को अपने बच्चों की खेल महत्वाकांक्षाओं का समर्थन करने से नहीं रोका। साल 2012 में अपने स्कूल में भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) बॉक्सिंग ट्रायल में भाग लेने के दौरान, लवलीना बोरगोहेन की प्रतिभा ने पदुम बोरो का ध्यान अपनी तरफ़ खींचा। आख़िर में वह उनके बचपन के कोच बनें। जब मैरी कॉम लंदन 2012 ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच रही थी, उस समय लवलीना बोरगोहेन बॉक्सिंग की दुनिया में अपनी यात्रा शुरू कर रही थीं। लेकिन सिर्फ़ नौ साल बाद, लवलीना ने टोक्यो 2020 में मैरी की उपलब्धि को दोहराया। ट्रायल्स के बाद, लवलीना बेहतर ट्रेनिंग के लिए गुवाहाटी के SAI केंद्र में चली गईं और उसका नतीजा भी उन्हें जल्दी देखने को मिला। 


16 साल की उम्र में, लवलीना ने 2012 में जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती और जल्द ही इंटरनेशनल लेवल पर अपनी पहचान बना ली। इसकी शुरुआत सर्बिया में 2013 के राष्ट्र महिला जूनियर कप में रजत पदक से हुई थी। छोटी उम्र से ही लंबी क़द की होने की वजह से लवलीना बोरगोहेन को उच्च वज़न वाले डिवीज़नों में लड़ने की आदत थी। इसलिए 70 किग्रा से 75 किग्रा वर्ग में जाने के बाद भी उन्होंने रिंग में सफलता पाई। साल 2014 के नेशन वूमेंस यूथ कप में उन्होंने पदक जीता और फिर इसके बाद अगले संस्करण में लवलीना ने रजत पदक जीता। जूनियर सर्किट में जीत हासिल करने के बाद, लवलीना बोरगोहेन ने सीनियर स्तर पर वेल्टरवेट वर्ग (69 किग्रा) में वापसी की। 


इंडिया ओपन में गोल्ड जीतने के बाद, बॉक्सिंग फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया (BFI) ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में वेल्टरवेट डिवीज़न में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए लवलीना बोरगोहेन को चुना। उन्होंने कहा कि “मैंने अपनी फ़िजिक को सुधारने पर ध्यान दिया और इससे मुझे मुक़ाबलों के बीच में रणनीति बनाने में भी मदद मिली। मैंने उसके बाद बेहतर प्रदर्शन करना शुरू किया।" इस अप्रोच ने लवलीना को 2018 में विश्व चैंपियनशिप की शुरुआत में कांस्य पदक जीतने में मदद की। उन्होंने पदक जीतने के लिए क्वार्टर में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विश्व रजत पदक विजेता केय स्कॉट को हराया। 


हालांकि, सेमीफ़ाइनल में टखने की चोट ने उन्हें काफ़ी नुकसान पहुंचाया और वह चीनी ताइपे की चेन निएन-चिन से हार गईं। लेकिन विश्व और महाद्वीपीय प्रतियोगिताओं में पदकों ने लवलीना की सफलता की भूख को शांत नहीं किया और अब उनका लक्ष्य ओलंपिक में पदक जीतने का था। लवलीना ने साल 2020 एशिया और ओशिनिया बॉक्सिंग ओलंपिक क्वालीफ़ायर में कांस्य पदक के साथ टोक्यो 2020 के लिए क्वालीफ़ाई करने की तरफ़ क़दम बढ़ाया। उन्होंने न केवल क्वार्टर-फ़ाइनल में उज़्बेकिस्तान की मफ़तुनाख़ोन मेलीवा को हराया बल्कि टोक्यो ओलंपिक के नौ सदस्यीय भारतीय मुक्केबाज़ी दल में भी अपनी जगह बनाई। लवलीना बोरगोहेन ने क्वार्टर-फ़ाइनल में चेन निएन-चिन को 4-1 से हराकर समर गेम्स में अपना पहला पदक पक्का किया। इसके साथ, लवलीना बोरगोहेन महान बॉक्सर एमसी मैरी कॉम और विजेंदर सिंह के साथ ओलंपिक पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय मुक्केबाज़ बन गईं। 


असम की इस बॉक्सर को साल 2020 में अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया। 69 किग्रा को पेरिस 2024 ओलंपिक कार्यक्रम से हटाए जाने के बाद 75 किग्रा भार वर्ग में जाने के लिए मजबूर, लवलीना बोरगोहेन ने पहले ही डिवीज़न में अपनी उपस्थिति महसूस करना शुरू कर दिया है। उन्होंने अगले साल नई दिल्ली में इस श्रेणी में विश्व चैंपियन बनने से पहले 2022 एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। असम की मुक्केबाज़ ने हांगझोऊ में एशियन गेम्स 2023 में रजत पदक जीता और इसी के साथ पेरिस 2024 ओलंपिक कोटा हासिल किया।

प्रमुख खबरें

Pune Porsche crash: कोर्ट ने नाबालिग आरोपी के पिता और दादा को दी जमानत, ड्राइवर के अपहरण का लगा है आरोप

Engineering के लिए फेमस है नोएडा के ये टॉप प्राइवेट कॉलेज, मिलेगी Placement

Uttar Pradesh Live: हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़, 70 से ज्यादा लोगों की मौत, योगी ने दो मंत्रियों को भेजा

NEET विवाद पर लोकसभा में बोले PM Modi, युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को कत्तई छोड़ा नहीं जाएगा