By निधि अविनाश | Mar 07, 2020
नई दिल्ली। यस बैंक (YES BANK) की खास्ता हालत से न सिर्फ लोग परेशान हो रहे हैं बल्कि भगवान जगन्नाथ मंदिर के पुजारी और श्रद्धालु भी चिंता में पड़ गए हैं। जिस तरीके से आम जनता के पैसे जमा हैं वैसे ही इस मंदिर के भी करोड़ों रुपये यस बैंक में जमा किए गए हैं। बता दें कि इस मंदिर के लगभग 545 करोड़ रुपये इस बैंक में जमा है। इतने करोड़ो रूपये जमा होने की वजह से मंदिर के पुजारी और श्रद्धालु काफी चिंता में पड़ गए है।
इसे भी पढ़ें: बैंकिंग संकट: कांग्रेस नेता ने कहा, सही मायने में हिंदू खतरे में हैं
इस गंभीर मामले को देखते हुए ओडिशा के मंत्री प्रताप जेना ने पुजारी और श्रद्धालुओं को आश्वासन देते हुए कहा कि मंदिर में जमा 545 करोड़ रूपये की फिक्स डिपॉजिट की अवधि मार्च 2029 तक पुरी हो जाएगी जिसके बाद मंदिर प्रबंधन पैसे निकाल सकते हैं। इन पैसों को बाद में किसी भी राष्ट्रीय बैंक में जमा कराया जा सकता हैं। उन्होंने ये भी कहा कि यस बैंक से पैसे निकालने पर सिर्फ सेविंग अकाउंट पर प्रतिबंध है।
वहीं जगन्नाथ सेना के संयोजक प्रियदर्शी पटनायक ने मंदिर के पैसों को प्राइवट बैंक में जमा कराए जाने का विरोध किया और कहा कि यस बैंक में पैसे जमा कराना न सिर्फ गैर-कानूनी है बल्कि यह अनैतिक भी है। उन्होंने श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन और मंदिर की प्रबंधन समिति को इस गलती के लिए जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही उन्होंने बताया कि ऐसे किसी भी प्राइवट बैंक में पैसे जमा कराने की उन्होंने पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज की थी लेकिन कोई कारवाई नहीं की गई।
इसे भी पढ़ें: परेशान Yes Bank के खाताधारकों ने सोशल मीडिया पर निकाली अपनी भड़ास
RBI ने लगाई रोक
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने यस बैंक पर हर तरीके की पाबंदी लगा दी है जिसके बाद से खाताधारकों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आरबीआई के अनुसार जमाकर्ता एक महीने तक सिर्फ 50,000 रुपये तक निकाल सकते हैं। यस बैंक पर छाए इस गहरे सकंट से आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खबर सुनते ही कई लोग यस बैंक के एटीएम पर जाकर अपने पैसे निकालने के लिए खड़े हो गए। पैसे न निकलने पर कई लोगों ने गुस्से में आकर सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास भी निकाली है। RBI के इस फैसले से मंदिर के विनायक दासमहापात्रा ने कहा कि इतनी बड़ी रकम फंसने से सेवक और भक्त काफी डरे हुए हैं।
इसे भी देखें- YES Bank ग्राहकों के पास अब क्या हैं विकल्प । बैंक की इस हालत का जिम्मेदार कौन