By मोहम्मद ताहिर खान | Mar 19, 2024
भोपाल। मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर चार चरणों में होने वाले चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। एमपी के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने आज निर्वाचन सदन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लोकसभा चुनाव को लेकर की जा रही तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने प्रेस से रूबरू होते हुए कहा कि एमपी में चार चरणों में चुनाव संपन्न होंगे। एमपी में 5 करोड 64 लाख 76110 वोटर अगले 5 सालो के लिए अपना सांसद चुनेंगे। एमपी में 85 वर्ष से से ऊपर के कुल 289503 मतदाता है जबकि 579130 दिव्यांग मतदाता दर्ज है जिनको घर बैठे मतदान करने की सुविधा दी जाएगी। 50 प्रतिशत से ज्यादा मतदान केंदों पर लाइव स्ट्रीमिंग होगी,वही EVM मशीन परिवहन वाली सभी गाडियों में जीपीएस लगाया जाएगा।
एमपी के छिंदवाड़ा में सबसे कम पॉलिंग बूथ
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि राज्य में सबसे कम छिंदवाड़ा में 1934 मतदान केंद्र, जबकि सबसे ज्यादा मंडला में 2614 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।सबसे कम मतदाता भी छिंदवाड़ा में 1632074 दर्ज है। वही सबसे अधिकतम इंदौर में 2513424 मतदाता सूची में शामिल है। उन्होंने बताया कि एमपी में कुल 64523 कुल मतदान केंद्र और 1500 सहायक मतदान केंद्र भी बनाए जा रहे है। चुनाव में कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर राजन ने बताया कि एमपी में 284503 लाइसेंस हथियार है जिसमे से 125000 हथियार जमा हुए 152 अवैध हथियार जब्त किए गए, पूरी चुनाव प्रक्रिया को संपन्न करवाने के लिए साढ़े 5 लाख कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है।
तस्करी रोकने पूरे प्रदेश में 500 स्थानों पर नाकाबंदी
चुनाव के मौके पर होने वाली शराब और पैसों की तस्करी सहित अन्य गतिविधियों की रोकथाम के लिए भी निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारी मजबूत की है। एमपी के 500 से ज्यादा नाकों पर चेकिंग जारी है। निर्वाचन विभाग की टीम दूसरे राज्यों से आने वाली गाड़ियों के साथ ही जिलों की सीमा पर बने नाकों पर भी सघन चेकिंग कर रही है। राजन ने बताया कि गर्मी के हिसाब से छाया और शुद्ध जल की सुविधाएं केन्द्र पर दी जाएगी। शिकायतों के निराकरण के लिए जिला और राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग सेल बनाई गई है। उन्होंने बताया कि फिलहाल एमपी में 8000 संवेदनशील मतदान केंद्र चिन्हित किए गए। 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में इन संवेदनशील केंद्र की संख्या 16000 थी। अनुपम राजन ने संकेत दिए हैं कि उम्मीदवार के हिसाब से संवेदनशील बूथों की संख्या बढ़ सकती है।