‘‘एशिया के सर्वक्षेष्ठ शहरी नखलिस्तान’’ कहे जाने वाले शहर के लोधी गार्डन ने अपनी स्थापना के रविवार को 81 वर्ष पूरे कर लिए। यह क्षेत्र एतिहासिक मकबरों, मोहक पेड़ पौधों और पक्षियों का आवास स्थल है। दिल्ली के पॉश इलाके लोधी एस्टेट और खान मार्किट से लगे इस इलाके को नौ अप्रैल 1936 में तत्कालीन वायराय की पत्नी के नाम पर ‘‘द लेडी विलिंग्डन पार्क’ नाम से स्थापित किया गया था।
पहले यहां ‘‘खरपुर’’ नाम का गांव हुआ करता था जिसे दूर दराज के इलाके में बसा कर यहां नब्बे एकड़ में इस गार्डन को विकसित किया गया। इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरीटेज (आईएनटीएसीएच) के अनुसार, ‘‘इस गार्डन में सैयद और लोधी से ले कर मुगल काल तक की स्थापत्य शैली के नमूने हैं। वर्तमान भूदृश्य निर्माण अमेरिकी वास्तुकार जोसेफ एलन स्टेन (1968 में) किया था जिसमें बाद में जापान के भूदृश्य डिजाइनरों ने सुधार किया था।’’
यहां स्थित मकबरों में से एक सैयद वंश के अंतिम शासक मोहम्मद शाह का मकबरा (सन 1444 में निर्मित) है। इसके अलावा यहां सिंकदर लोधी का भी मकबरा है। यहां के पेड़ पौधों और पक्षियों के कलरव ने इस स्थान को प्रकृति प्रेमियों का पसंदीदा स्थल बना दिया है।