Lockdown के 53वें दिन भी श्रमिक दिखे बेहाल, संक्रमितों की कुल संख्या 86000 के पार

By नीरज कुमार दुबे | May 16, 2020

देश में कोरोना वायरस के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर शनिवार को 2,752 हो गई और संक्रमितों की संख्या 85,940 पर पहुंच गई। हालांकि इसके शनिवार शाम तक काफी बढ़ने की आशंका है क्योंकि कई राज्यों में दिनभर में मामले बढ़े हैं। सुबह जारी हुए आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में 103 लोगों ने इस बीमारी से जान गंवाई और संक्रमण के 3,970 नए मामले सामने आए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 53,035 संक्रमित लोगों का इलाज चल रहा है जबकि 30,152 लोग स्वस्थ हो गए हैं और एक मरीज देश छोड़कर चला गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘अभी तक करीब 35.08 प्रतिशत मरीज बीमारी से उबर चुके हैं।’’ कुल संक्रमित लोगों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। शुक्रवार सुबह से लेकर अब तक 103 लोगों की मौत हुई है। इनमें 49 लोगों की महाराष्ट्र में, 20 की गुजरात में, 10 की पश्चिम बंगाल में, आठ की दिल्ली में, सात की उत्तर प्रदेश में, पांच की तमिलनाडु में, दो की मध्य प्रदेश में और एक-एक व्यक्ति की मौत कर्नाटक तथा हिमाचल प्रदेश में हुई है। देश में अब तक कुल 2,752 लोग इस संक्रामक रोग के कारण जान गंवा चुके हैं। इनमें से सबसे अधिक 1,068 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई। इसके बाद गुजरात में 606, मध्य प्रदेश में 239, पश्चिम बंगाल में 225, राजस्थान में 125, दिल्ली में 123, उत्तर प्रदेश में 95, तमिलनाडु में 71 और आंध्र प्रदेश में 48 लोगों की मौत हुई। मंत्रालय के अनुसार कर्नाटक में 36 लोग जान गंवा चुके हैं जबकि तेलंगाना में 34 और पंजाब में 32 लोग जान गंवा चुके हैं। हरियाणा और जम्मू कश्मीर में इस बीमारी के कारण 11-11 लोगों की मौत हुई जबकि बिहार में सात और केरल में चार लोगों की मौत हुई। झारखंड, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा में कोविड-19 से तीन-तीन लोगों की मौत हुई जबकि असम में दो लोगों ने जान गंवाई। मंत्रालय के अनुसार मेघालय, उत्तराखंड और पुडुचेरी में एक-एक शख्स की मौत हुई। मंत्रालय ने बताया कि मरने वाले लोगों में 70 प्रतिशत ऐसे मरीज थे जिन्हें कोरोना वायरस के अलावा अन्य बीमारियां भी थीं। शनिवार सुबह जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस से देश भर में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 29,100 लोग संक्रमित हैं। इसके बाद तमिलनाडु में 10,108, गुजरात में 9,931, दिल्ली में 8,895, राजस्थान में 4,727, मध्य प्रदेश में 4,595 और उत्तर प्रदेश में 4,057 लोग संक्रमित हैं। पश्चिम बंगाल में 2,461, आंध्र प्रदेश में 2,307, पंजाब में 1,935, तेलंगाना में 1,454, कर्नाटक में 1,056, बिहार में 1018, जम्मू-कश्मीर में 1,013 और हरियाणा में 818 मामले सामने आए हैं। ओडिशा में 672 और केरल में 576 मामले हैं। झारखंड में 203 और चंडीगढ़ में 191 मामले हैं। त्रिपुरा में संक्रमण के 156 मामले, असम में 90, उत्तराखंड में 82, हिमाचल प्रदेश में 76, छत्तीसगढ़ में 66, लद्दाख में 43 मामले हैं। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में संक्रमण के 33 मामले हैं। वहीं गोवा में 15, मेघालय और पुडुचेरी में 13-13 मामले हैं। मणिपुर में संक्रमण के तीन मामले हैं। वहीं मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, दादर-नगर हवेली में संक्रमण का एक-एक मामला सामने आया है।


राहत की चौथी किश्त


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की चौथी किस्त ढांचागत सुधार को बढ़ावा देने और रोजगार सृजित करने के उद्देश्य पर केंद्रित होगी। सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पैकेज की चौथी किस्त कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, नागरिक उड्डयन क्षेत्र, केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों, अंतरिक्ष क्षेत्र और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के संरचनात्मक सुधारों पर केंद्रित है। सीतारण का चार दिन में यह यह चौथा संवाददाता सम्मेलन था जिसमें वह प्रधानमंत्री द्वारा अर्थव्यवस्था को गति देने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ब्योरा दे रही थीं।

 

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छह अन्य हवाई अड्डों की नीलामी करेगी सरकार


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार जल्द ही सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत छह और हवाई अड्डों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि इस तरह कुल 12 हवाई अड्डों में निजी कंपनियों से लगभग 13 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश प्राप्त होगा। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) पहले ही सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत परिचालन और रखरखाव के लिये पेश किये गये छह हवाई अड्डों में से तीन को निजी कंपनियों को सौंप चुकी है। वित्त मंत्री ने कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव से अर्थव्यवस्था को राहत देने के लिये घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की चौथी किस्त में छह अन्य हवाई अड्डों की नीलामी की तैयारी की जानकारी दी। सीतारमण ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि छह हवाई अड्डों का वार्षिक राजस्व लगभग एक हजार करोड़ रुपये होगा, जबकि इनका मौजूदा लाभ लगभग 540 करोड़ रुपये प्रति वर्ष है। इसके अलावा, एएआई को भी 2,300 करोड़ रुपये का भुगतान मिलेगा। नीलामी के लिये छह अन्य हवाई अड्डों की पहचान कर ली गयी है और बोली की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। एक अधिकारी के अनुसार ये हवाई अड्डे अमृतसर, वाराणसी, भुवनेश्वर, इंदौर, रायपुर और त्रिची में हैं। सीतारमण ने कहा कि पहले और दूसरे दौर के इन 12 हवाई अड्डों की नीलामी से निजी कंपनियों के द्वारा लगभग 13 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश प्राप्त होने की उम्मीद है। पिछले साल सरकार ने पीपीपी मॉडल के माध्यम से छह हवाई अड्डों- लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मंगलुरु, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी के संचालन, प्रबंधन व विकास के लिये बोलियां मंगायी थी। सीतारमण ने कहा कि तीसरे दौर की नीलामी में भी छह अन्य हवाई अड्डे पेश किये जायेंगे। सरकारी नियंत्रण वाली एएआई देश में 135 से अधिक हवाई अड्डों का प्रबंधन करती है। इनमें से लगभग 110 हवाई अड्डे परिचालन में हैं।


देश को एमआरओ का हब बनाएंगे


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार देश को विमानों के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (एमआरओ) का हब बनाने के लिए कदम उठा रही है। सीतारमण ने शनिवार को आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘यदि हम भारत को एक बड़ा केंद्र बना पाते हैं, तो इससे नागर विमान ही नहीं, रक्षा विमान क्षेत्र को भी लाभ होगाा। इससे सभी एयरलाइंस के लिए रखरखाव की लागत घटेगी। अंत में इसका लाभ यात्रियों को मिलेगा। उनके लिए यात्रा की लागत घटेगी।’’ उन्होंने छह और हवाई अड्डों की नीामी सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के आधार पर करने की घोषणा की। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय हवाई क्षेत्र के बेहतर इस्तेमाल के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि एक प्रतिस्पर्धी भारतीय एमआरओ उद्योग से स्थानीय एयरलाइंस को इस तरह के कार्यों पर खर्च घटाने में मदद मिलेगी। अभी तक यह काम ज्यादातर विदेशों में किया जाता है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजारों में है और इसमें ऊंची वृद्धि की क्षमता है। सीतारमण ने कहा कि एमआरओ के लिए भारत के पास क्षमता, श्रमबल और कौशल है। उन्होंने कहा कि अभी विमान कलपुर्जा मरम्मत और एयरफ्रेम रखरखाव क्षेत्र 800 करोड़ रुपये का है। यह अगले तीन साल में 2,000 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा। आर्थिक समीक्षा 2019-20 के अनुसार भारतीय विमानन कंपनियों का एमआरओ सेवाओं का सालाना आयात 9,700 करोड़ रुपये है।


सीमित हवाई, रेल और सड़क यात्रा की अनुमति देनी चाहिए


नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में शनिवार को हुई सड़क दुर्घटना में 24 श्रमिकों की मौत से उन्हें गहरा दुख पहुंचा है। पुरी ने कहा कि इस घटना से सबक लेते हुए राज्यों को चाहिए कि वह सीमित मात्रा में हवाई, सड़क और रेल यात्रा को अनुमति दें। औरैया के पास एक राजमार्ग एक खड़े ट्रक को एक ट्रेलर ने टक्कर मार दी थी जिसके कारण कम से कम 24 श्रमिकों की मौत हो गई थी और 36 अन्य घायल हो गए थे। पुरी ने ट्वीट किया, “औरैया दुर्घटना में प्रवासी श्रमिकों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत से गहरा दुख पहुंचा है।” उन्होंने कहा, “इससे यह रेखांकित होता है कि श्रमिक जिन राज्यों में वापस जा रहे हैं उन राज्यों सहित संबंधित पक्षों को श्रमिकों समेत प्रभावित लोगों के लिए प्रतिबंधों में ढील देनी चाहिए और हवाई, सड़क और सीमित मात्रा में रेल, सड़क और हवाई यात्रा की अनुमति देनी चाहिए।''


अनाज शीघ्र उठाएं राज्य सरकारें


कोविड-19 संकट की वजह से सैकड़ों की संख्या में प्रवासी मजदूरों के पैदल घर वापस जाने के लिए लंबी यात्रा की घटनाओं के बीच केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने शनिवार को राज्य सरकारों से अपील की कि वे तुरंत गोदामों से खाद्यान्न और दालों का उठान करें और 15 दिनों के भीतर उन लगभग आठ करोड़ प्रवासियों को इसका मुफ्त वितरण करें जिनके पास न तो केंद्र और न ही राज्य का राशन कार्ड है। खाद्य मंत्रालय के अनुसार, इस कदम से उत्तर प्रदेश में 142 लाख, बिहार में 86.45 लाख, महाराष्ट्र (70 लाख), पश्चिम बंगाल (60.1 लाख), मध्य प्रदेश (54.64 लाख), राजस्थान (44.66 लाख), कर्नाटक में 40.19 लाख, गुजरात (38.25 लाख), तमिलनाडु (35.73 लाख), झारखंड (26.37 लाख), आंध्र प्रदेश (26.82 लाख) और असम में 25.15 लाख में प्रवासी मजदूर लाभान्वित होंगे। राष्ट्रीय राजधानी में, लगभग 7.27 लाख प्रवासियों को मई और जून के लिए प्रति व्यक्ति प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज और एक किलो चना मुफ्त मिलेगा। पासवान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘यदि प्रवासियों की संख्या आठ करोड़ से अधिक होती है, तो केंद्र मुफ्त आपूर्ति के लिए अतिरिक्त अनाज उपलब्ध कराने के लिए तैयार है, लेकिन चिन्हित व्यक्ति यथार्थ में होने चाहिए।’’ एनएफएसए (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम) के मौजूदा 81 करोड़ लाभार्थियों के 10 प्रतिशत के बराबर लोगों को बिना कार्ड वाले प्रवासी व्यक्तियों की श्रेणी में मानकर यह आवंटन किया गया है। दो महीने के लिए आठ करोड़ प्रवासियों को मुफ्त भोजन वितरण की घोषणा केन्द्र सरकार के द्वारा 14 मई को की गई थी जो सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज का भाग था। यह पैकेज उन प्रवासियों के लिए है जो कोविड-19 संकट की वजह से लागू किये गये लॉकडाऊन से प्रभावित रहे हैं। इस हस्तक्षेप की लागत केंद्र वहन करेगा, जो बोझ करीब 3,500 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। पासवान ने कहा, ‘‘यह निर्णय प्रवासियों के हित में है। कांग्रेस कह सकती है कि और अधिक मात्रा में खाद्यान्न मुफ्त में दिए जा सकते हैं। एनएफएसए, जिसके तहत 5 किलो प्रति व्यक्ति सब्सिडी वाला अनाज 81 करोड़ लोगों को पीडीएस के माध्यम से दिया जाता है, को संप्रग सरकार के दौरान बनाया गया था। लेकिन, मोदी सरकार अधिक से अधिक मदद करने की कोशिश कर रही है। यही तक इसका अंत नहीं है। प्रधानमंत्री संवेदनशील हैं और स्थिति से अवगत हैं।’’ पासवान ने आगे कहा कि उनके मंत्रालय ने प्रवासियों को मुफ्त राशन वितरण की सभी व्यवस्थाएं की हैं, लेकिन इसे जमीनी स्तर पर लागू करने वाली राज्य सरकारों को सक्रियता दिखानी होगी और गोदामों से राशन उठाकर इसे तत्काल वितरण करना होगा। उन्होंने कहा कि दो महीने तक मुफ्त वितरण के लिए के लिए 7.99 लाख टन खाद्यान्नों का आवंटन किया गया है। इसमें से चावल सबसे अधिक यानी 6.95 लाख टन होगा । बाकी 1.04 लाख टन गेहूं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘अब भी, कई प्रवासी पैदल घर लौट रहे हैं। यह एक कठिन स्थिति है। कुछ की रास्ते में ही मृत्यु हो गई है। वे पैदल ही लंबी दूरी तय कर रहे हैं। उनकी दुर्दशा को देखकर दुख होता है।’’ अब प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि प्रवासी भूखे न रहें। इसलिए, केंद्र इस बात पर जोर नहीं दे रहा है कि राज्य मुफ्त राशन लेने के लिए प्रवासी लाभार्थियों का विवरण दें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें दो महीने बाद आंकड़े दे सकती हैं लेकिन उन्हें जवाबदेही के लिए आंकड़ा रखना होगा। खाद्य मंत्रालय के अनुसार, चावल और गेहूं दोनों ही अनाज दिल्ली और गुजरात को आवंटित किए गए हैं, केवल राजस्थान, पंजाब और चंडीगढ़ को गेहूं दिये गये हैं, जबकि बाकी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को आवंटन करने के लिए चावल दिया गया है। खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि कर्नाटक सरकार पहले ही अनाज उठाना शुरू कर चुकी है। मध्य प्रदेश सरकार 18 मई से ऐसा करेगी, जबकि केरल ने गोदामों से अनाज लेने की मंशा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि राज्य एक ही बार में पूरे दो महीने का राशन उठा सकते हैं। अनाज का उठान करने के बाद राज्यों को यह अनाज, प्रवासियों को 15 दिनों के लिए वितरित करना चाहिए।

 

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आरोग्य सेतु ऐप के नाम पर धोखाधड़ी


भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसी ने शनिवार को कहा कि देश में आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप के नाम पर ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में तेजी आयी है। एजेंसी का कहना है कि कोविड-19 महामारी के दौरान इंटरनेट उपयोक्ताओं की जिज्ञासा का लाभ उठा कर ठग उनके साथ साइबर धोखाधड़ी कर रहे हैं। एजेंसी ने कहा कि साइबर अपराधी विश्व स्वास्थ्य संगठन से जुड़ी लिंक और लोकप्रिय वीडियो कांफ्रेंस साइटों जैसे ‘जूम’ आदि से मिलते-जुलते लिंक बनाकर भी लोगों की संवेदनशील सूचनाएं चुरा रहे हैं। भारतीय कम्प्यूटर इमरजेंसी प्रतिक्रिया दल (सीईआरटी-इंडिया) द्वारा जारी परामर्श की प्रति में एजेंसी ने कहा है, ‘‘आरोग्य सेतु ऐप के नाम पर साइबर धोखाधड़ी के मामले बढ़े हैं। अपराधी एसआर विभाग, सीईओ या अन्य किसी जानकारी व्यक्ति का नाम लेकर उपयोक्ताओं को यह कह कर निशाना बनाते हैं कि आपका पड़ोसी संक्रमित हो गया है, देखें और कौन-कौन प्रभावित है, क्या आपके संपर्क में आया कोई व्यक्ति भी संक्रमित हुआ है, आरोग्य सेतु ऐप का उपयोग करने के दिशा-निर्देश आदि बहानों का उपयोग करते हैं।’’ आरोग्य सेतु ऐप उपयोक्ता को यह बताने के लिए कि आसपास में कौन-कौन संक्रमित हुआ है, यह बताने के लिए ब्लूटूथ और जीपीएस का उपयोग करता है। परामर्श में कहा गया है कि हाल में हो रहे साइबर अपराधों में अपराधी इस महामारी का लाभ उठाते हुए लोगों से उनकी संवेदनशील सूचनाएं हासिल कर ले रहे हैं।


राहुल ने प्रवासी मजदूरों से मुलाकात की


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली में प्रवासी श्रमिकों से मुलाकात करके उनकी स्थिति के बारे में जानकारी ली। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक गांधी ने शाम के समय सुखेदव विहार इलाके के फ्लाईआवेर के निकट मजदूरों से मुलाकात की और उनसे करीब एक घंटे तक बातचीत की। सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी की श्रमिकों के साथ बातचीत के दौरान सामाजिक दूरी का खयाल रखा गया था। कांग्रेस का दावा है कि राहुल गांधी ने जिन श्रमिकों से मुलाकात की उनको पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा, ‘‘सरकार को इस बात का डर है कि कहीं प्रवासी श्रमिक अपने घर जाकर लोगों से उसकी सच्चाई न बताएं। हमारा कहना है कि झूठ को जितना दबाया जाएगा वो बाहर आएगा।’’


पश्चिम बंगाल में सात और लोगों की मौत


पश्चिम बंगाल में कोविड-19 से सात और लोगों की मौत होने के साथ राज्य में अब तक इस महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर 160 पहुंच गई है। वहीं, संक्रमण के 115 नये मामले सामने आने के साथ कुल मामले बढ़ कर 2,576 हो गये हैं। गृह सचिव अल्पन बंदोपाध्याय ने शनिवार को यह जानकारी दी। गृह सचिव ने बताया कि शुक्रवार से कोविड-19 के कम से कम 115 नये मामले सामने आये हैं और इस तरह अब तक संक्रमण के कुल 2,576 मामलों की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार शाम से विभिन्न अस्पतालों से 63 लोगों को छुट्टी दी गई। राज्य में कोविड-19 के 1,452 मरीजों का इलाज चल रहा है।


परीक्षा की तिथियों की घोषणा स्थगित


मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं और 12वीं कक्षा की शेष परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा को तकनीकी कारणों से शनिवार को टाल दिया। केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं के कार्यक्रम को अंतिम रूप देने से पहले कुछ अतिरिक्त तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखा जा रहा है, इस वजह से आज 5 बजे होने वाली कक्षा 10वीं और 12वीं परीक्षा की डेटशीट की घोषणा अब सोमवार (18 मई 2020) तक होगी।” इससे पहले निशंक ने सुबह कहा था कि कोरोना वायरस संकट के चलते सीबीएसई की बची हुई परीक्षाओं को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी। आज इस अनिश्चितता को दूर करते हुए और विद्यार्थियों की उत्सुकता को देखते हुए हम कक्षा 10 और 12वीं की परीक्षा की तिथियों को शाम 5 बजे जारी कर रहे हैं। मंत्रालय ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि सीबीएसई की 10वीं और 12वीं कक्षा की शेष परीक्षाएं 1 से 15 जुलाई के दौरान आयोजित की जायेंगी जो कोविड-19 के मद्देनजर स्थगित कर दी गई थी। 12वीं कक्षा की शेष परीक्षा पूरे देश में आयोजित होंगी। लेकिन 10वीं कक्षा की लंबित परीक्षा केवल उत्तर पूर्व दिल्ली में आयोजित होंगे जो कानून एवं व्यवस्था की स्थिति के कारण प्रभावित हुई थीं।

 

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रेलवे ने 1,074 श्रमिक ट्रेन चलाईं


भारतीय रेलवे ने एक मई से अब तक 1,074 श्रमिक विशेष ट्रेनों का परिचालन किया। इनसे लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे 14 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाया गया है। रेलवे ने शनिवार को यह जानकारी दी। शुक्रवार को, रेलवे ने कहा कि प्रवासियों के परिवहन के लिए उसे पिछले 15 दिनों में राज्यों से 1,000 से अधिक मंजूरियां मिली हैं। इन ट्रनों से सबसे अधिक श्रमिक उत्तर प्रदेश पहुंचे। इसके बाद बिहार का स्थान रहा। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने प्रवासियों के परिवहन के लिए ट्रेनों के संचालन में उत्तर प्रदेश और बिहार की सक्रिय भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि 80 प्रतिशत श्रमिक ट्रेनें इन्हीं दोनों राज्यों में गई हैं। रेलवे ने बताया कि पिछले तीन दिनों में, प्रति दिन 2 लाख से अधिक व्यक्तियों को मंजिल तक पहुंचाया गया। आने वाले दिनों में प्रतिदिन यात्रा करने वाले लोगों संख्या 3 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। अब तक अपने गंतव्यों तक पहुंची गाड़ियों में से अधिकतम 387 ट्रेनें उत्तर प्रदेश गई हैं। उत्तर प्रदेश ने 526 ट्रेनों के लिए मंजूरी दी है, उसके बाद बिहार ने 269 और मध्य प्रदेश ने 81 ट्रेनों के लिए मंजूरी दी है। झारखंड ने 50, ओडिशा ने 52, राजस्थान ने 23 और पश्चिम बंगाल ने नौ ट्रेनों के लिए मंजूरी दी है। गोयल ने पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे राज्यों से अधिक ट्रेनों को मंजूरी देने की अपील की थी। रेलवे ने कहा कि ट्रेनों में सवार होने से पहले यात्रियों की समुचित जांच की जा रही है। यात्रा के दौरान यात्रियों को नि:शुल्क भोजन और पानी दिया जाता है। इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 1,200 की जगह अब 1,700 यात्रियों को ले जाया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाया जा सके।


सहायकों को तुरंत हटाने का आदेश दिया

 

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने सेवानिवृत्त अधिकारियों के यहां घरेलू सहायक या अर्दली के तौर पर काम रहे अपने कर्मचारियों को तुरंत हटाने का आदेश दिया है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि उचित स्वास्थ्य सेवा की अनुपस्थिति में उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा है। उन्होंने बताया कि देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल ने यह कदम अन्य अर्धसैनिक बल के अतिरिक्त महानिदेशक स्तर के एक सेवानिवृत्त अधिकारी के यहां तैनात चार जवानों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद उठाया। बल ने दिल्ली स्थित अपने उत्तरी क्षेत्र को तत्काल सेवानिवृत्त अधिकारियों के यहां तैनात सभी अर्दली, सुरक्षा कर्मी, चालक और कुक को वापस बुलाने का आदेश दिया है जिन्हें 3.25 लाख के नियमित जवानों में से मुहैया कराया गया है। बल ने इस तरह के विशेषाधिकार के तहत कर्मचारियों की तैनाती और उसकी अवधि और ऐसी नियुक्तियों संबंधी आदेश की समीक्षा शुरू कर दी है। इन कर्मचारियों को लेकर की जा रही समीक्षा रिपोर्ट 17 मई के उपरांत मिलने पर एवं कोविड-19 का संक्रमण नियंत्रित होने के बाद बहुत जरूरी होने पर ही कर्मचारियों की नियुक्ति जारी रखने की अनुमति दी जाएगी। एक शीर्ष अधिकारी ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया, ''अनधिकृत रूप से कर्मचारियों की नियुक्ति और अवैध रूप से लाभ उठा रहे अधिकारियों की जानकारी गृह मंत्रालय को दी जाएगी और इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’’ उन्होंने बताया कि अन्य केंद्रीय अर्धसैनिक बल जैसे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) से उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही वे इस संबंध में निर्देश जारी करेंगे। उन्होंने बताया कि इन कर्मचारियों की वापसी से बल को मजबूती मिलेगी जो कर्मचारियों की कम हुई संख्या से परेशान है क्योंकि दिल्ली स्थित सीआरपीएफ की यूनिट में तैनात करीब 300 जवान कोरोना वायरस से या तो संक्रमित हैं या पृथकवास में हैं या छुट्टी पर चले गए हैं। उन्होंने बताया कि इन कर्मचारियों को हटाने से यह भी सुनिश्चित होगा कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हों क्योंकि वे अपनी ड्यूटी के दौरान सेहत का ठीक से ध्यान नहीं रख पाते। हाल में एक अन्य अर्धसैनिक बल ने ऐसे चार कर्मचारियों और राज्य पुलिस के एक जवान को दक्षिण पश्चिम स्थित छावला शिविर में बनाए गए पृथकवास केंद्र में भर्ती कराया था। ये पांचों कर्मचारी फरवरी में सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी के दिल्ली स्थित आवास पर तैनात थे। अर्धसैनिक बल के शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘हम ऐसी घटना को दोहराना नहीं चाहते। ये कर्मचारी घरेलू सहायक और अर्दली के तौर पर काम करते हैं और अन्य लोगों की तरह कोविड-19 की चपेट में आने के मामले में असुरक्षित हैं।’’ वरिष्ठ अधिकारियों का आकलन है कि किसी भी समय केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के करीब 100 वाहन और 400 अर्दली एवं कुक देश में विभिन्न पदों से सेवानिवृत्त और प्रत्यावर्तित अधिकारियों के आवास पर तैनात रहते हैं। गौर आधिकारिक आकलन के मुताबिक इन सुविधाओं पर हर साल लाखों रुपये का खर्च आता है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वर्ष 2016 में मानव बल के इस तरह से दुरुपयोग पर संज्ञान लिया था और कहा था कि ऐसे कृत्यों से जनता के मनोभाव पर गलत प्रभाव पड़ता है और यह सरकारी सेवाओं की मौलिक शिष्टता और अनुशासन के भी खिलाफ है। पुलिस अधिकारियों के सेवानिवृत्त होने के बाद भी उनके आवास पर कर्मचारियों, वाहन आदि को रखने को लेकर 21 सितंबर 2016 में एक दिशानिर्देश जारी किया गया था जिसमें कहा गया था कि राज्य और केंद्र सरकार द्वारा किसी भी पुलिस अधिकारी के सेवानिवृत्त होने के एक महीने के भीतर इन सुविधाओं का वापस लिया जाना चाहिए। दिशानिर्देश में स्पष्ट रूप से कहा गया कि कोई सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी निर्देशों का अनुपालन नहीं करता और नियमित अर्धसैनिक बल के जवानों की सेवाओं को लेता है तो उससे इसपर आने वाले खर्च की वसूली की जानी चाहिए। गृह मंत्रालय ने सख्त निर्देश देते हुए कहा था, ‘‘इसी तरह की कार्रवाई उन सेवारत अधिकारियों पर भी की जानी चाहिए जो समय से सेवानिवृत्त अधिकारियों से सुविधाएं वापस लेने की कार्रवाई नहीं करते।’’


छूट चाहता है होटल, रेस्तरां उद्योग


होटल और रेस्तरां उद्योग ने सरकार से लॉकडाउन 4.0 में उन्हें भी परिचालन की छूट देने की अपील की है। उद्योग का कहना कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से वह काफी संकट में है। उद्योग का कहना है कि सरकार को उसे कम से कम ग्रीन और ऑरेंज क्षेत्रों में छूट देने पर विचार करना चाहिए। फेडरेशन आफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) ने कहा कि सरकार को ग्रीन क्षेत्रों में होटलों और रेस्तरांओं को 100 प्रतिशत परिचालन की अनुमति देनी चाहिए। वहीं ऑरेंज क्षेत्रों में क्षमता के 50 प्रतिशत पर परिचालन की अनुमति दी जानी चाहिए। एफएचआरएआई के उपाध्यक्ष गुरबक्शीश सिंह कोहली ने कहा, ‘‘आज भी देश की सबसे बड़ी प्राथमिकता कोरोना वायरस को फैलने से रोकना है। लेकिन हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि होटल और पर्यटन क्षेत्र में 4.3 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है। आज ये लोग संघर्ष कर रहे हैं। हर बार लॉकडाउन को बढ़ाने के साथ हमारी परेशानी बढ़ जाती है। ऐसे में लोगों को रोजगार पर बनाए काफी मुश्किल होता जा रहा है।’’ कोहली ने कहा, ‘‘चूंकि सरकार ने कई उद्योगों को छूट देते हुए परिचालन की अनुमति दी है ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि हमें भी कुछ छूट दी जाएगी।’’


लॉकडाउन का अगला चरण


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि लॉकडाउन का अगला चरण संभवत: स्थानीय परिस्थितियों के हिसाब से होगा। उन्होंने गरीबों की समस्याओं के बारे में बात की और कहा कि आर्थिक गतिविधियों को भी फिर से शुरू करना होगा। चौहान ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये पत्रकारों से बात करते हुए राज्यों के बीच समन्वय का आह्वान किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचने के लिए परिवहन उपलब्ध हों और वे उत्तर प्रदेश में शनिवार को हुई सड़क दुर्घटना जैसे हादसों से बच सकें। उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटना में 24 लोगों की मौत हुई है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाये गये लॉकडाउन के कारण वित्तीय स्थिति खराब होने के बाद बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक बड़े शहरों से कई किलोमीटर पैदल चलकर अपने गांवों की ओर रवाना हो रहे हैं। चौहान ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए एक हजार बसों की व्यवस्था की है और मध्य प्रदेश सीमा पर उन श्रमिकों को उनके गंतव्य स्थलों तक छोड़ा है जो अन्य राज्यों से हैं। उन्होंने कहा कि जब तक वह मध्य प्रदेश में हैं, तब तक किसी भी मजदूर को सड़कों पर नहीं चलना पड़ेगा और न ही भूखा रहना पड़ेगा। मध्य प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से समन्वय कर रही है, जहां से बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक आते हैं। लॉकडाउन का तीसरा चरण रविवार को समाप्त हो रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘‘पूरी तरह से नये रंग रूप वाले लॉकडाउन-4.0’’ की बात की थी। चौहान ने कहा कि कोविड-19 से निपटते हुए अब आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। उन्होंने कहा कि गरीब लोग और लघु उद्योग से जुड़े लोग लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें कोरोना वायरस से लड़ना होगा और आर्थिक गतिविधियों को तेजी से शुरू करने के लिए भी कदम उठाने होंगे।’’ उन्होंने कहा कि ‘रेड जोन’ में आर्थिक गतिविधियों को सख्त नियमों के तहत शुरू किया जायेगा। चौहान ने कहा कि हालांकि भीड़ को एकत्र नहीं होने दिया जायेगा और मॉल तथा सिनेमा हॉल जैसे स्थान बंद रहेंगे। धार्मिक और राजनीतिक सभाओं पर रोक जारी रहेगी और लोगों को ईद का त्यौहार अपने घरों में मनाने की सलाह दी गई है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) द्वारा उनकी सरकार के श्रम सुधारों के कड़े विरोध के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये कदम श्रमिकों के हित में उठाये गये है और वह इस संबंध में बीएमएस से बात करते रहेंगे। विपक्ष ने प्रवासी श्रमिकों की परेशानी को कम करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने के लिए केन्द्र सरकार की निंदा की है, इस संबंध में भाजपा के वरिष्ठ नेता ने केन्द्र के विभिन्न फैसलों का बचाव किया। उन्होंने कहा कि 25 मार्च से लॉकडाउन की घोषणा की गई थी और उम्मीद थी कि प्रवासी उन्हीं स्थानों पर रहेंगे जहां वे काम करते हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की अवधि बढ़ने के बाद प्रवासी श्रमिकों के सामने वित्तीय संकट खड़ा हो गया और उन्होंने अपने घरों की ओर जाने का फैसला किया। चौहान ने कहा कि केन्द्र की प्राथमिकता कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकना था। उन्होंने कहा कि सरकार ने गरीबों की मदद के लिए कई कदम उठाये हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कमलनाथ के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार ने इस बीमारी से निपटने के लिए ‘‘कुछ’’ भी नहीं किया और 23 मार्च को उनके मुख्यमंत्री पद का प्रभार संभालने के बाद ही स्वास्थ्य ढांचा और क्षमता का निर्माण हुआ।


15 लाख से अधिक प्रवासी कामगार पहुंचे गृह राज्य


उत्तर प्रदेश में देश के अन्य राज्यों से प्रवासी श्रमिकों और कामगारों को लेकर शनिवार तक 449 ट्रेनें आ चुकी हैं और ट्रेन, बस एवं अन्य साधनों से 15 लाख से अधिक कामगार राज्य में पहुंच चुके हैं। अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने संवाददाताओं से कहा, 'अब तक प्रदेश में 449 ट्रेनें आ चुकी हैं। पांच लाख 64 हजार लोग ट्रेनों से पहुंच चुके हैं।' उन्होंने बताया कि शनिवार को 73 ट्रेनें प्रदेश में आनी हैं। शाम तक 12 ट्रेनें आ चुकी हैं। रविवार से 286 और ट्रेनों की सहमति दी गयी है। इस प्रकार लगभग साढ़े नौ लाख श्रमिक एवं कामगार या तो प्रदेश में आ चुके हैं या फिर उनके लाने की व्यवस्था हो चुकी है। अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औरैया में हुए हादसे पर गंभीर संवेदना व्यक्त करते हुए सभी वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रवासी श्रमिकों को पैदल ना आने दिया जाए और ना ही उन्हें अवैध एवं असुरक्षित वाहनों से यात्रा करने दिया जाए। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने के लिए एक लाख 34 हजार लोगों पर नामजद 47,289 प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं। कुल 41 हजार वाहन सीज किये गये हैं और 18.5 करोड़ रुपये जुर्माना वसूला गया है।


सूरत में सुधार दर अहमदाबाद, वडोदरा से बेहतर


गुजरात के सूरत जिले में कोविड-19 मामलों की संख्या भले ही 1,000 के पार चली गई हो लेकिन क्षेत्र में बीमारी से स्वस्थ होने वालों की दर अहमदाबाद और वडोदरा के बुरी तरह प्रभावित इलाकों से बेहतर है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार शुक्रवार को 32 नये माामले सामने आने के बाद सूरत जिले में संक्रमित लोगों की संख्या 1,015 हो गई जिनमें से 991 मामले शहरी इलाके से सामने आए हैं। गुजरात में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक मामलों के लिहाज से अहमदाबाद के बाद सूरत का ही नंबर आता है लेकिन यहां मरीजों के स्वस्थ होने की दर 62 प्रतिशत है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 1,015 कोविड-19 मरीजों में से 634 को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है जबकि संक्रमण के कारण 47 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं इसके उलट, अहमदाबाद में मरीजों के स्वस्थ होने की दर अब तक 35 प्रतिशत है जबकि जिले में 479 लोगों की मौत हुई है। मामलों के लिहाज से तीसरे सबसे अधिक प्रभावित वडोदरा जिले में मरीजों के स्वस्थ होने की दर 58 प्रतिशत है जहां 720 कोविड-19 मरीजों में से 371 स्वस्थ हुए हैं और 32 की इसके चलते मौत हो गई। सूरत के नगर आयुक्त बीएन पाणि ने कहा कि नगर निकाय मामलों का जल्द पता लगाने के लिए कदम उठा रही है और उसने घर-घर जाकर संक्रमितों का पता लगाने के लिए निगरानी दल की संख्या बढ़ाकर 1,933 कर दी है। इसके अलावा, उन इलाकों में 41 ज्वर क्लिनिक भी स्थापित किए गए हैं जहां ज्यादातर गरीब लोग रहते हैं। पाणि ने कहा, “हमने 41 ज्वर क्लिनिक बनाए हैं जिन्होंने अब तक कोरोना वायरस के 108 मामलों की पहचान की है। 520 निजी क्लिनिकों की सरसरी निगरानी ने 281 संक्रमितों का पता लगाया है।” उन्होंने बताया कि शहर में करीब 39.11 लाख लोगों का सर्वेक्षण किया गया है जिसमें से 2.7 लाख उच्च जोखिम वाली श्रेणी में आते हैं जिन्हें एहतियात बरतने को कहा गया है।


बिहार में संक्रमण के 46 नए मामले


बिहार में कोविड-19 से 46 और लोगों के संक्रमित पाए जाने के बाद राज्य में संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,079 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि शुक्रवार को वायरस संक्रमण के 46 और मामले सामने आए। ताजा मामलों में से पांच पटना जिले से सामने आए हैं जहां संक्रमित लोगों की संख्या अब 105 हो गई है। उन्होंने कहा कि नए मामलों में से 14 वर्षीय एक लड़की बख्तियारपुर ग्रामीण इलाके की है जबकि चार अन्य बिहार मिलिट्री पुलिस (बीएमपी) की 14वीं बटालियन के जवान हैं। शहर के खाजपुरा इलाके में स्थित बीएमपी-14 के अब तक 25 जवान संक्रमित हो चुके हैं। संक्रमण की यह श्रृंखला तब शुरू हुई जब बिजलीगली इलाके की 32 वर्षीय एक महिला सांस में तकलीफ के कारण एम्स में भर्ती कराए जाने पर संक्रमित मिली। कुछ दिनों के अंदर ही इलाक के 20 लोग संक्रमण का शिकार हो गए और जल्द ही आस पास के इलाकों जैसे राजा बाजार और बेली रोड स्थित बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के कार्यालय के पास स्थित झुग्गियों में फैल गया। पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि ने कहा कि बीपीएससी के पास स्थित झुग्गियों के इलाके बिजली गली और राजा बाजार की मछली गली के अलावा बीएमपी-14 की कम से कम पांच बैरकों को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। प्रधान सचिव ने कहा कि जमुई जिले में कोविड-19 से सात और लोग संक्रमित मिले हैं। यहां पहला मामला 12 मई को सामने आया था और अब जिले में कुल मामले बढ़कर 10 हो गए हैं। बांका जिले से 18 नए मामले मिले हं जबकि शेखपुरा से कोविड-19 के 10 नए मामले मिले हैं। कटिहार में तीन और औरंगाबाद में दो लोग संक्रमित मिले हैं। मुंगेर जिले में दो साल का एक बच्चा कोविड-19 संक्रमित मिला है। जिले में अब तक सबसे ज्यादा 123 मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना वायरस संक्रमण अब राज्य के सभी 38 जिलों में पांव पसार चुका है। रोहतास में अब तक 77, कैमूर में 66 और बक्सर में 59 मामले सामने आ चुके हैं। बिहार में इस महीने के शुरू से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं खास तौर पर विशेष ट्रेनों और अन्य माध्यमों के जरिये राज्य में प्रवासियों के बड़ी संख्या में लौटने के बाद। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक चार मई के बाद प्रदेश में लौटे प्रवासियों में से 427 कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए हैं। इनमें से अधिकतर दिल्ली (112), गुजरात (106), महाराष्ट्र (97) से आए हैं। राज्य में ‘श्रमिक विशेष’ ट्रेनों से अब तक देश के अलग-अलग हिस्सों से करीब तीन लाख प्रवासी लौट चुके हैं जबकि बसों, ट्रकों, साइकिलों और पैदल आने वाले कुल प्रवासियों का आंकड़ा 10 लाख के करीब होने का अनुमान है। राज्य में अब तक कुल 44,398 नमूनों की जांच की जा चुकी है और वायरस के प्रसार को रोकने के लिये जांच की संख्या को बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। अभी पटना में चार जगहों और मुजफ्फरपुर, दरभंगा व भागलपुर में एक-एक जगह नमूनों की जांच की व्यवस्था है।

 

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रुपाणी ने पटेल पर साधा निशाना


गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अहमदाबाद में कोरोना वायरस के लिए नमूनों के परीक्षण की संख्या को लेकर सवाल उठाने वाले कांग्रेस के नेता अहमद पटेल पर शनिवार को निशाना साधा। पटेल ने महामारी के हॉटस्पॉट अहमदाबाद में कोरोना वायरस परीक्षण की संख्या ‘‘घटाने’’ के लिए सरकार पर सवाल उठाये थे। गुजरात में शुक्रवार की अपराह्र तक कोरोना वायरस संक्रमण के 9,932 मामले थे जिनमें 606 मरीजों की मौत के मामले भी शामिल हैं। इस संक्रमण से 4,035 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। इसमें से अहमदाबाद में कोरोना वायरस के 7,171 मामले हैं जिसमें से 479 लोगों की मौत हो चुकी है और 2,382 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। पटेल ने ट्वीट किया, ‘‘गुजरात सरकार जांच क्यों कम कर रही है? यह बहुत परेशान करने वाला है और यह परीक्षण को बढ़ाये जाने की राष्ट्रीय नीति के विपरीत है। एक महामारी में समस्या को छिपाने की कोशिश करने के बजाय समस्या के बारे में ईमानदार होना महत्वपूर्ण है।’’ पटेल द्वारा साझा की गई एक तालिका के अनुसार अहमदाबाद जिले में 17 मई को कोरोना वायरस के लिए 1,724 नमूनों की जांच की गई जबकि एक मई को 2,522 नमूनों की जांच की गई थी। इसके अनुसार 12 मई 1,227 नमूनों की जांच की गई जबकि 13 मई को 1,503 नमूनों की जांच गई और 14 मई को 1,240 नमूनों की जांच की गई। इस आरोप पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री रुपाणी ने गुजरात के साथ-साथ अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा में 16 मई तक नमूनों की जांच की कुल संख्या से संबंधित एक तालिका ट्वीट की। उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘‘श्रीमान अहमद पटेल, गुजरात ने परीक्षणों की संख्या में कमी नहीं की है। कृपया अपनी सूचना के स्रोतों की फिर से जांच करें जो तथ्यों तथा जमीनी हकीकत से परे है।’’ रुपाणी ने कहा कि गुजरात में कोरोना वायरस के लिए अब तक 1,27,858 लोगों के नमूनों की जांच की गई है। उन्होंने कहा कि 52,277 नमूनों की जांच अहमदाबाद जिले में की गई थी जबकि सूरत में 23,928 और वडोदरा में 6,371 नमूनों की जांच की गई।


केरल में कोविड-19 के 11 नये मामले


केरल में शनिवार को 11 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि होने के साथ राज्य में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 87 हो गई है। वहीं राज्य में करीब 55 हजार लोगों को निगरानी में रखा गया है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इस अवधि में चार लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी गई। इनमें 81 वर्षीय एक व्यक्ति भी शामिल है जिन्हें 42 दिनों के इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई। इसके साथ ही राज्य में अबतक 497 लोग ठीक हो चुके हैं और तीन लोगों की कोविड-19 से मौत हुई है। केरल में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 587 मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में नये मामलों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि चार मामले त्रिशूर से, तीन मामले कोझिकोड से और दो-दो मामले पल्लकड़ और मलाप्पुरम से आए हैं। उन्होंने बताया कि सभी नये मरीज राज्य से बाहर के हैं। उन्होंने बताया कि सात संक्रमित विदेश से आए हैं जबकि दो-दो तमिलनाडु और महाराष्ट्र से आए हैं। शैलजा ने बताया कि राज्य में 56,981 लोगों को निगरानी में रखा गया है। उनमें 619 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में बने पृथक वार्ड में रखा गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक 43,669 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं जिनमें से 41,814 नमूनों की जांच रिपोर्ट नकारात्मक आई है। केरल में 22 स्थानों को सबसे अधिक संक्रमित स्थल (हॉटस्पॉट) के रूप में पहचान की गई है जिनमें से छह स्थान शनिवार को जुड़े। नये हॉटस्पॉट में तीन कासरगोड, दो इुडुकी में एक वायनाड में है।


तमिलनाडु में कोविड-19 से तीन और मौतें


तमिलनाडु में कोविड-19 से शनिवार को तीन और लोगों की मौत दर्ज की गई जबकि 477 नये मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इसके साथ राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 10,585 हो गई है। उन्होंने बताया कि शनिवार को कोविड-19 से जो तीन मौतें हुई हैं उनमें 74 वर्षीय एक व्यक्ति शामिल है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी विजय भास्कर ने बताया कि इन मौतों के साथ राज्य में कोविड-19 से जान गंवाने वालों की संख्या 74 तक पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि संक्रमण के मामले में राजधानी अभी शीर्ष पर है और नये मामलों में 332 अकेले चेन्नई से आए हैं। मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि नये सामने आए 477 मामलों में 93 वे लोग हैं जो दूसरे राज्यों या विदेशों से आए हैं। भास्कर ने कहा कि गत कुछ दिनों से राज्य में नये मामले आने की गति में कमी आई है।


ब्रिटेन ने परीक्षण शुरू किया


ब्रिटिश सरकार ने शनिवार को विशेष रूप से प्रशिक्षित “कोविड कुत्तों” के लिये परीक्षण शुरू किया कि क्या वे इंसानों में कोरोना वायरस संक्रमण की पहचान, लक्षणों के सामने आने से पहले ही कर सकते हैं। यह पूरी प्रक्रिया एक शोध का हिस्सा है। यह परीक्षण यह स्थापित करेंगे कि क्या ये कुत्ते भविष्य में कोरोना वायरस की पहचान के लिये बिना किसी उपकरण के इस्तेमाल के ही शुरुआती चेतावनी प्रणाली हो सकते हैं। ‘‘लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन’’ (एलएसएचटीएम) में शोधकर्ता पहले चरण में धर्मार्थ ‘‘मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स’’ और दरहम विश्वविद्यालय के साथ मिलकर परीक्षण करेंगे। स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखभाल विभाग ने कहा कि इस पूरे शोध के लिये सरकार पांच लाख पाउंड की रकम दे रही है। पहले चरण का उद्देश्य यह तय करना है कि क्या शरीर की बदबू के नमूने से कुत्ते इंसानों में कोरोना वायरस का पता लगा सकते हैं? इस परीक्षण के लिये दोनों विश्वविद्यालयों के शीर्ष रोग नियंत्रण विशेषज्ञ मिलकर काम कर रहे हैं। ‘‘मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स’’ पहले ही कुत्तों को सूंघकर इंसानों की कई बीमारियों का पता लगाने का सफलतापूर्वक प्रशिक्षण दे चुका है जिनमें कैंसर, मलेरिया और पार्किंसन रोग शामिल है। ब्रिटेन के नवोन्मेष मंत्री लॉर्ड बेटहेल ने कहा, “जैव-अन्वेषी कुत्ते पहले ही खास तरह के कैंसर का पता लगा रहे हैं और हमारा मानना है कि यह खोज हमारी व्यापक जांच रणनीति को तेज नतीजे उपलब्ध करा सकती है।” उन्होंने कहा, “सटीक होना महत्वपूर्ण हैं इसलिये यह परीक्षण हमें बताएगा कि क्या ‘कोविड कुत्ते’ विश्वसनीय तरीके से वायरस का पता लगाकर इसका प्रसार रोक सकते हैं।” स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि इस परीक्षण में यह देखा जाएगा कि क्या कुत्तों को लोगों में कोरोना वायरस की पहचान करने के लिये प्रशिक्षित किया जा सकता है, भले ही उनमें लक्षण नजर नहीं आ रहे हों। यह उन जांच के तरीकों में से एक है जिसकी संभावना सरकार वायरस की शीघ्र पहचान करने के लिए टटोल रही है।

 

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भारत को वेंटिलेटर देगा अमेरिका


अमेरिका कोविड-19 रोगियों के उपचार में भारत की मदद के लिए वेंटिलेटर देगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यह घोषणा करते हुए दोनों देशों के बीच करीबी द्विपक्षीय संबंधों का जिक्र किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना ‘अच्छा मित्र’ बताया। ट्रम्प के ट्वीट और टिप्पणियों का जवाब देते हुए मोदी ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस के चलते पैदा हुए विश्वव्यापी स्वास्थ्य संकट के समय में यह महत्वपूर्ण है कि विभिन्न राष्ट्र दुनिया को स्वस्थ्य बनाने के लिये साथ मिल कर काम करें। ट्रम्प ने यह भी कहा कि अमेरिका और भारत घातक कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए टीका विकसित करने में आपस में सहयोग कर रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले वर्ष दिसंबर में कोरोना वायरस महामारी चीन से शुरू हुई थी और अब यह पूरी दुनिया में फैल चुकी है। विश्वभर में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 3,07,666 लोगों की मौत हो चुकी है और 45 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं। भारत में शुक्रवार तक कोविड-19 संक्रमण के कुल मामले 85,000 के आंकड़े पार कर गए, जो चीन में संक्रमण के कुल 82,933 मामलों से अधिक हैं। ट्रम्प ने ट्वीट किया, ‘‘मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि भारत में अपने मित्रों को अमेरिका वेंटिलेटर दान करेगा।’’ हालांकि, व्हाइट हाउस ने अभी यह नहीं बताया कि कितने वेंटिलेटर दान किए जाएंगे। शुक्रवार को कैंप डेविड जाने के लिए मरीन वन में सवार होने से पहले ट्रम्प ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘हम भारत में बहुत सारे वेंटिलेटर भेज रहे हैं। मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है। हमारे यहां बड़ी संख्या में वेंटिलेटर है।’’ उन्होंने व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम मिलकर इस (कोरोना वायरस) अदृश्य दुश्मन को पराजित करेंगे। हम इस महामारी के वक्त भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़े हैं।’’ राष्ट्रपति ट्रम्प इस सप्ताहांत में कुछ बैठकों के लिए कैंप डेविड में रहेंगे। ट्रम्प के अनुरोध पर पिछले महीने भारत ने अमेरिका में कोविड-19 के मरीजों इलाज के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की पांच करोड़ गोलियां भेजी थीं। अमेरिका इस महामारी से सबसे बुरी तरह प्रभावित देशों में शामिल है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार अब तक अमेरिका में 87,530 लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक कुल 14 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। इससे पहले ट्रम्प ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की। उन्होंने फरवरी में हुई अपनी नई दिल्ली, अहमदाबाद तथा आगरा की यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘भारत महान देश है और आप जानते हैं कि आपके प्रधानमंत्री मेरे बहुत अच्छे मित्र हैं।’’ ट्रम्प ने कोरोना वायरस के टीके के विकास के लिए काम कर रहे भारत-अमेरिकी वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि साल के आखिर तक कोविड-19 के इलाज के लिए टीका बन सकता है। ट्रंप ने ग्लेक्सोस्मिथक्लाइन कंपनी में टीका विभाग के पूर्व प्रमुख को टीका विकास की जिम्मेदारी सौंपी है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैली मेकएनेनी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘राष्ट्रपति ने भारत के साथ हमारे शानदार संबंधों की हाल में प्रशंसा की है। पिछले कुछ समय से भारत हमारे लिए एक बढ़िया साझेदार रहा है। भारत को वेंटिलेटर देने के बारे में जानकर मुझे प्रसन्नता हुई।’’ उन्होंने बताया कि भारत सहित कई देशों को वेंटिलेटर दिए जा रहे हैं। ट्रम्प के ट्वीट संदेश पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘धन्यवाद (अमेरिकी) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प। इस महामारी से हम सभी सामूहिक रूप से लड़ रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस तरह के समय में, ‘‘राष्ट्रों के लिये यह हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है कि वे साथ मिल कर काम करें और कोविड-19 से हमारी दुनिया को स्वस्थ बनाने के लिये यथासंभव काम करें।’’ प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘भारत-अमेरिका मित्रता और मजबूत हो।’’ भारत समेत अनेक देश कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच अस्पतालों में वेंटिलेटरों की बढ़ती मांग के मद्देनजर इन्हें खरीदने के लिए प्रयासरत हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी टिप्पणी में भारतीय-अमेरिकी की भूमिका की सराहना की और उन्हें महान वैज्ञानिक एवं अनुसंधानकर्ता बताया, जो कोरोना वायरस का टीका विकसित करने में योगदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 टीका इस साल के अंत तक उपलब्ध होने की संभावना है। इस बीच, व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कायलेग मैकएनेनी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राष्ट्रपति ने भारत के साथ हमारे संबंधों का अभी-अभी गुणगान किया है। कुछ समय से भारत हमारा एक बेहतरीन साझेदार रहा है।’’ उन्होंने कहा कि भारत उन कई देशों में शामिल होगा, जिन्हें वेंटिलेटर मिलेंगे। पिछले महीने चीन ने कहा था कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों के इलाज के लिये भारत को वेंटिलेटर की खरीद में मदद के लिए तैयार है, लेकिन उसने यह भी कहा था कि चीनी कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने में मुश्किल आ रही है और उन्हें बाहर से सामग्री मंगानी होगी।


वुहान में बड़े पैमाने पर हो रही लोगों की जांच


चीन में कोविड-19 के 21 नए मामले सामने आए हैं, जिसमें बिना लक्षण वाले 13 मामले शामिल हैं। इन नये मामलों के साथ देश में संक्रमण के मामले बढ़ कर 82,941 पर पहुंच गए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। वुहान शहर में बड़े पैमाने पर लोगों की जांच शुरू हुई है, जहां से यह प्रकोप शुरू हुआ था। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने बताया कि शुक्रवार को सामने आए कोविड-19 के आठ नए पुष्ट मामलों में से छह ऐसे लोग हैं, जो बाहर से आये हुए हैं। आयोग ने बताया कि अन्य दो मामले स्थानीय स्तर पर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के हैं। ये दोनों मामले जिलिन प्रांत के हैं, जहां बड़ी संख्या में संक्रमण के मामले आने के बाद हाल ही में लॉकडाउन लगाया गया। हालांकि, बिना लक्षण वाले मामलों की संख्या में वृद्धि जारी रही, शुक्रवार को ऐसे 13 और मामले सामने आए। एनएचसी ने कहा कि बिना लक्षण वाले 561 मामलों में से 30 विदेश से आये हुए हैं, जो अभी भी चिकित्सा निगरानी में हैं। बिना लक्षण वाले मामलों में व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित होता है, लेकिन उसमें बुखार, खांसी या गले में खराश जैसे कोई लक्षण नहीं होते हैं। हालांकि, उनसे बीमारी दूसरों तक फैलने का खतरा रहता है। मध्य हुबेई प्रांत और इसकी राजधानी वुहान में शुक्रवार तक कोविड-19 के बिना लक्षण वाले 439 मामले सामने आ चुके हैं। चीनी अधिकारियों ने बुधवार से 1.1 करोड़ की आबादी वाले इस शहर में सब की जांच शुरू की है। शुक्रवार तक, हुबेई प्रांत में वायरस से मौत का आंकड़ा 4,512 था, जिनमें से केवल वुहान में ही 3,869 मौतें हुई हैं। हुबेई में अब तक कोविड-19 के कुल 68,134 मामलों की पुष्टि हुई है, जिसमें वुहान में सामने आए 50,339 मामले शामिल हैं। एनएचसी ने कहा कि शुक्रवार तक, पूरे चीन में कोविड-19 के पुष्ट मामले 82,941 तक पहुंच गए, जिसमें 89 मरीजों का अब भी इलाज चल रहा है, और 78,219 लोग ठीक हो चुके हैं। कुल 4,633 लोगों की बीमारी से मौत हो चुकी है।


- नीरज कुमार दुबे


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