Lockdown के 42वें दिन संक्रमण के मामलों में बड़ी वृद्धि, झूमते शराबी भी बढ़ा रहे हैं मुश्किलें

By नीरज कुमार दुबे | May 05, 2020

सरकार ने विदेशी नागरिकों को दिए गए सभी मौजूदा वीजा (कुछ श्रेणियों में छोड़कर) को मंगलवार को लॉकडाउन में भारत से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन बंद रहने तक निलंबित कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अलग से एक आदेश में कहा कि उसने कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के कारण भारत में फंसे विदेशियों के वीजा को ‘नि:शुल्क’ आधार पर बढ़ा दिया है। यह विस्तार अवधि अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा शुरू होने के बाद तीस दिन की अवधि तक होगी। गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि उसने अंतरराष्ट्रीय उड़ानें निलंबित रहने तक भारत के प्रवासी नागरिक (ओसीआई) कार्ड धारकों को दिये गए अनेक बार प्रवेश वाले आजीवन वीजा पर यात्रा भी स्थगित कर रखी है। इसमें कहा गया है कि हालांकि पहले से भारत में रह रहे ओसीआई कार्ड धारक यहां कितने भी समय तक रह सकते हैं। आदेश में कहा गया है कि राजनयिक, आधिकारिक, संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय संगठनों, रोगजार और परियोजना श्रेणियों को छोड़कर विदेशियों को दिये गये सभी मौजूदा वीजा तब तक निलंबित रहेंगे, जब तक सरकार भारत आने और यहां से जाने के लिए अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्राओं पर लगी रोक नहीं हटा देती।


शराब की दुकानों पर दूसरे दिन भी उमड़ी जबरदस्त भीड़


दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में मंगलवार को शराब की दुकानों पर जबरदस्त भीड़ उमड़ी। शराब के शौकीनों को न तो कोरोना वायरस के संक्रमण का खौफ़ था और न ही मदिरा पर लगाया गया भारी 'विशेष कोरोना शुल्क' उनके हौसले पस्त कर सका। लॉकडाउन में ढील दिये जाने के एक दिन बाद यानि मंगलवार सुबह से ही शराब की दुकानों के बाहर बड़ी संख्या में लोग कतारों में लगे दिखे। इस दौरान उन्हें अपनी बारी आने के लिये घंटों इंतजार करना पड़ा। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और दिल्ली के शहरी तथा ग्रामीण इलाकों में सोमवार जैसा ही नजारा देखने को मिला। दिल्ली सरकार ने भी शराब पर विशेष कोरोना शुल्क लगाने की घोषणा की है। सोमवार को भीड़ के अनियंत्रित हो जाने के बाद शराब की कई दुकानों को बंद कर दिया गया था, क्योंकि लोग सामाजिक दूरी के नियम की परवाह नहीं कर रहे थे। बाद में रात को, दिल्ली सरकार ने शराब की बिक्री पर 70 फीसदी 'विशेष कोरोना शुल्क' लगा दिया। दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने सोमवार को शराब की दुकानों के बाहर अव्यवस्था के बाद एक रिपोर्ट तैयार की है जिसमें दिल्ली में शराब की बिक्री का वक्त बढ़ाने की सलाह दी गई है। कृष्णा नगर और विश्वास नगर में शराब की दुकानों के बाहर लंबी-लंबी कतारें देखी गईं। वहीं भीड़ को नियंत्रित करने और सामाजिक दूरी के नियम का पालन कराने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात किया गया। मध्य दिल्ली के गोल मार्केट जैसे कुछ इलाकों में शराब की दुकानें बंद रहीं। यहां भीड़ को काबू में ऱखने के लिए अर्द्धसैनिक बलों के कर्मियों को भी तैनात किया गया। गृह मंत्रालय द्वारा लॉकडाउन में दी गई ताजा रियायत के मुताबिक, सुबह नौ बजे से शाम साढ़े छह बजे तक शराब की करीब 150 सरकारी दुकानें खोलने की इजाजत दी गई है। बुराड़ी में रहने वाले भरत कुमार सुबह आठ बजे से शराब की दुकान के बाहर कतार में खड़े हो गए और उनके आगे कई लोग पहले से ही लगे थे। दुकान खुलने का समय नौ बजे से है। उन्होंने कहा, 'मैं शराब के लिए सुबह आठ बजे से कतार में लगा था। बावजूद इसके, मुझे तीन बोतल शराब खरीदने में डेढ़ घंटे का वक्त लगा।' शराब पर 'कोरोना शुल्क' लगाने के सरकार के फैसले के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, 'इससे हमें फर्क नहीं पड़ता।' पूर्वी दिल्ली के शकरपुर से आए राजकुमार (38) ने कहा, 'मैं कृष्णा नगर में कुछ दुकानों पर गया, लेकिन वहां लगभग 400-500 लोगों की लंबी कतारें थीं। इधर, दुकान नहीं खुली हैं और पुलिसकर्मी हमें वापस भेज रही है। यह उचित नहीं है। सरकार ने इतनी कीमत बढ़ा दी है और फिर भी कोई इसे खरीदने की कोशिश करता है, तो भी यह नहीं मिलती है।' बहरहाल, ऐसे भी कई लोग थे, जिन्हें दूसरे दिन भी शराब नसीब नहीं हुई। दिल्ली ही नहीं, उत्तराखंड के नैनीताल से सामने आईं वीडियो में लोग ओलावृष्टि के बीच छाता लेकर शराब की दुकानों के बाहर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। इस बीच, आंध्र प्रदेश सरकार ने मंगलवार को शराब की कीमत फिर से 50 प्रतिशत बढ़ा दी। इससे एक दिन पहले ही शराब की कीमत 25 फीसदी बढ़ाई गई थी। राज्य में सोमवार को ही शराब की दुकानें खुली हैं। राज्य के विशेष मुख्य सचिव (राजस्व) रजत भार्गव ने कहा कि शराब की कीमत में वृद्धि लोगों को शराब पीने से हतोत्साहित करने और लोगों की सेहत की सुरक्षा के लिए की गई है। वहीं, राजस्थान के जोधपुर में, सुरक्षाकर्मियों को शराब की दुकानों के बाहर लगी भीड़ से सामाजिक दूरी का पालन कराने के लिये उस पर लाठीचार्ज तक करना पड़ा। कुछ ऐसे ही हालात कोलकाता में भी देखे गए। शहर में बाजार से हटकर यानि एकल दुकानों के बाहर लंबी कतारें देखी गईं। इस दौरान पुलिस और स्थानीय अधिकारियों ने सामाजिक मेलजोल से दूरी का पालन कराने के भरसक प्रयास किये। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भी शराब के शौकीन बेकरार नजर आए। इस दौरान दो लोगों की जान भी चली गई। दरअसल, शराब की बिक्री फिर से शुरु होने की खुशी में कुछ लोगों ने पार्टी रखी। इस दौरान पार्टी में झगड़ा हो गया और एक व्यक्ति ने अपने तीस वर्षीय दोस्त को चाकू मारकर मौत के घाट उतार दिया। वहीं दूसरी घटना में एक युवक को नशे में धुत उसके दोस्त ने पीट-पीटकर मार डाला। छत्तीसगढ़ सरकार ने भीड़ कम करने के मकसद से ग्रीन जोन में घर पर ही शराब की आपूर्ति के लिये एक वेब पोर्टल शुरू किया है। केरल, मध्य प्रदेश जैसे कुछ राज्यों ने शराब की दुकानें बंद रखीं। तमिलनाडु सरकार ने सात मई से शराब की दुकानें खोलने का ऐलान किया है। वहीं, महाराष्ट्र ने एक दिन शराब की दुकानें खोलकर 11 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है। राज्य के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में शराब की दुकानों ने लगभग चार लाख लीटर देसी शराब बेची। पंजाब में, आबकारी विभाग ने घरों में शराब की आपूर्ति का प्रस्ताव रखा है, जिस पर अंतिम निर्णय बृहस्पतिवार को मंत्रिमंडल की बैठक में लिया जाएगा।

 

इसे भी पढ़ें: कहा जाता था भारत में जान सस्ती है, मोदी ने दर्शाया भारतीयों की जान सबसे कीमती है

लंदन में फंसे भारतीयों की वापसी सात मई से शुरू होगी


भारत लॉकडाउन के कारण दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए भारतीयों को निकालने की प्रक्रिया शुरू कर रहा है, और लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे से एयर इंडिया के करीब सात विशेष विमान बृहस्पतिवार को मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, चेन्नई तथा बेंगलुरू की उड़ान भरने की तैयारी कर रहे हैं। लंदन में भारतीय उच्चायोग देश वापसी चाह रहे भारतीय नागरिकों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया संचालित कर रहा है जहां हजारों लोग भारत लौटने की प्रतीक्षा में हैं। अधिकारियों के अनुसार, सबसे संवेदनशील मामलों में यात्रियों को इन उड़ानों से यात्रा के लिए बुकिंग में प्राथमिकता दी जाएगी जिसके लिए यात्रियों को भुगतान करना होगा और एक हलफनामा भरना होगा कि वे भारत पहुंचने पर 14 दिन पृथक-वास में रहेंगे। ब्रिटेन में निवर्तमान भारतीय उच्चायुक्त रुचि घनश्याम ने कहा, ‘‘यह खबर उन भारतीयों के लिए बड़ी राहत लाएगी जो ब्रिटेन में फंसे हुए हैं और लौटने को बेसब्र हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘छात्र हैं जिनकी पढ़ाई पूरी हो गयी होगी और अल्पकालिक अवधि के लिए ब्रिटेन आए अन्य लोग भी इसमें हो सकते हैं। गर्भवती महिलाएं हैं और बीमारियों तथा मृत्यु के मामले हैं। वे अपने परिवारों से दूर हैं और अब अपने प्रियजनों से मिलना चाहेंगे।’’ भारत सरकार ने सोमवार को चरणबद्ध तरीके से अत्यावश्यक आधार पर विदेशों में फंसे हुए भारतीयों की वापसी के लिए योजना की घोषणा की। ब्रिटेन के लिए एयर इंडिया बृहस्पतिवार से आगामी मंगलवार के बीच लंदन से व्यावसायिक उड़़ानें संचालित करेगी जो पहले से निर्धारित नहीं हैं। वह लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे से मुंबई की उड़ान के साथ शुरुआत करेगी और उसके बाद बेंगलुरु, अहमदाबाद, चेन्नई तथा नयी दिल्ली के लिए उड़ानें संचालित होंगी।


किराया लेने का फैसला आमानवीय


कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मंगलवार को कहा कि कोरोना संकट के कारण विदेश से आने वाले प्रवासियों से विशेष उड़ानों का किराया लेने का फैसला अमानवीय है और केंद्र सरकार को मजदूरों एवं बेरोजगार हो चुके लोगों के लिए मुफ्त यात्रा सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने एक बयान में आरोप लगाया, ‘‘प्रवासी भारतीय नागरिकों को लाने के लिए विशेष उड़ानों का किराया लेने का सरकार का फैसला अमानवीय है। सरकार लोगों की पीड़ा का फायदा उठा रही है।’’ वेणुगोपाल के मुताबिक प्रवासियों, उनके रिश्तेदारों और आम जनता के विरोध के बाद सरकार अपने नागरिकों को विदेश से वापस लाने के लिए तैयार हुई। उन्होंने कहा कि मजदूरों, बेरोजगारों, बीमार पड़े लोगों और गर्भवती महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा सुनिश्चित करनी चाहिए।


मरने वालों की संख्या बढ़कर 1583 हुई


कोरोना वायरस से सोमवार शाम से 194 और मौतें होने से मृतक संख्या बढ़कर 1,583 हो गई है। वहीं संक्रमण के मामलों में 3,875 की बड़ी वृद्धि होने से कुल मामले मंगलवार को 46,711 हो गए। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी। मंत्रालय ने सोमवार सुबह आठ बजे से मंगलवार सुबह आठ बजे तक के मामलों और मौतों का आंकड़ा भी जारी किया। उसने कहा कि इस 24 घंटे की अवधि में भारत में एक दिन में रिकॉर्ड 195 मौतें और 3,900 मामले सामने आये जिसमें कोविड-19 से होने वाली मौतों की संख्या बढ़कर 1,568 और मामले बढ़कर 46,433 हो गए। मंत्रालय द्वारा मंगलवार को अद्यतन किये गए आंकड़ों के अनुसार, ऐसे व्यक्तियों जिनका कोविड-19 के लिए इलाज किया जा रहा है उनकी संख्या 31,967 है जबकि 13,160 लोग ठीक हुए हैं, वहीं एक मरीज बाहर चला गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने देश में कोविड-19 की स्थिति पर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘इस प्रकार, अब तक लगभग 28.17 प्रतिशत मरीज ठीक हो चुके हैं।’’ कुल मामलों में 111 विदेशी नागरिक शामिल हैं। सोमवार शाम से अब तक कुल 194 मौतें हुई हैं, इसमें में पश्चिम बंगाल में 98 मौतें, महाराष्ट्र में 35, गुजरात से 29, मध्य प्रदेश में 11, उत्तर प्रदेश से आठ, राजस्थान में छह, पंजाब और कर्नाटक से दो-दो और चंडीगढ़, हरियाणा और तमिलनाडु में एक-एक मौत हुई है। मृतकों में सबसे अधिक 583 मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं, इसके बाद दूसरा नम्बर गुजरात का है जहां 319 मौतें हुई हैं, इसके बाद मध्य प्रदेश में 176, पश्चिम बंगाल में 133, राजस्थान में 77, दिल्ली में 64, उत्तर प्रदेश में 53 और आंध्र प्रदेश में 36 मौतें हुई हैं। तमिलनाडु में मृतक संख्या 31 हो गई है, तेलंगाना में 29, जबकि कर्नाटक में 28 मौतें हुई हैं। पंजाब में कोविड-19 से 23 मौतें, जम्मू-कश्मीर में आठ, हरियाणा में छह और केरल और बिहार में चार-चार मौतें हुई हैं। झारखंड में कोविड -19 से तीन मौतें हुई हैं। आंकड़ों में कहा गया है कि मेघालय, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, असम और उत्तराखंड में एक-एक मौतें हुई हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शाम को अद्यतन किये गए आंकड़े के अनुसार देश में सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र में 14,541 हैं, इसके बाद गुजरात में 5,804, दिल्ली में 4,898, तमिलनाडु में 3,550, राजस्थान में 3,061, मध्य प्रदेश में 3,049 और उत्तर प्रदेश में 2,859 हैं। कोविड-19 मामलों की संख्या आंध्र प्रदेश में 1,717 और पश्चिम बंगाल में 1,259 हो गई है। यह पंजाब में 1,233, तेलंगाना में 1,085, जम्मू कश्मीर में 726, कर्नाटक में 659, बिहार में 529 और हरियाणा में 517 हो गयी है। केरल में कोरोना वायरस के अब तक 500 मामले सामने आए हैं, जबकि ओडिशा में 170 मामले हैं। झारखंड में कुल 115 लोग संक्रमित हैं और चंडीगढ़ में वायरस से 102 संक्रमित हैं। उत्तराखंड में 60 मामले, छत्तीसगढ़ में 58 मामले, असम में 43, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में 41-41 मामले सामने आये हैं। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में कोविड-19 के 33 मामले सामने आए हैं। त्रिपुरा में 29 मामले, मेघालय में 12, पुडुचेरी में नौ जबकि गोवा में सात मामले हैं। मणिपुर में दो मामले, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में एक-एक मामला सामने आया है। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा, ‘‘आईसीएमआर के साथ हमारे आंकड़ों को लेकर समन्वय किया जा रहा है।" उसने कहा, ‘‘राज्यवार आंकड़े आगे सत्यापन और समन्वय के अधीन हैं।''


मोदी ने पुर्तगाल के प्रधानमंत्री के साथ चर्चा की


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पुर्तगाल के अपने समकक्ष एंटोनियो कोस्टा से टेलीफोन पर बातचीत की और कोविड-19 महामारी से निपटने के कदमों पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, मोदी और कोस्टा ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अनुसंधान एवं नवोन्मेष में सहयोग पर सहमति व्यक्त की। दोनों नेताओं ने स्थिति से निपटने में एक दूसरे को हरसंभव मदद की पेशकश की। प्रधानमंत्री मोदी ने पुर्तगाल की यात्रा पर गए भारतीय यात्रियों के वीजा की अवधि बढ़ाने के लिये प्रधानमंत्री कोस्टा को धन्यवाद दिया। ये यात्री कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण वापस नहीं लौट सके थे। बयान के अनुसार, पुर्तगाल के प्रधानमंत्री ने भारत में अपने देश के नागरिकों को प्रदान की गई सुविधा के लिये मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। दोनों नेताओं ने इस संकट की स्थिति में और कोविड-19 के बाद उभरते परिदृश्य में भी एक दूसरे के साथ सम्पर्क में रहने पर सहमति व्यक्त की।


विदेश से लौटने वाले भारतीयों को 'आरोग्य सेतू' डाउनलोड करना होगा


विदेश में फंसे जिन भारतीय नागरिकों को विशेष उड़ानों के जरिए वापस लाया जाएगा, उन्हें यहां पहुंचने पर 'आरोग्य सेतु' मोबाइल एप डाउनलोड करना होगा और इस पूरे अभियान के लिए विस्तृत प्रक्रियाएं जारी की जाएंगी। गृह मंत्रालय की एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्या सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय रेलवे ने फंसे हुए प्रवासी मजूदरों के लिए अब तक 62 विशेष ट्रेनें चलाई हैं, जिनमें करीब 70,000 लोग यात्रा कर चुके हैं। उन्होंने दैनिक प्रेसवार्ता में संवाददाताओं से कहा कि मंगलवार को ऐसी 13 और ट्रेनें चलाए जाने की उम्मीद है। विदेश में फंसे हुए भारतीयों को वापस लाने की योजना के बारे में श्रीवास्तव ने कहा कि विभिन्न देशों के दूतावास सूची तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विमानों अथवा नौसेना के जहाजों के जरिए आने वाले लोगों को इसके लिए भुगतान करना होगा। श्रीवास्तव ने कहा, 'विमान में सवार होने से पहले यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी और बीमारी के लक्षण नहीं होने वालों को ही अनुमति मिलेगी। हर यात्री को स्वास्थ्य और नागर विमानन मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।' सलिला ने कहा कि भारत वापस आने पर यात्रियों को आरोग्य सेतू ऐप पर पंजीकृत होना होगा। उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा और संबंधित राज्य सरकारें भुगतान के आधार पर उन्हें अस्पताल अथवा अन्य संस्थानों में पृथक-वास में रखेंगी। राज्य सरकारों को इन यात्रियों के लिए परिवहन सुविधा के साथ ही जांच और पृथक-वास में रखने की तैयारी करने की सलाह दी जा रही है। अधिकारी ने कहा कि इस बारे में विदेश मंत्रालय और नागर विमानन मंत्रालय की तरफ से विस्तृत विवरण जारी किया जाएगा। उन्होंने साफ किया कि ऐसे यात्रियों की जांच की जाएगी और उन्हें 14 दिन के पृथक-वास में रहना होगा। साथ ही उन्हें पृथक-वास की सुविधा का भुगतान भी करना होगा। इसके साथ ही आने वाले लोगों को लॉकडाउन के तहत लागू सभी नियमों का पालन करना होगा।


इज़राइल ने एंटीबॉडी विकसित करने में अहम उपलब्धि हासिल की


इज़राइल के रक्षा मंत्री नफतली बेन्नेट ने दावा किया है कि उनके देश के मुख्य जीवविज्ञानी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस का एंटीबॉडी विकसित करने में ‘अहम उपलब्धि’ हासिल की है। उनका कहना है कि अनुसंधानकर्ता विकास चरण पूरा करके उस दवा को पेटेंट कराने एवं भविष्य के इलाज के लिए बड़े पैमाने पर उसका उत्पादन करने की दिशा में बढ़ चुके हैं। रक्षा मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, बेन्नेट ने सोमवार को नेस्स जियोना में इज़राइल के इंस्टीट्यूट फॉर बायोलोजिकल रिसर्च (आईआईबीआर) का दौरा किया और उन्हें ‘‘वह एंटीबॉडी दिखाया गया जो वायरस पर हमला करता है और मरीजों के शरीर के अंदर ही उसे निष्प्रभावी बना सकता है।’’ इस बयान में कहा गया है कि एंटीबॉडी विकसित कर लिया गया है और अब संस्थान उसे पेटेंट कराने की प्रक्रिया में है एवं अगले चरण में अनुसंधानकर्ता वाणिज्यिक स्तर पर उस एंटीबॉडी का उत्पादन करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से संपर्क करेंगे। बेन्नेट ने कहा, ''मुझे इस बड़ी उपलब्धि के लिए संस्थान के कर्मियों पर नाज है। उनकी सृजनशीलता और यहूदी मेधा ने यह आश्चर्यजनक उपलब्धि हासिल की।’’ यह संस्थान प्रधानमंत्री कार्यालय की निगरानी में है और उसे कोरोना वायरस का टीका विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। मार्च में इज़राइल के दैनिक अखबार हरेत्ज ने मेडिकल सूत्रों के हवाले से खबर दी थी कि संस्थान के वैज्ञानिकों ने इस वायरस की जैविक प्रणाली और विशेषताएं समझने में अहम उपलब्धि हासिल की है जिनमें उसकी बेहतर नैदानिक क्षमता, मरीजों के लिए एंटीबॉडी और टीके का विकास आदि शामिल हैं। तत्काल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या बेन्नेट के सामने पेश की गयी उपलब्धि, मार्च में आयी खबर की अगली कड़ी है ? ज्यादा ब्योरा भी नहीं दिया गया है। बयान में यह नहीं बताया गया है कि क्या इंसान पर उसका परीक्षण किया गया है या नहीं ? आईआईबीआर ने संभवत: कुछ क्लीनिकल परीक्षण किये हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने उस प्रोटीन की पहचान की है जो मरीज के शरीर में ही इस वायरस को खत्म करने में सक्षम है। संस्थान अपने निष्कर्षों के बारे में शीघ्र ही शोधपत्र प्रकाशित करेगा। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक फरवरी को इस संस्थान को कोविड-19 का टीका विकसित करने के लिए अपने संसाधन लगा देने का आदेश दिया था। हालांकि मार्च में रक्षा मंत्रालय ने किसी भी उपलब्धि से यह कहते हुए इनकार किया था कि ''जब कुछ ऐसी बात होगी तब उसका खुलासा किया जाएगा।’’


24 व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गए


राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित सेना के रिसर्च एंड रेफरल हास्पिटल में 24 व्यक्ति जांच में कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गए हैं। संक्रमित पाये गए व्यक्तियों में सेवारत एवं सेवानिवृत्त सशस्त्र बल कर्मी शामिल हैं। यह जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार को दी। अधिकारियों ने बताया कि संक्रमित पाये गए ये सभी व्यक्ति अस्पताल के ऑन्कोलॉजी वार्ड के हैं और इन सभी को दिल्ली छावनी स्थित सेना के बेस अस्पताल भेज दिया गया है। बेस अस्पताल कोरोना वायरस मरीजों के इलाज के लिए निर्दिष्ट अस्पताल है। अधिकारियों ने बताया कि ये 24 व्यक्ति वे मरीज हैं जिनका रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में इलाज चल रहा था और इनमें सेवारत एवं सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों के साथ ही उनके आश्रित भी शामिल हैं। एक मरीज के कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने के बाद इस अस्पताल में उसके सम्पर्क में आये व्यक्तियों का पता लगाने का कार्य शुरू किया गया था। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘अधिक जोखिम वाले समूह के लिए पृथक करने और जांच करने का प्रोटोकॉल अपनाया गया था।'' यह सशस्त्र बल को प्रभावित करने वाला संक्रमण का दूसरा सबसे बड़ा मामला है। पिछले महीने मुम्बई में भारतीय नौसेना के पश्चिमी कमान में 26 कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गए थे। शुक्रवार को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा था कि सेना में कोरोना वायरस के 14 मामले सामने आये हैं जिनमें से पांच अभी तक ठीक हो चुके हैं। भारतीय वायुसेना में कोरोना वायरस संक्रमण का अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है।

 

इसे भी पढ़ें: कोराना वायरस के खिलाफ लड़ाई में राजस्थान सरकार ने उठाये कई ऐतिहासिक कदम

एमएसएमई के लिये वित्तीय पैकेज जल्द


केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि उन्हें सरकार की तरफ से सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) के लिये जल्द ही वित्तीय पैकेज घोषित किये जाने की उम्मीद है। एमएसएमई क्षेत्र का देश की आर्थिक वृद्धि में 29 प्रतिशत और निर्यात में 48 प्रतिशत का योगदान है। यह क्षेत्र रोजगार पैदा करने के मामले में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बहरहाल क्षेत्र बहुत बड़े संकट के दौर से गुजर रहा है। कोरोना वायरस बीमारी की वजह से लाखों इकाइयां घाटे में चल रही हैं और ऐसे समय जब वह अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रही हैं रोजगार की संभावनायें भी धूमिल हो रही हैं। एमएसएमई मंत्री ने कहा, ‘‘सरकार में इस स्थिति को लेकर पूरी गंभीरता से विचार किया जा रहा है और हम अपने स्तर पर हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हम सभी संबंद्ध पक्षों से बातचीत कर रहे हैं और विभिन्न विभागों के बीच एक दूसरे से भी विचार विमर्श किया जा रहा है। हम एमएसएमई क्षेत्र के लिये एक बेहतर पैकेज पाने के लिये हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इस क्षेत्र में समस्या काफी गंभीर है और हम ऐसे में उनका समर्थन कर रहे हैं।’’ गडकरी ने एक टीवी समाचार चैनल से कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि जितना जल्दी संभव हो सकेगा सरकार की तरफ से पैकेज घोषित किया जायेगा।’’ उन्होंने इसके अलावा यह भी कहा कि राज्य सरकारों और विदेशी कंपनियां जो कि भारत में निवेश करने की इच्छा रखती हैं उनके साथ बेहतर समन्वय के लिये एक विशेष संयुक्त सचिव की नियुक्ति की गई है। गडकरी ने कहा कि विदेशी कंपनियों को देश में बेहतर सम्मान और सुविधाओं के साथ ही सभी तरह की मंजूरियां तीन माह के भीतर दे दी जायेंगी।


चार संभावित दवाओं की पहचान की


अमेरिका में भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक और उनकी टीम ने कोविड-19 के उपचार के लिए ‘रेमडेसिविर’ सहित चार संभावित विषाणु रोधी दवाओं की पहचान की है। ये दवाएं नए कोरोना वायरस को मानव शरीर के भीतर अपनी प्रतिकृति बनाने से रोकने में कारगर हो सकती हैं। इन दवाओं में शामिल ‘रेमडेसिविर’ को मूलत: इबोला के उपचार के लिए विकसित किया गया था। अमेरिका के मिसौरी विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर कमलेंद्र सिंह और उनके सहकर्मियों ने कोविड-19 के उपचार में रेमडेसिविर, 5-फ्लुओरोउरासिल, रिबाविरिन और फैविपिराविर के प्रभाव को परखने के लिए कंप्यूटर आधारित दवा डिजाइन का इस्तेमाल किया। ‘पैथोजन्स’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट में पाया गया कि सभी चार दवाएं कोरोना वायरस के आरएनए प्रोटीन को नए कोरोना वायरस की जीनोम प्रतियां बनाने से रोकने में कारगर हैं। सिंह ने कहा, ‘‘कोविड-19 के उपचार में हमारा उद्देश्य डॉक्टरों को विकल्प उपलब्ध कराने में मदद करने और अंतत: संक्रामक रोग से पीड़ित रोगियों के स्वास्थ्य सुधार में योगदान देने का है।’’ अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि प्रयोगशाला में तथा रोगियों पर अभी और प्रयोग की आवश्यकता है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि संभावित उपचार विषाणु के ‘आरएनए पोलीमरेज’ के प्रति किस तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त करता है।


प्रवासी मजदूरों से लिया गया किराया खुद नहीं रखा


गुजरात सरकार गृहनगर जाने वाले प्रवासियों को ट्रेन के टिकटों की बिक्री से एकत्रित हुई राशि में कुछ भी अपने पास नहीं रखती, वह इस प्रक्रिया में केवल सुविधा प्रदान करने वाले की भूमिका निभाती है और किराया रेलवे को सौंप देती है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह बात कही और ऐसे यात्रियों से शुल्क वसूल करने के आरोपों को खारिज किया। यह बात कांग्रेस के इस दावे के मद्देनजर कही गई कि राज्य सरकार गरीब एवं बेरोजगार प्रवासी मजदूरों को मुफ्त यात्रा की सुविधा नहीं मुहैया करा रही है जो कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन के बीच अपने गृहस्थानों की ओर जा रहे हैं। प्रवासी मजदूरों को लेकर दो दर्जन से अधिक ट्रेनें पिछले कुछ दिनों में गुजरात के विभिन्न रेलवे स्टेशनों से विभिन्न राज्यों के लिए रवाना हुई हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव अश्विनी कुमार के अनुसार, यद्यपि प्रवासी मजदूर टिकट के लिए भुगतान करते हैं लेकिन राज्य सरकार वह राशि अपने पास नहीं रखती। कुमार ने कहा, ‘‘गुजरात सरकार ट्रेन के टिकटों की बिक्री से मिलने वाली राशि में कुछ भी अपने पास नहीं रखती। हम यात्रियों को पंजीकरण, ट्रेन स्टेशन तक परिवहन और सुचारू तरीके से ट्रेन में सवार होने में सुविधा प्रदान कर रहे हैं।’’ सोमवार को कुमार ने स्पष्ट किया था कि जो लोग अपने गृह स्थानों को वापस जाना चाहते हैं उन्हें ट्रेन यात्रा के लिए टिकट खरीदने होंगे। कांग्रेस के विपक्ष के नेता परेश धनानी ने मंगलवार को इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को चुनौती दी थी और आरोप लगाया था कि उनकी सरकार सच नहीं बोल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं मुख्यमंत्री को यह साबित करने की चुनौती देता हूं कि राज्य सरकार ने गरीब और बेरोजगार प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त यात्रा प्रदान की है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप मुझे गलत साबित करते हैं, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। अन्यथा, मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।’’ अतिरिक्त मुख्य सचिव (श्रम एवं रोजगार विभाग) विपुल मित्रा ने बताया कि राज्य सरकार सिर्फ सुविधा प्रदान करने की भूमिका निभा रही है और एकत्रित किराया रेलवे अधिकारियों को दे रही है।’’ मित्रा ने कहा, ‘‘गुजरात सरकार कोई पैसा नहीं रखती। हमें प्रति ट्रेन लगभग 1,200 टिकट दिए जाते हैं। हम प्रवासियों से भुगतान लेते हैं और पूरी राशि रेलवे को जमा कर देते हैं।’’ मित्रा ने कहा, ‘‘अगर कोई प्रवासी भुगतान करने में असमर्थ है, तो हम उस प्रवासी के वास्ते भुगतान करने के लिए एनजीओ की मदद लेते हैं। किसी भी व्यक्ति को पैसे की वजह से यात्रा से वंचित नहीं किया जाता है।’’ एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया कि दो मई से मंगलवार सुबह तक, लगभग 27,000 प्रवासी श्रमिकों को ले जाने वाली 23 ट्रेनें गुजरात के विभिन्न रेलवे स्टेशनों से रवाना हुई हैं।

 

इसे भी पढ़ें: बुजुर्ग ही असली शिकार नहीं, युवा भी अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दें

बेरोजगारी की दर बढ़कर 27.11 प्रतिशत हुई


सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) ने कहा कि कोविड-19 संकट के चलते देश में बेरोजगारी की दर तीन मई को सप्ताह के दौरान बढ़कर 27.11 प्रतिशत हो गई। मार्च मध्य में इस महामारी के तेजी पकड़ने के समय यह दर सात प्रतिशत से कम थी। मुंबई स्थित थिंक टैंक ने कहा कि बेरोजगारी की दर शहरी क्षेत्रों में सबसे अधिक 29.22 प्रतिशत रही, जहां कोविड-19 संक्रमण के सबसे आधिक प्रभावित इलाकों ‘ रेड जोन’ की संख्या सबसे अधिक है। ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की दर 26.69 प्रतिशत थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन लागू करते समय ही विश्लेषकों ने बेरोजगारी की चेतावनी दी थी। लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियों में ठहराव आ गया, और दिल्ली तथा मुंबई जैसे शहरी केंद्रों से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के पलायन से विश्लेषकों की आशंकाएं सही साबित हुईं। सरकार ने अब तक इस संकट से निपटने के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये के राजकोषीय प्रोत्साहन की घोषणा की है, जिसका बड़ा हिस्सा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को आय और भोजन सहायता मुहैया कराने के लिए है। सीएमआईई की साप्ताहिक श्रृंखला के आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से बेरोजगारी में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और यह 29 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान 23.81 प्रतिशत थी। सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में मासिक बेरोजगारी की दर 23.52 प्रतिशत थी। आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल के अंत में दक्षिण भारत में पुदुचेरी में सबसे अधिक 75.8 प्रतिशत बेरोजगारी थी। इसके बाद पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में 49.8 प्रतिशत, झारखंड में 47.1 प्रतिशत और बिहार में 46.6 प्रतिशत बेरोजगारी थी। सीएमआईई के मुताबिक महाराष्ट्र में बेरोजगारी दर 20.9 प्रतिशत थी, जबकि हरियाणा में 43.2 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 21.5 प्रतिशत और कर्नाटक में 29.8 प्रतिशत थी। सीएमआईई के मुताबिक पहाड़ी राज्यों में बेरोजगारी की दर काफी कम रही है। हिमाचल प्रदेश में यह दर 2.2 प्रतिशत, सिक्किम में 2.3 प्रतिशत और उत्तराखंड में 6.5 प्रतिशत रही।


पर्यटन क्षेत्र को होगा 10 लाख करोड़ रुपये का नुकसान


पर्यटन क्षेत्र की शीर्ष संस्था फेडरेशन ऑफ एसोसिएशंस इन इंडियन टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी (एफएआईटीएच) ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण भारत के पर्यटन क्षेत्र को होने वाले नुकसान के अनुमान को दोगुना कर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। एफएआईटीएच ने एक बयान में कहा कि इससे पहले पर्यटन क्षेत्र को पांच लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान जताया गया था और इस बारे में मार्च में सरकार को बता दिया गया था। एफएआईईटी के प्रवक्ता ने कहा कि फेडरेशन भारतीय पर्यटन उद्योग को होने वाले आर्थिक नुकसान के अनुमान को पांच लाख करोड़ रुपये से दोगुना कर 10 लाख करोड़ रुपये करना चाहता है। फेडरेशन ने सरकार ने मदद का अनुरोध भी किया है।


शुरू की प्री-बुकिंग, ऑफर की पेशकश


टिकाऊ उपभोक्ता सामान बनाने वाली सैमसंग और एलजी जैसी प्रमुख कंपनियों ने लॉकडाउन (बंद) की बढ़ी अवधि में ग्राहकों के लिए प्री-बुकिंग शुरू की है। साथ ही ग्राहकों को लुभाने के लिए कंपनियों ने कई ऑफर की भी पेशकश की है। एलजी और सैमसंग दोनों ने अपनी-अपनी वेबसाइट पर विभिन्न उत्पादों की प्री-बुकिंग शुरू कर दी है। इन्हें बाद में स्थानीय खुदरा दुकानदार द्वारा घरों पर डिलिवर किया जाएगा। ग्राहकों को लुभाने के लिए कंपनियां 10,000 रुपये मूल्य तक के उपहारों की पेशकश कर रही हैं। इसमें कैशबैक और अन्य उत्पाद शामिल हैं। एलजी ने 15 मई तक और सैमसंग ने आठ मई तक के लिए प्री-बुकिंग सेवा शुरू की है। देश में 25 मार्च से लागू लॉकडाउन की वजह से घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की खुदरा दुकानें बंद हैं। वहीं केंद्र सरकार ने चार मई से लॉकडाउन के नियम-शर्तों में कुछ राहत दी है, इससे कंपनियों को मांग में सुधार की उम्मीद है। सैमसंग ने एक बयान में कहा, ''कोरोना वायरस महामारी के प्रति एहतियात बरतते हुए कंपनी ने अपने सभी खुदरा और वितरण नेटवर्क पर ग्राहकों को प्री-बुकिंग करने में मदद के प्रबंध किए हैं। वह घर से बाहर जाए बिना उत्पादों की बुकिंग कर सकते हैं। वह कंपनी के ऑनलाइन मंच सैमसंग शॉप पर सामान की बुकिंग कर सकते हैं जिसे बाद में सैमसंग के अधिकृत डीलर द्वारा घर पर डिलिवर कर दिया जाएगा।’’ एलजी ने भी मोबाइल, घरेलू इलेक्ट्रॉनिक सामान इत्यादि की प्री-बुकिंग शुरू कर दी है।


ब्रिटेन में 30,000 से ज्यादा मौत को दर्शाया गया


ब्रिटेन में नए आंकड़ों से पता चला है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण से 30,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है जो कि आधिकारिक आंकड़ों से कहीं ज्यादा है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने कहा कि कोविड-19 की वजह से इंग्लैंड और वेल्स में 24 अप्रैल तक 29, 710 लोगों की मौत हुई है जबकि इसी अवधि के आधिकारिक आंकड़ों में 22,173 लोगों की मौत की बात कही गई है। यानी सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़े सरकारी आंकड़ों से 34 प्रतिशत ज्यादा हैं। स्कॉटलैंड और नॉर्दन आयरलैंड के आकंड़े अलग से जमा किए गए हैं जिसके बाद आंकड़ा 30,000 के पार चला गया। ब्रिटेन के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अब तक 28,734 लोगों की मौत हो चुकी है जो कि इटली के 29,079 मौत के आंकड़ों से थोड़ी ही पीछे है। सांख्यिक कार्यालय के आंकड़े में उन मौतों को भी शामिल किया गया है जो कोविड-19 के संदिग्ध थे और उनकी जांच नहीं हुई थी।


ट्रंप ने यात्रा बहाल की


अमेरिका में कोरोना वायरस महामारी से निपटने में जुटे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले दो महीने में बमुश्किल ही व्हाइट हाउस से बाहर गये। लेकिन अब उनकी नियमित यात्राएं और दौरे पुन: शुरू होने जा रहे हैं। इस मंगलवार को ट्रंप एन-95 मास्क का उत्पादन करने वाली एक फैक्टरी का दौरा करने के लिए एरिजोना की यात्रा करने वाले हैं। राष्ट्रपति के अनुसार, इसी के साथ उनकी और नियमित यात्रा की वापसी होगी। उनके साथ व्हाइट हाउस, रक्षा विभाग, गोपनीय सेवा और अन्य विभागों के कर्मी भी होंगे जो उनकी सलाहकार मंडली का हिस्सा हैं। ट्रंप ने कहा कि मंगलवार की इस यात्रा के अलावा वह शीघ्र ही ओहायो, जून में न्यूयार्क और जुलाई में साउथ डकोटा जायेंगे। ट्रंप ने अपनी यात्रा योजना के बारे में कहा, ''मैं लंबे समय से व्हाइट हाउस में ही रहा। मुझे जितना अच्छा लगेगा, मैं बाहर जाना चाहूंगा...।’’


-नीरज कुमार दुबे


प्रमुख खबरें

क्रिसमस कार्यक्रम में पीएम मोदी हुए शामिल, कहा- राष्ट्रहित के साथ-साथ मानव हित को प्राथमिकता देता है भारत

1 जनवरी से इन स्मार्टफोन्स पर नहीं चलेगा WhatsApp, जानें पूरी जानकारी

मोहम्मद शमी की फिटनेस पर BCCI ने दिया अपडेट, अभी नहीं जाएंगे ऑस्ट्रेलिया

अन्नदाताओं की खुशहाली से ही विकसित भारत #2047 का संकल्प होगा पूरा