Lockdown के 40वें दिन स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- कोरोना रोगियों के ठीक होने की संख्या तेजी से बढ़ी

By नीरज कुमार दुबे | May 03, 2020

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को कहा कि कोविड-19 के मामले बढ़ने की दर कुछ समय से लगभग स्थिर है और रोगियों के ठीक होने की दर सुधर रही है। उन्होंने कहा कि भारत सफलता की राह पर है तथा देश इस महामारी के खिलाफ लड़ाई जीतेगा। उन्होंने कहा कि अब तक देश में कोविड-19 के 10,000 रोगी ठीक हो चुके हैं। हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘कोविड-19 के रोगियों के ठीक होने की दर में निरंतर सुधार हुआ है जो दिखाता है कि ज्यादा से ज्यादा रोगी इस बीमारी से उबर रहे हैं और बेहतर होकर घर लौट रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नये मामलों के बढ़ने की दर भी कुछ समय से स्थिर है।'' मंत्री के हवाले से एक बयान में कहा गया कि रविवार को प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन दिन से वायरस के मामले दोगुने होने की दर 12 दिन है। सात दिन के लिहाज से देखें तो 11.7 दिन में मामले दोगुने हो रहे हैं और 14 दिन के हिसाब से देखें तो 10.4 दिन में मामले दोगुने हो रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने आज की तारीख तक दस लाख से अधिक नमूनों की जांच कर ली है और इस समय एक दिन में 74 हजार से अधिक जांच हो रही हैं।’’ मंत्री ने कहा कि सरकार ने पूरे भारत में करीब 20 लाख पीपीई किट वितरित की हैं और 100 से अधिक देशों को दवाओं (हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन तथा पैरासीटामोल दोनों) की आपूर्ति की है। उन्होंने कहा कि भारत इस मामले में अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है और विशेष कोविड-19 अस्पतालों तथा स्वास्थ्य केंद्रों में ढाई लाख से अधिक बिस्तरों के साथ किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सक्षम है। स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से लॉकडाउन के तीसरे चरण का पूरी तरह पालन करने तथा इसे संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए प्रभावी हस्तक्षेप मानकर चलने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम सफलता की राह पर हैं और कोविड-19 के खिलाफ इस युद्ध को जीतेंगे।’’ उन्होंने लोगों से कोविड-19 के रोगियों का इलाज कर रहे डॉक्टरों का बहिष्कार नहीं करने तथा इस घातक रोग से उबर चुके रोगियों को अपमानित नहीं करने की अपील की। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘वे हमारे नायक हैं और सकारात्मक रवैये के हकदार हैं।’’ मंत्री ने ‘कोरोना योद्धाओं’ की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘‘आज, भारतीय वायु सेना पूरे देश में इन योद्धाओं पर हेलीकॉप्टरों से पुष्पवर्षा कर उन्हें सम्मान दे रही है।’’ हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 से निपटने में भारत के प्रयासों की न केवल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने तारीफ की है, बल्कि पूरी दुनिया एक स्वर में इन्हें सराह रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने यहां लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी) का दौरा किया और कोविड-19 के प्रबंधन की स्थिति का जायजा लिया। अस्पताल के कोविड-19 प्रखंड में हर्षवर्धन ने वीडियो कॉल से दो इंटर्न डॉक्टरों से बातचीत की जो यहां रोगियों का इलाज करने के दौरान संक्रमित हो गए और उन्हें भर्ती कराया गया है। मंत्री ने डिजिटल माध्यम से कोविड-19 वार्ड में भर्ती दो रोगियों से भी बात की जिन्होंने यहां की सुविधाओं के बारे में उन्हें बताया। हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिन में मैंने एम्स दिल्ली, एलएनजेपी, आरएमएल, सफदरजंग, एम्स झज्जर, राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों और अब एलएचएमसी का दौरा कर कोविड-19 से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया है और मैं इन अस्पतालों के कोरोना वायरस के प्रकोप से प्रभावी तरीके से निपटने के बंदोबस्त से संतुष्ट हूं।’’ उन्होंने कहा कि देश में इस समय 130 जिले हॉटस्पॉट, 284 गैर-हॉटस्पॉट और 319 जिले संक्रमण रहित हैं। 


देश में कोविड-19 मृतकों की संख्या 1,306 हुई


देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से 83 और लोगों की मौत होने के बाद मृतकों की कुल संख्या 1,306 हो गई है जबकि 2,487 नये मामले सामने आने के बाद मामलों की कुल संख्या बढ़कर 40,263 पर पहुंच गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित 28,070 मरीजों का इलाज अभी चल रहा है जबकि 10,886 लोग स्वस्थ हो गये हैं और एक मरीज विदेश चला गया है। संक्रमण के कुल मामलों में 111 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। शनिवार शाम से अब तक हुई कुल 83 मौतों में से सबसे अधिक 36 मौत महाराष्ट्र में, 26 गुजरात में, मध्य प्रदेश में 11, राजस्थान में तीन, दिल्ली में तीन, तेलंगाना में दो और तमिलनाडु और बिहार में एक-एक मौत हुई है। देश में घातक विषाणु के चलते हुई कुल 1,306 मौतों में से सर्वाधिक 521 लोगों की जान महाराष्ट्र में गई है। इसके बाद 262 लोगों की गुजरात में, 156 की मध्य प्रदेश में, राजस्थान में 65, दिल्ली में 64, उत्तर प्रदेश में 43 और पश्चिम बंगाल तथा आंध्र प्रदेश में 33-33 लोगों की मौत हुई है। तमिलनाडु में मृतक संख्या 29, तेलंगाना में 28 जबकि कर्नाटक में मरने वालों की संख्या 25 हो गई है। पंजाब में इस घातक बीमारी से 20 लोगों की जान गई है जबकि जम्मू-कश्मीर में आठ, केरल, बिहार और हरियाणा में चार-चार लोगों ने अपनी जान गंवाई है। झारखंड में कोविड-19 से तीन लोगों की मौत हुई है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मेघालय, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा और असम में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह तक अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक देश में मृतकों की संख्या 1,223 थी और मामलों की संख्या 37,776 थी।

 

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अधिक छूट के साथ लॉकडाउन 3.0 सोमवार से शुरू


राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के सोमवार से शुरू हो रहे तीसरे चरण में और अधिक छूट दी जाएगी, लेकिन निषिद्ध क्षेत्रों में पाबंदियां जारी रहेंगी ताकि कोविड-19 के खिलाफ अब तक हासिल की गई उपलब्धियां बेकार न हो जाएं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के आधार पर पूरे देश को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है-- ‘रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन’। लॉकडाउन 3.0 चार मई से लेकर 17 मई तक है। देश में 25 मार्च से लागू लॉकडाउन का पहला चरण 14 अप्रैल तक था, जिसे बाद में बढ़ा कर तीन मई तक कर दिया गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक चाहे कोई भी जोन हो, वहां हवाई, रेल, मेट्रो यात्रा; सड़क मार्ग से अंतर-राज्यीय आवागमन; स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान, प्रशिक्षण एवं कोचिंग संस्थान; होटल एवं रेस्तरां सहित आतिथ्य सत्कार सेवाएं बंद रहेंगी। सार्वजनिक रूप से एकत्र होने के स्थान--जिम, थियेटर, मॉल, सिनेमा हॉल, बार बंद रहेंगे और धार्मिक, सामाजिक तथा राजनीतिक सभाएं करने की अनुमति नहीं होंगी। हालांकि, निषिद्ध क्षेत्रों को छोड़कर सभी जोन में गैर-आवश्यक गतिविधियों के लिये लोगों की आवाजाही की इजाजत होगी, लेकिन यह शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक सख्ती होगी। ग्रीन और ऑरेंज जोन में नाई की दुकान, स्पा और सैलून खोले जाने की इजाजत होगी। साथ ही, ई-कॉमर्स कंपनियां भी गैर-आवश्यक वस्तुएं बेच सकती हैं। निषिद्ध क्षेत्रों, मोहल्ले की इकलौती दुकान, बाजार या मॉल को छोड़ कर शराब की बिक्री की कुछ शर्तों के साथ सभी जोन मे इजाजत होगी। सभी जोन में 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं और 10 साल से कम उम्र के बच्चे आवश्यक एवं स्वास्थ्य उद्देश्यों को छोड़ कर घरों के अंदर ही रहेंगे। कुछ चयनित उद्देश्यों के लिये विमान, रेल और सड़क मार्ग से लोगों की आवाजाही की इजाजत होगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इजाजत प्राप्त उद्देश्यों के लिये भी आवाजाही की इजाजत होगी। निषिद्ध क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित होगी और आवश्यक सेवाएं उनके घर पर पही उपलब्ध कराई जाएंगी। जिन गतिविधियों को इजाजत प्राप्त है उनमें शामिल हैं:- सभी जोन में लोगों के बीच दूरी बनाए रखते हुए और अन्य एहतियातों के साथ बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) और मेडिकल क्लीनिक। हालांकि, निषिद्ध क्षेत्रों में इसकी इजाजत नहीं होगी। सभी माल परिवहन की इजाजत होगी और कोई राज्य या केंद्र शासित प्रदेश पड़ोसी देशों के साथ हुई संधियों के तहत जमीनी सीमा से माल ढुलाई को नहीं रोकेगा। रेड जोन में (निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर), कुछ अतिरिक्त गतिविधियों पर पाबंदी होगी: रिक्शा और ऑटो रिक्शा, टैक्सी और कैब सेवाएं; अंत-जिला एवं अंतर-जिला बसें; नाई की दुकान, स्पा और सैलून। पाबंदियों के साथ रेड जोन में कुछ अन्य गतिविधियों की भी इजाजत होगी- लोगों की आवाजाही और इजाजत प्राप्त गतिविधियों के लिये वाहन, चार पहिया वाहन में चालक के अलावा अधिकतम दो व्यक्ति, दो पहिया वाहन पर पीछे कोई व्यक्ति नहीं बैठा हो। रेड जोन में, ई-कॉमर्स कंपनियों को सिर्फ आवश्यक वस्तुएं बेचने की इजाजत होगी। नाई की दुकान और सैलून खोलने की इजाजत नहीं होगी। शराब की सभी दुकानों में, ग्राहकों के बीच कम से कम छह फुट (दो गज) की दूरी रखनी होगी और एक समय पर पांच से अधिक लोग नहीं होंगे। रेड जोन में घरेलू सहायक/सहायिका के विषय पर, रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) को फैसला करना है कि बाहरी लोगों को इजाजत दी जाएगी या नहीं। यदि आरडब्ल्यूए इजाजत देते हैं तो घरेलू सहायक/सहायिका और नियोक्ता को स्वास्थ्य से जुड़े नियमों का पालन करना होगा तथा यदि कुछ अनिष्ट हुआ, तो इसकी जिम्मेदारी उस व्यक्ति की होगी जिसने उसे रखा है। विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड), निर्यात उन्मुखी इकाइयां (ईओयू), औद्योगिक एस्टेट और औद्योगिक टॉउनशिप में निषिद्ध क्षेत्र को छोड़ कर सभी क्षेत्रों को संचालित होने की इजाजत होगी। रेड जोन में निजी कार्यालय में 33 प्रतिशत तक कर्मचारी हो सकते हैं, जबकि शेष कर्मचारी घर से काम करेंगे। ऑरेंज जोन में रेड जोन में इजाजत प्राप्त सभी गतिविधियां (निषिद्ध क्षेत्र के बाहर) और टैक्सी एवं कैब सेवाएं (चालक के अलावा सिर्फ दो यात्री) की इजाजत होगी। इजाजत प्राप्त गतिविधियों के लिये लोगों की अंतर-जिला गतिविधियां, चार पहिया वाहन में चालक के अलावा दो यात्री, दोपहिया वाहन पर पीछे भी बैठने की इजाजत होगी। हालांकि, बसों की अंतर एवं अंत: जिला गतिविधियों गृह मंत्रालय से इजाजत प्राप्त गतिविधियों को छोड़ कर प्रतिबंधित होंगी। ग्रीन जोन में सभी गतिविधियों की इजाजत होगी, सिवाय देश भर में निषिद्ध गतिविधियों को छोड़ कर। हालांकि, बसें 50 फीसदी सीटों पर यात्री के साथ ही चल सकती हैं। ‘रेड’, ‘ओरेंज’ और ‘ग्रीन’ जोनों का वर्गीकरण कोविड-19 के खतरे के आधार पर किया गया है। किसी जिले को ‘ग्रीन जोन’ समझा जायेगा, यदि वहां अब तक या पिछले 21 दिन में कोविड-19 का कोई मामला सामने नहीं आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार शुक्रवार तक देश में 130 ‘रेड जोन’ हैं। ये सबसे अधिक 19 उत्तर प्रदेश में है। इसके बाद महाराष्ट्र (14) का स्थान है। ‘ओरेंज जोन’ की संख्या 284 और ‘ग्रीन जोन’ की संख्या 319 है। राष्ट्रीय राजधानी में सभी जिलों को ‘रेड’ जोन के तहत रखा गया है। रेड जोन के बाहर निषिद्ध क्षेत्रों में (पाबंदियों के साथ) जिन चीजों की अनुमति हैं, वे इस प्रकार है: 


शहरी क्षेत्र: शहरी इलाकों में दवा, चिकित्सा उपकरण आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं का विनिर्माण और इनकी आपूर्ति, आईटी हार्डवेयर, जूट उद्योग, निर्माण (बशर्ते श्रमिक कार्य स्थल पर रहते हो)।


ग्रामीण क्षेत्रों में जिन गतिविधियों की अनुमति दी गई है, वे इस प्रकार है:


सभी औद्योगिक और निर्माण गतिविधियां, शॉपिंग मॉल को छोड़ कर सभी दुकानें, सभी कृषि, पशुपालन और वृक्षारोपण गतिविधियां, स्वास्थ्य सेवाएं, बैंकों समेत वित्तीय सेक्टर, कूरियर और डाक सेवाएं, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, आईटी, आईटीईएस आदि की अनुमति दी गई है।


हालांकि, राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की सरकारें/प्रशासन अपने आकलन के आधार पर कुछ पाबंदियां लगा सकते हैं।


सशस्त्र बलों ने कोरोना योद्धाओं को सलाम किया


राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार का दिन स्वास्थ्य कर्मियों के एक खुशनुमा मौका लेकर आया क्योंकि हेलीकाप्टरों ने शहर के अस्पतालों पर मंडराते हुए कोरोना योद्धाओं का आभार जताने के लिए पुष्पवर्षा की। स्वास्थ्यकर्मी इससे अभिभूत हुए और उन्होंने यह भी कहा कि इससे उन लोगों को एक संदेश मिलेगा जिन्होंने उन्हें अपमानित और प्रताड़ित किया। उन्होंने अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे कर्मियों के लिए और पीपीई किट मुहैया कराने की जरूरत पर जोर भी दिया। लड़ाकू विमानों ने कोरोना वायरस महामारी से मुकाबले में लगे लाखों चिकित्सकों, पैरामेडिकल कर्मियों, स्वच्छता कर्मियों एवं अन्य कर्मियों के प्रति आभार जताने के लिए देशव्यापी अभियान के तहत राष्ट्रीय राजधानी के ऊपर से उड़ान भरी। सुखोई-30 एमकेआई, मिग-29 और जगुआर सहित लड़ाकू विमानों ने दिल्ली में राजपथ के ऊपर से उड़ान भरी और उसके बाद पूर्वाह्न 11 बजे से करीब आधे घंटे के लिए शहर का चक्कर लगाया। सफदरजंग अस्पताल में डिपार्टमेंट आफ पल्मनरी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन के डा. नीरज गुप्ता ने कहा, ‘‘सुरक्षा बलों ने वह किया जो लोगों ने नहीं किया...उन चिकित्सकों को उचित सम्मान देना जो अपनी ड्यूटी के लिए अपना जीवन जोखिम में डाल रहे हैं, जैसा कि सेना करती है, यह भाव वास्तव में दिल को छू लेने वाला है।’’ उन्होंने कहा कि यहां तक कि प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की थी कि वे चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों से दुर्व्यवहार नहीं करें और उन्होंने जनता कर्फ्यू के दिन उनसे आग्रह किया था कि वे कोरोना योद्धाओं के सम्मान में ताली बजायें। उन्होंने कहा, ‘‘इन अनुरोधों के बावजूद इन कर्मियों को उन लोगों के कोप का सामना करना पड़ा जिनके लिए वे काम कर रहे हैं।’’ सफदरजंग अस्पताल में डिपार्टमेंट आफ पल्मनरी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन में असिस्टेंट प्रोफेसर एवं कोविड-19 के नोडल अधिकारी डा. नितेश गुप्ता ने स्वास्थ्य कर्मियों की तुलना सैन्य कर्मियों से की। उन्होंने कहा, ‘‘जैसे सेना अग्रिम मोर्चे पर रहती है, वैसे ही अभी स्वास्थ्यकर्मी अग्रिम मोर्चे पर रहकर कोरोना वायरस से मुकाबला कर रहे हैं और हम पारस्परिक प्रशंसा का स्वागत करते हैं।’’ सफदरजंग अस्पताल में कोविड-19 वार्ड में तैनात नर्सिंग अधिकारी मंजू दहिया ने कहा, ‘‘भारतीय सेना का यह भाव अच्छा था। हम गर्व और प्रेरित महसूस कर रहे हैं। यह महसूस करके अच्छा लगता है कि देश आपके साथ है और आपके योगदान को पहचानता है।’’ एम्स कोविड-19 स्क्रीनिंग क्षेत्र में तैनात नर्सिंग अधिकारी अरोकिया मैरी ए. ने भी अपने सहयोगियों के इस विचार का समर्थन किया और कहा, ‘‘स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले से उनका मनोबल टूटता है। हम लोगों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार हैं, उन्हें भी हमारा समर्थन करना चाहिए।’’ आरएमएल अस्पताल की एमएस डा. मीनाक्षी भारद्वाज ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों ने इससे अभिभूत एवं सम्मानित महसूस किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह उन स्वास्थ्य कर्मियों को धन्यवाद देने के लिए है, जो अपने जीवन को खतरे में डाल रहे हैं और लोगों की सेवा करने के लिए अपने परिवारों से दूर रह रहे हैं। कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं जिसमें लोग डॉक्टरों के प्रति आक्रामक रहे हैं और यह उनके लिए एक संदेश है। यह मनोबल बढ़ाने वाला है।’’ दिल्ली सरकार संचालित एलएनजेपी अस्पताल पर जब पुष्पवर्षा की गई तब स्वास्थ्य कर्मी बाहर निकले और इस कदम की प्रतिक्रिया में तालियां बजायी। अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डा जे सी पैसी ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य कर्मियों को धन्यवाद देने के लिए यह एक अच्छी पहल थी। यह उनकी इस लड़ाई में एक प्रेरणा का काम करता है और उन लोगों को प्रेरित करेगा जो संक्रमित मरीजों को लेकर थोड़ा संकोच कर रहे थे।’’ मैक्स अस्पताल, साकेत के कर्मचारियों ने पुष्पवर्षा पर तालियां बजायीं। कुछ ने इस पल की वीडियो रिकार्डिंग भी की। रेजीडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन, एम्स के अध्यक्ष डा. आदर्श प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्य जोर स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा पर होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें पर्याप्त पीपीई किट, रहने, परिवहन और पर्याप्त जांच किट मुहैया करायें, सभी नागरिकों को भोजन और सभी स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षा मुहैया करायें।''

 

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दिल्ली को फिर से खोलने का वक्त आ गया है


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि दिल्ली को फिर से खोलने का वक्त आ गया है और लोगों को कोरोना वायरस के साथ रहने के लिये तैयार रहना होगा। उन्होंने लॉकडाउन 3.0 के दौरान ‘रेड जोन’ के लिये केंद्र द्वारा निर्धारित सभी छूट राष्ट्रीय राजधानी में देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली लॉकडाउन हटाने के लिये तैयार है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। केजरीवाल ने ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार केंद्र को यह सुझाव देगी कि शहर में सिर्फ निरुद्ध क्षेत्र को ‘रेड जोन’ घोषित किया जाए, ना कि पूरे जिले को। वर्तमान में दिल्ली के सभी 11 जिले ‘रेड जोन’ घोषित किये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 कहीं नहीं जा रहा और यह असंभव है कि कोरोना वायरस के मामले ‘‘शून्य’’ हो जाएं। उन्होंने कहा, ‘‘यह असंभव है कि कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आये...हमें कोरोना वायरस के साथ रहने के लिये तैयार होना होगा। हमें इसका अभ्यस्त होना होगा।’’ दिल्ली सहित देश भर में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। इसका प्रथम चरण 25 मार्च से 14 अप्रैल तक था। दूसरा चरण 15 अप्रैल से तीन मई तक था। अब लॉकडाउन 3.0 सोमवार (चार मई) से 17 मई तक है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये लागू लॉकडाउन के चलते सरकार का राजस्व और अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली लॉकडाउन हटाने के लिये तैयार है। केजरीवाल ने अप्रैल 2019 के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ने पिछले साल अप्रैल में 3,500 करोड़ रुपया अर्जित किया था, जबकि इस साल अप्रैल में उसने सिर्फ 300 करोड़ रुपये प्राप्त किये। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र ने पूरी दिल्ली को ‘रेड जोन’ श्रेणी के तहत रखा है, जिसके चलते बाजार और मॉल नहीं खुल सकते। हमने केंद्र को सिर्फ उन इलाकों को सील करने का सुझाव दिया है, जहां कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं और शेष इलाकों में सभी गतिविधियों की इजाजत दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि शात सात बजे से सुबह सात बजे तक लोगों की आवाजाही की इजाजत नहीं होगी, जैसा कि केंद्र ने सुझाव दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सोमवार से सरकारी और निजी दफ्तर खुलेंगे लेकिन उड़ानों, मेट्रो और बसों पर पाबंदी जारी रहेगी। केजरीवाल ने ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में ई-कॉमर्स पोर्टलों के जरिये जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरी सेवाओं से जुड़े दिल्ली सरकार के कार्यालय में सभी कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ काम करेंगे, जबकि निजी कार्यालय 33 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मॉल, सिनेमा, सैलून, मार्केट कॉम्पलेक्स और दिल्ली मेट्रो बंद रहेगी जबकि आवश्यक वस्तुएं बेचने वाली दुकानें खुलेंगी।’’ केजरीवाल ने कहा कि विवाह समारोह में 50 लोग जुट सकते हैं।


ट्रेनों का किराया केन्द्र सरकार वहन करे


राजस्थान के उप मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने केन्द्र सरकार से दूसरों राज्यों में फंसे श्रमिकों एवं मजदूरों को अपने-अपने प्रांतों में पहुंचाने के लिए चलाई जा रही रेल सेवा का किराया केन्द्र सरकार अथवा पी.एम. केयर फण्ड से वहन किये जाने की मांग की है। पायलट ने कहा, 'कोरोना महामारी के कारण जारी लॉकडाउन के चलते श्रमिक, मजदूर पहले से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। लॉकडाउन के चलते लोगों की नौकरियां छिन गई है, उनके रोजगार समाप्त हो गये हैं और काम-धंधे ठप्प हो गये हैं।' उन्होंने कहा कि श्रमिकों, मजदूरों एवं कामगारों ने जो थोड़ी-बहुत बचत की थी, वर्तमान परिस्थिति के चलते वह भी राशन एवं रोजमर्रा की जरूरत की चीजों में खर्च हो चुकी है। इस दौरान उनकी कोई आमदनी भी रही नहीं है। ऐसे विपरीत हालातों में उन्हें अपने-अपने घरों तक पहुंचाने के लिए उनसे रेल किराया नहीं लिया जाना चाहिए जिससे वे अतिरिक्त आर्थिक बोझ से बच सके।' पायलट कहा है कि कोरोना महामारी के चलते श्रमिकों एवं मजदूरों को आर्थिक सम्बल देते हुए केन्द्र सरकार को चाहिए कि उनको अपने-अपने घरों तक पहुंचाने के लिए रेल किराया भारतीय रेल या पी.एम. केयर फण्ड द्वारा वहन किया जाये।


भ्रम की स्थिति भी बरकरार


सरकार के लॉकडाउन की अवधि 17 मई तक बढ़ाने के लिए जारी नए दिशानिर्देशों के मद्देनजर खुदरा कारोबारियों और व्यापारियों को सोमवार से और अधिक दुकानें खुलने की उम्मीद है, लेकिन वे अभी भी स्थानीय अधिकारियों से इस बारे में स्पष्टता चाह रहे हैं। भारतीय खुदरा संघ (आरएआई) ने कहा है कि देखना होगा कि यह जमीन पर कैसे काम करता है क्योंकि भ्रम की स्थिति है और कई राज्यों को अभी भी केंद्र के फैसले का पालन करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने हैं। इसी तरह कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने भी दावा किया कि वे ‘‘दुविधा’’ की स्थिति में रहेंगे क्योंकि खुदरा दुकानों को लेकर भ्रम की स्थिति है। दूसरी ओर फ्यूचर समूह और वी-मार्ट रिटेल जैसे संगठित रिटेलरों ने कहा है कि वे भी स्थानीय अधिकारियों से से अनुमति मांग रहे हैं। आरएआई के सीईओ कुमार राजगोपालन ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘किसी भी दशा में प्रत्येक राज्य को स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने होंगे। कुछ राज्यों ने दिशानिर्देश जारी किए हैं, लेकिन वे केंद्र की तरह ही हैं। मुझे लगता है कि राज्य भी भ्रमित हैं और वे वही चीज जारी कर रहे हैं, जो केंद्र भेज रहा है।’’ सीएआईटी के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने भी कहा कि व्यापारी दुविधा में रहेंगे। यह पूछने पर कि क्या सोमवार से शुरू होने वाले लॉकडाउन के तीसरे चरण के साथ जमीन पर चीजों के बदलने की उम्मीद है, उन्होंने कहा कि ‘पड़ोस की दुकान’ और ‘एकल दुकान’ किसे कहेंगे, इस पर भ्रम की स्थिति है। उन्होंने कहा कि इस पर स्पष्टीकरण की जरूरत है। अखिल भारतीय व्यापार मंडल संघ के महासचिव वीके बंसल ने कहा, ‘‘दिशानिर्देशों के साथ सबसे बड़ी समस्या है कि इसका अनुपालन सभी राज्यों पर निर्भर है। राज्य अपनी नीतियां बनाते हैं और कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते। केंद्र छूट देना चाहता है, लेकिन राज्य प्रतिबंध चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा कि दिल्ली में हालांकि रेड जोन में थोक बाजारों को खोलने की इजाजत नहीं है, लेकिन एकल दुकानें खुल सकती हैं, लेकिन केंद्र के दिशानिर्देशों को लागू करने में राज्य की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों के नहीं होने से भी दुकानदारों को दिक्कत हो रही है। दिल्ली के बुराड़ी में बिजली की दुकान चलाने वाले रामचंद्र यादव ने कहा कि उसके जैसे लोगों के सामने सबसे बड़ी दिक्कत श्रमिकों की है। यादव की दुकान में 12-13 लोग काम करते हैं, लेकिन वे सभी अलग-अलग स्थानों में काफी दूर रहते हैं और सार्वजनिक परिवहन नहीं होने के चलते दुकान नहीं आ सकते हैं। फरीदाबाद की निवासी और दिल्ली के सीआर पार्क में डिजाइनर बुटीक चलाने वाली रितिका खान ने कहा कि वह अपनी दुकान खोलना चाहती हैं, लेकिन उनके पास कर्फ्यू पास नहीं है और इसलिए दुकान नहीं खोल सकती हैं। फरीदाबाद और गुड़गांव ने अपनी सीमाएं सील कर दी हैं। प्रमुख रिटेलर फ्यूचर समूह ने कहा कि नई अधिसूचना के बाद जहां अनुमति दी जाएगी, वहां कंपनी खुदरा बिक्री शुरू करेगी। फ्यूचर समूह के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘बिग बाजार के अंदर हम अब न केवल भोजन और आवश्यक वस्तुएं बल्कि क्रॉकरी, बर्तन और अन्य वस्तुओं को भी बेच पाएंगे। यहां तक कि कुछ स्थानों पर बिग बाजार में हम भोजन के अलावा अन्य उत्पादों की बिक्री भी शुरू करेंगे।’’ फ्यूचर समूह जो बड़े बिग बाजार और पड़ोस के स्टोर ईजीडे जैसे कई प्रारूपों में काम करता है, ने कहा कि कंपनी ग्रीन जोन में अनुमति हासिल करने का प्रयास कर रहा है। वी-मार्ट रिटेल के अध्यक्ष और एमडी ललित अग्रवाल ने कहा, ‘‘हमारे 62 स्टोर ग्रीन जोन में हैं और 98 ऑरेंज जोन में हैं, जहां उम्मीद है कि स्टोर खुलेंगे। हम स्थानीय प्रशासन के साथ बातचीत कर रहे हैं।’’

 

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गृह मंत्रालय ने दूसरी रक्षा पंक्ति तैयार करने को कहा


बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के कोविड-19 से संक्रमित होने से चिंतित केंद्र ने राज्यों को सुझाव दिया है कि वे इस खतरनाक वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रभावी दूसरी रक्षा पंक्ति तैयार करें। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में कहा कि पुलिस प्रमुख उन कर्मियों के लिए ‘घर से काम करने’ के विकल्प पर विचार कर सकते हैं जो अग्रिम मोर्चे पर तैनात नहीं हैं। गृह मंत्रालय ने कहा, ‘‘कोविड-19 की चुनौती से निपटने और कोविड-19 को नियंत्रित करने की रणनीति जारी रखना सुनिश्चित करने के वास्ते पुलिस बलों को उन पुलिस कर्मियों के लिए एक प्रभावी दूसरी रक्षा पंक्ति तैयार करने की जरूरत है जो महामारी के दौरान कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित हो सकते हैं।’’ 


सलाहकार समिति गठित की


असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कोरोना वायरस से प्रभावित राज्य की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिहाज से सुझाव देने के लिये रविवार को एक सलाहकार समिति का गठन किया। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सुभाष दास के नेतृत्व वाली आठ सदस्यीय समिति राज्य में आर्थिक गतिविधियों के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करके अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये सरकार को सुझाव देगी। असम के कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलाधिपति डॉक्टर केएम बुजरबरुआ, गुवाहाटी विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉक्टर मधुरज्य बेजबरुआ, ओमियो कुमार दास, सामाजिक परिवर्तन एवं विकास संस्थान के प्रोफेसर डॉक्टर जॉयदीप बरुआ तथा राष्ट्रीय ग्रामीण विकास निधि के प्रबंध निदेशक डॉ अमिय सरमा इस समिति के सदस्य हैं।


घरेलू सहायकों के काम पर लौटने को लेकर संशय


लॉकडाउन के तीसरे चरण के दौरान सरकार ने आवश्यक और गैर आवश्यक सेवाओं में कुछ ढील देने की घोषण की है लेकिन घरेलू सहायकों के काम पर लौटने को लेकर संशय बना हुआ है। लॉकडाउन का तीसरा चरण सोमवार से शुरू होने जा रहा है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कुछ नए दिशानिर्देश जारी किए जिसमें आवश्यक सेवाओं और गैर आवश्यक सेवाओं में कुछ ढील दी गई है। मंत्रालय ने निवासी कल्याण संघ (आरडब्ल्यूए) से कहा है कि वह किसी बाहरी व्यक्ति को बुलाने के बारे में स्वयं निर्णय ले। इसके बाद कुछ आरडब्ल्यूए ने घरेलू सहायकों को काम पर आने से मना कर दिया। बहुत से सहायकों को इस फैसले के बारे में जानकारी नहीं है। इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार शाम को संशय को दूर करते हुए कहा कि 'स्व-रोजगार' वाले लोगों को काम करने की अनुमति रहेगी। केजरीवाल ने कहा, 'तकनीशियन, प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, मैकेनिक, स्वच्छता कार्यकर्ता, घरेलू सहायक, लॉन्ड्री वाले, कपड़े इस्त्री करने जैसे स्व-रोजगार करने वाले लोगों को काम करने की अनुमति रहेगी।' दक्षिण दिल्ली के जमरूदपुर इलाके में घरेलू सहायक बबीता राय (35) देशव्यापी बंद की घोषणा के बाद से वह 40 दिन से घर पर बैठीं हैं। महीने में छह हजार से दस हजार रुपए कमाने वाली बबीता के हाथ आज खाली हैं। बबीता कहती हैं, ''किसी ने मुझे काम पर वापस आने के लिए नहीं कहा। मैं 40 दिन से घर पर बैठी हूं। मैंने फोन कर लोगों से पूछा कि क्या काम पर वापस आ सकती हूं लेकिन सब ने मना कर दिया। वहीं एक परिवार ने कहा कि मकान मालिक घरेलू सहायिका को बुलाने की इजाजत नहीं दे रहा।’’ ये सिर्फ बबीता की नहीं, गाजियाबाद के वसुंधरा में काम करने वाली रेखा की भी कहानी है। रेखा कहती हैं, ‘‘कोई काम नहीं है, जो बचत थी वह भी अब खत्म हो गई है। मुझे नहीं पता कि कल से सोसाइटियां मुझे काम पर वापस बुलाएंगी या नहीं। मुझे नहीं पता कि अगर काम नहीं हुआ तो हम कैसे रह पाएंगे।’’ गाजियाबाद की एक सोसाइटी में रहने वाले अनिकेत शर्मा ने कहा, ''हमें बताया गया था कि आज आरडब्ल्यूए की बैठक होगी लेकिन हमें अभी तक कुछ पता नहीं है। अगर घरेलू सहायिका को आने दिया जाए तो बहुत राहत मिलेगी ,लेकिन हमें सावधानी भी बरतनी पड़ेगी।’’ 


उपचार प्लाज्मा थेरेपी के जरिये किया जायेगा


राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रदेश में कोविड—19 मरीजों का उपचार प्लाज्मा थेरेपी के जरिये किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी के जरिये उपचार के लिये भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने स्वीकृति दे दी है। उन्होंने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी के प्रोटोकॉल के अनुसार गंभीर श्रेणी वाले कोविड—19 मरीजों के उपचार के लिये राज्य सरकार ने सभी तैयारियां कर ली है। गहलोत ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राजस्थान में इसे अच्छे तरीके से प्रयोग में लाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व स्तर पर प्लाज्मा थेरेपी पर चल रहे अनुसंधान में सवाईमान सिंह मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक भी भाग ले रहे हैं।


टर्मिनल 3 से दिल्ली हवाई अड्डे के परिचालन की शुरुआत


दिल्ली हवाई अड्डे पर वाणिज्यिक यात्री उड़ानें शुरू में टर्मिनल 3 से संचालित होंगी। इसके साथ ही हवाई यात्रियों की भीड़भाड़ से बचाव को लेकर विमानन कंपनियों को चेक इन के लिये अलग मशीनें व तल दिये जायेंगे। हवाई अड्डे की संचालक कंपनी ने रविवार को इसकी जानकारी दी। दिल्ली हवाई अड्डे का संचालन जीएमआर समूह की कंपनी दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) करती है। डायल द्वारा तैयार एक योजना के अनुसार, हवाई अड्डे पर भीड़भाड़ से बचने के लिये सभी खाद्य, पेय तथा खुदरा दुकानें खुली रहेंगी और आने वाले सभी सामानों के लिये "पराबैंगनी कीटाणुशोधन सुरंगों" का उपयोग की जायेंगी। योजना में कहा गया है कि विस्तार और इंडिगो के यात्री केवल गेट 1 और 2 के माध्यम से हवाई अड्डे में प्रवेश करेंगे। एयरएशिया इंडिया और एयर इंडिया के यात्री गेट 3 और 4 का उपयोग करेंगे। स्पाइसजेट और गोएयर के यात्री गेट 5 से प्रवेश करेंगे। सभी अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस के यात्री गेट 6, 7 और 8 का उपयोग करके हवाई अड्डे में प्रवेश करेंगे। 


लॉकडाउन के दौरान छह शहरों में कोई छूट नहीं


कोरोना वायरस की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन का तीसरा चरण सोमवार से शुरू होने के बीच गुजरात सरकार ने फैसला किया है कि संक्रमण के अत्याधिक मामले होने के चलते छह शहरों और इतनी ही नगर पालिकाओं में किसी भी तरह की छूट नहीं दी जाएगी। हालांकि, तीसरे चरण में केंद्र की ओर से रेड जोन में कुछ राहत दी गई थी। वीडिया कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित एक प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री के सचिव अश्विनी कुमार ने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अध्यक्षता में शनिवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला किया गया कि रेड जोन में आने वाले अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, गांधीनगर और भावनगर के निगम सीमा क्षेत्रों में अगले दो सप्ताह तक लॉकडाउन के नियमों में किसी भी तरह की छूट नहीं दी जाएगी। इसके अलावा, ऑरेंज जोन में आने वाले राजकोट नगर निगम क्षेत्र में भी कोई राहत नहीं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अगले दो सप्ताह तक इन छह शहरों के अलावा बोटाद, बोपाल, खंभात, बारेजा, गोधरा और उमरेठ नगर पालिका क्षेत्रों में भी लॉकडाउन के नियमों में कोई छूट नहीं दी जाएगी। केंद्र के मुताबिक ये सभी रेड जोन में आते हैं। शनिवार तक गुजरात में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 5,054 मामले सामने आए, जिनमें 4500 से अधिक मामले अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत के हैं। केंद्र ने रेड जोन में भी गली-मोहल्ले की दुकानों और निजी दफ्तरों को एक तिहाई कर्मचारियों के साथ काम शुरू करने की अनुमति दी है। हालांकि, निषिद्ध क्षेत्र में किसी तरह की कोई छूट नहीं है। गुजरात सरकार ने छह नगर निगम और इतने ही नगर पालिका क्षेत्रों में किसी भी तरह की छूट देने से मना कर दिया है।


रियायतें देने का फैसला


उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन में सोमवार से सशर्त रियायतें देने का फैसला किया है। गृह विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिये हैं कि एकल दुकानें कल से खोलने की इजाजत होगी। कॉलोनी और आवासीय परिसरों से अंदर आवश्यक और गैर आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खोली जा सकेंगी, मगर उनमें लोगों के साथ बात-व्यवहार में एक सुरक्षित शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना होगा। उन्होंने बताया कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में शराब की एकल दुकानों को खोलने की अनुमति दी गयी है। ये दुकानें शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते हुए सुबह 10 बजे से शाम सात बजे तक खोलने की अनुमति होगी। अवस्थी ने बताया कि ई—कॉमर्स की आवश्यक गतिविधियों को भी अनुमति दी जाएगी। निजी क्षेत्र की इकाइयों के कार्यालयों में 33 प्रतिशत स्टाफ के साथ काम किया जाएगा, बाकी कर्मचारियों को घर से काम करना होगा। सरकारी कार्यालयों में भी 33 प्रतिशत स्टाफ के साथ काम होगा लेकिन आवश्यक सेवाओं में सभी कर्मचारियों को आना होगा। उन्होंने बताया कि टैक्सी, कैब सेवाएं आरेंज जोन में केवल जिले के अंदर चालू होंगी। ग्रीन जोन में बसें भी चलायी जा सकेंगी, मगर यह केवल 50 प्रतिशत यात्रियों को ही ले जा सकेंगी। पड़ोसी देशों से संधियों के अनुरूप सीमापार माल परिवहन का आवागमन रहेगा। प्रमुख सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने औद्योगिक गतिविधियों के बारे में परामर्श जारी करने के निर्देश दिये हैं। सभी जिलाधिकारियों तथा पुलिस प्रमुखों को भेज दिये गये हैं। इसके तहत केन्द्र सरकार के दिशानिर्देशों को लगभग अक्षरश: लागू किया जाएगा। ये निर्देश चार मई से दो सप्ताह के लिये जारी किये गये हैं। इनमें रेड जोन, ग्रीन जोन और आरेंज जोन की केन्द्र द्वारा निर्धारित परिभाषा को स्वीकार करते हुए उसके अनुरूप कार्रवाई की गयी है। अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्योग विभाग और सभी जिलों के प्रशासन तथा पुलिस को कल वीडियो कांफ्रेंसिंग में स्पष्ट निर्देश दिया है कि चार मई से उद्योगों को अनुमति दी जाए। स्पेशल इकोनॉमिक जोन में काम करने के लिये, निर्यात किया जाने वाला सामान बनाने वाले उद्योगों और औद्योगिक टाउनशिप में स्थापित इकाइयों को काम करने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि इनमें आवाजाही का नियंत्रण जरूर लागू रहेगा। उन्होंने बताया कि इसके साथ—साथ आपूर्ति श्रंखला वाले उद्योग, आईटी हार्डवेयर का उत्पादन, जूट उत्पादन और पैकेजिंग सामग्री का उत्पादन करने वाली इकाइयां भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए चलायी जाएंगी। इनमें काम करने वाले कर्मियों और श्रमिकों का बीमा कराना होगा और धोने तथा सैनिटाइजर की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करनी होगी। अवस्थी ने बताया कि उद्योगों के लिये महत्वपूर्ण आदेश है कि जहां 50 से अधिक कर्मचारी है, वहां पांच प्रतिशत लेकिन अधिकतम 25 कर्मियों का कोविड टेस्ट भी कराया जाएगा। यह टेस्ट भी समय—समय पर होते रहेंगे ताकि कोई संक्रमित न हो। इसके साथ—साथ श्रमिक और फैक्ट्री मालिक अगर आपसी समझौता कर लेते हैं तो काम करने के घंटे बढ़ाये जा सकते हैं लेकिन यह व्यवस्था केवल तीन माह के लिये अस्थायी तौर पर लागू होगी। अगर शहरी इलाके में किसी निर्माण परिसर के अंदर ही अंदर काम हो रहा है तो उसे भी अनुमति दे दी जाएगी। अवस्थी ने बताया कि आज नासिक से विशेष ट्रेन से 829 लोग लखनऊ आये थे। उनमें केवल एक व्यक्ति को क्वारंटाइन किया गया है। बाकी को घर भेज दिया। विशेष ट्रेन से कानपुर पहुंचे लोगों को भी घर भेजा जा चुका है। उत्तराखण्ड से 1600 लोग आ चुके हैं। अन्य राज्यों से भी ट्रेनें आने का सिलसिला शुरू होगा।


उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जम्मू-कश्मीर के हंदवाडा में शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नायक राजेश, लांसनायक दिनेश तथा अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि दी है। आशुतोष बुलंदशहर के रहने वाले थे। उनकी पत्नी को 40 लाख और मां को 10 लाख रुपये और एक आश्रित को नौकरी देने के आदेश दिये हैं। इससे पहले 25 लाख दिये जाते थे। आशुतोष के पैतृक गांव परवाना में उनकी याद में गौरव द्वार भी बनवाया जाएगा।

 

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विपक्ष ने जतायी आपत्ति, प्रशासन ने नकारा


उत्तर प्रदेश के विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने लखनऊ जिला प्रशासन पर कोरोना वायरस संक्रमण के लिहाज से बनाये गये हॉटस्पॉट का नामकरण कथित रूप से मस्जिदों के नाम पर किये जाने पर राज्य की भाजपा सरकार को घेरा है। हालांकि जिला प्रशासन ने इस आरोप को गलत बताया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने रविवार को बातचीत में आरोप लगाया, 'जिला प्रशासन ने राजधानी के हॉटस्पॉट के नाम मस्जिदों के नाम पर रखे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।' उन्होंने कहा कि कोविड-19 एक आपदा है और बीमारी किसी धर्म या सम्प्रदाय को देखकर नहीं आती है। उन्होंने कहा कि सरकार को जहां अधिक से अधिक जांच कर इलाज की व्यवस्था करनी चाहिये, वहीं सरकार धर्म—जाति के नाम पर लड़ाई को अंजाम देकर महामारी से लड़ने में अपनी कमजोरी को छुपा रही है। सपा के विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप ने कहा, 'प्रशासन हॉटस्पॉट का नामकरण मस्जिदों के नाम पर करके आखिर क्या संदेश देना चाहती है। कोरोना वायरस किसी विशेष समुदाय को निशाना नहीं बनाता।' उन्होंने कहा कि प्रशासन का यह कदम भेदभावपूर्ण है और यह राज्य की भाजपा सरकार के राजनीतिक एजेंडा के अनुरूप है। हालांकि जिला प्रशासन ने किसी भी समुदाय को निशाना बनाने से इनकार किया है। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, 'मस्जिदों का नाम इसलिये दिया गया है क्योंकि कोविड—19 संक्रमण के मामले उन्हीं के आसपास आए थे। यह केवल उस क्षेत्र को चिह्नित करने के लिये किया गया है। इसके पीछे और कोई मंशा नहीं है। यह चिह्नांकन का पुराना तरीका है, इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है।' गौरतलब है कि लखनऊ में बनाये गये हॉटस्पॉट की शुरुआती सूची में आठ नाम मस्जिदों के नाम पर रखे गये थे। इनमें सदर बाजार में मस्जिद आली जान, वजीरगंज में मोहम्मदिया मस्जिद, त्रिवेणी नगर में खजूर वाली मस्जिद, कैसरबाग में फूलबाग और नजरबाग मस्जिद और गुडम्बा में रजौली मस्जिद शामिल हैं। राज्य सरकार के मुताबिक प्रदेश में कोविड—19 के 2579 मामले सामने आये हैं, जिनमें 1138 तब्लीगी जमात के सदस्यों और उनके सम्पर्क में आये लोग हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एक बयान में प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के लिये तब्लीगी जमात के सदस्यों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि संक्रमण को छुपाना निश्चित रूप से अपराध है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


लाखों लीटर बीयर हो सकती है बर्बाद


कोराना वायरस महामारी के कारण देश में लागू लॉकडाउन (बंद) की अवधि बढ़ जाने से बीयर बनाने वाली 250 छोटी इकाइयों के समक्ष करीब आठ लाख लीटर ताजी बीयर के बर्बाद होने का जोखिम खड़ा हो गया है। इसके अलावा उत्तरी राज्यों में 700 करोड़ रुपये लागत की तैयार अंग्रेजी शराब की खेप अटक गयी है। शराब उद्योग के जानकारों का कहना है कि बोतलबंद बीयर की तुलना में ताजी बीयर जल्दी खराब होती है। इस कारण लॉकडाउन के बढ़ने से इनके खराब होने का खतरा उपस्थित हो गया है। इसके साथ ही नये वित्त वर्ष के शुरू हो जाने से दिल्ली को छोड़ अन्य उत्तरी राज्यों में 700 करोड़ रुपये मूल्य की भारत निर्मित अंग्रेजी शराब (आईएमएफएल) की करीब 12 लाख बोतलें अटक गयी हैं। लॉकडाउन की पाबंदियों के कारण इन्हें बेच पाना संभव नहीं है। ऐसे में संबंधित राज्यों से इन्हें बेचने के लिये मंजूरियों की जरूरत है। बीयर उद्योग के परामर्शदाता ईशान ग्रोवर ने कहा कि बोतलबंद बीयर तुलना में ताजी बीयर जल्दी खराब होती हैं। इस कारण गुड़गांव में कई इकाइयों ने ताजी बीयर को नालियों में बहाना शुरू कर दिया है, क्योंकि इन्हें ताजा रखने के लिये लगातार बिजली की जरूरत होती है। क्राफ्ट ब्रेवर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार, लॉकडाउन के कारण देश भर में लगभग आठ लाख लीटर ताजी बीयर के भंडारण वाले सभी संयंत्र बंद पड़े हैं और अगर जल्द से जल्द कोई समाधान नहीं निकलता है, तो इन्हें भी नालियों में बहाना पड़ जायेगा। एसोसिएशन ने मांग की है कि बीयर उत्पादकों को टेक-अवे सुविधा शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिये ताकि उनका व्यवसाय प्रभावित न हो। महाराष्ट्र क्राफ्ट ब्रीवर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नकुल भोंसले ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘नये दिशानिर्देशों में कई छूट दी गयी हैं, लेकिन बीयर बार और क्लबों को कोई छूट नहीं मिली है। बीयर उत्पादकों को टेक-अवे सुविधा शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिये। ऐसा करने से लोगों के बीच आपसी दूरी का सख्ती से पालन किया जा सकता है।" क्राफ्ट ब्रेवर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अधिकारी तथा बेंगलुरू में ब्रेवपब टूइट चलाने वाले शिबि वेंकटराजू ने कहा कि देश में 250 माइक्रोब्रेवरी हैं और वे लगभग 50,000 लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बाद से बीयर प्लांट बंद हैं। कंफेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज के महानिदेशक विनोद गिरि ने कहा कि दिल्ली को छोड़ अन्य उत्तरी राज्यों में बंद के कारण आईएमएफएल की करीब 12 लाख बोतलें अटक गयी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘700 करोड़ रुपये के इस स्टॉक को पिछले वित्त वर्ष में ही खत्म करना था, लेकिन 25 मार्च से बंद लागू हो गया। इन्हें नये वित्त वर्ष में बेचने के लिये राज्य सरकारों से अनुमति की जरूरत है।’’ गृह मंत्रालय के नये दिशानिर्देशों के अनुसार, एक समय में अधिकतम पांच व्यक्तियों के साथ न्यूनतम छह फीट की सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के बाद शराब, पान और तंबाकू की बिक्री की अनुमति दी जा सकती है। ये दुकानें शहरी क्षेत्रों के बाजारों और मॉल में नहीं होने चाहिये।


शराब की जगह सेनेटाइजर पी रहे हैं नशेड़ी


कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान शराब नहीं मिलने के कारण मध्यप्रदेश में शराबी नशे के रूप में कथित रूप से सेनेटाइजर का सेवन कर रहे हैं। गौरतलब है कि कोविड-19 के दौरान सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत सेनेटाइजर में कम से कम 70 प्रतिशत एल्कोहल की मात्रा होना अनिवार्य है। अन्य राज्यों की तरह मध्यप्रदेश में भी शराब एवं भांग की दुकानें कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान अभी तक बंद हैं। भोपाल स्थित सिद्धांता रेडक्रॉस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के निदेशक डॉ. सुबोध वार्ष्णेय ने रविवार को बताया, 'मुझे भी जानकारी मिली है कि शराबी नशे के लिए सेनेटाइजर का सेवन कर रहे हैं। ऐसा करके वे अपने जीवन को खतरे में डाल रहे हैं। यह गंभीर समस्या है।' उन्होंने कहा, 'दरअसल मैंने हाल ही में 18 वर्षीय एक युवती का इलाज किया था, जिसने सेनेटाइजर पी लिया था। हालांकि, उसने कहा था कि उसने गलती से सेनेटाइजर पी लिया था। लेकिन उसके इस तर्क पर विश्वास नहीं हो रहा।' वार्ष्णेय ने बताया कि शराब बनाने वाली कंपनी द्वारा निर्मित सेनेटाइजर में 'एथिल एल्कोहल' एवं 'हाइड्रोजन पेरोक्साइड' होती है, जो विषाक्त संयोजन है। असलियत में इस सेनेटाइजर में एक व्हिस्की की बोतल में जितना एल्कोहल रहता है, उससे दोगुना एल्कोहल है। उन्होंने कहा, 'सेनेटाइजर की बोतलों पर चेतावनी लिखा होना चाहिए कि यह केवल बाह्य उपयोग के लिए है।' उन्होंने कहा, 'बाजार में तीन प्रकार के सेनेटाइजर मिल रहे हैं। मेरी जानकारी के अनुसार अन्य दो प्रकार के सेनेटाइजर को उपयोग शराब के सेवन के रूप में नहीं किया जा रहा है, लेकिन शराब बनाने वाली कंपनी द्वारा निर्मित सेनेटाइजर में 'खाद्य एल्कोहल' होने के कारण कुछ शराबी इसका सेवन कर रहे हैं।' एक दिन पहले मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में एक व्यक्ति को सेनेटाइजर से शराब बनाने और इसे ऊंची कीमत पर लोगों को बेचने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था। रायसेन जिले की पुलिस अधीक्षक मोनिका शुक्ला ने बताया कि इस संबंध में आबकारी कानून के प्रावधानों के तहत इंदल सिंह राजपूत पर मामला दर्ज किया गया है। वहीं, मध्यप्रदेश आबकारी आयुक्त राजेश बहुगुणा ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि सेनेटाइजर का सेवन शराब के तौर पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘सेनेटाइजर मेरे क्षेत्राधिकार में नहीं आता है। हालांकि, मैं लोगों को सलाह देता हूं कि उन्हें सेनेटाइजर को पीना नहीं चाहिए।’’ जब उनसे सवाल किया गया कि महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक गांव में हाल ही में सेनेटाइजर पीने से दो लोगों की मौत के बाद आबकारी विभाग ने लोगों से सेनेटाइजर न पीने की कथित तौर पर अपील की है, तो इस पर उन्होंने कहा, 'यह एल्कोहल नहीं है। यह मेरे क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।' बहुगुणा ने बताया, 'यह नियंत्रक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के अंतर्गत आता है।' इस संबंध में नियंत्रक खाद्य और नागरिक आपूर्ति ज्योति शाह परवरिया ने बताया, 'मैं ड्रग (दवाएं) का काम नहीं देखती हूं।' मध्य प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (स्वापक औषधि) डॉ. एस. डब्ल्यू. नकवी ने बताया कि मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि शराबी सेनेटाइजर का सेवन शराब के रूप में कर रहे हैं।


-नीरज कुमार दुबे


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