By नीरज कुमार दुबे | Apr 09, 2020
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बताया कि देश में कोरोना वायरस से 169 लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमित लोगों की संख्या 5,865 हो गयी है। पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 591 मामले सामने आए और 20 लोगों की मौत हो गयी। मंत्रालय ने बताया कि देश में वर्तमान में कोरोना वायरस के 5,218 मामले हैं। कुल 477 लोग ठीक हो चुके हैं और अस्पतालों से उन्हें छुट्टी मिल चुकी है। पिछले 24 घंटे में 20 मौतों में महाराष्ट्र में आठ, गुजरात और मध्य प्रदेश में तीन-तीन, जम्मू कश्मीर में दो तथा पंजाब, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 72 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद गुजरात और मध्यप्रदेश में 16-16 और दिल्ली में नौ लोगों की मौत हुई है। पंजाब और तमिलनाडु में आठ-आठ लोगों की जान गयी है जबकि तेलंगाना में सात लोगों की मौत हुई है। पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में पांच-पांच लोगों की मौत हुई है। आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश से चार-चार मौत की पुष्टि हुई है। हरियाणा और राजस्थान में कोरोना वायरस से तीन-तीन लोगों की मौत हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक केरल में संक्रमण से दो व्यक्ति की मौत हुई जबकि बिहार, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। संक्रमण के कुल मामलों (5,865) में 71 विदेशी नागरिक हैं। बुधवार को मृतकों की संख्या 149 बतायी गयी थी। हालांकि, विभिन्न राज्यों से मिली खबर के आधार पर बृहस्पतिवार की तालिका के मुताबिक कोरोना वायरस से कम से कम 196 लोगों की मौत हो चुकी है।
एक और बड़ा पैकेज
कोरोना वायरस के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ रही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इमरजेंसी रिस्पॉन्स और स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारी के लिए 15000 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी। इस राशि को तीन चरणों में लागू किया जाएगा। इसके तहत आवश्यक चिकित्सा उपकरणों और दवाओं की खरीद और निगरानी के लिए राज्य सरकारों को मदद का ऐलान किया गया है।
इसे भी पढ़ें: कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते कराह रही है भारतीय अर्थव्यवस्था
मंत्री समूह का निर्देश
कोरोना के संकट से निपटने के लिये जारी देशव्यापी अभियान की नियमित समीक्षा और निगरानी के लिये स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अगुवाई में गठित मंत्री समूह (जीओएम) ने वायरल रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के सीमित इस्तेमाल की जरूरत पर बल देते हुये निर्देश दिया है कि सिर्फ चिकित्सकों के परामर्श पर ही यह दवा मरीजों को दी जाये। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये किये जा रहे उपायों की समीक्षा के लिये आहूत जीओएम की बैठक में स्पष्ट निर्देश दिया गया कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल सिर्फ चिकित्सकीय परामर्श पर ही हो। मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार जीओएम ने हृदय रोगों से पीड़ित मरीजों के लिये यह दवा नुकसानदायक साबित होने के खतरों को सार्वजनिक तौर पर अवगत कराने का भी निर्देश दिया है। उल्लेखनीय है कि भारत में मलेरिया सहित अन्य वायरल जनित बुखार में इस्तेमाल होने वाली इस दवा के प्रयोग को कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सीमित कर दिया गया है।
चिकित्साकर्मियों के साथ बदसलूकी स्वीकार नहीं
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि कोरोना वायरस संकट से निपटने के अभियान में अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं के रूप में कार्यरत चिकित्साकर्मियों के साथ बदसलूकी करने वाले सार्वजनिक रूप से आलोचना के पात्र हैं और ऐसे लोगों को जनता के बीच बेनकाब कर इनकी भर्त्सना की जानी चाहिये। कोरोना वायरस के विश्वव्यापी संकट के बीच ‘‘कोविड-19 के प्रभाव और भविष्य’’ पर आयोजित वैश्विक ऑनलाइन सम्मेलन को संबोधित करते हुये डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इस संकट से निपटने में स्वास्थ्य कर्मी सभी प्रकार के जोखिम का सामना करते हुये मोर्चे पर डटे हुये हैं।
झेलनी पड़ीं कई दिक्कतें
दिल्ली-एनसीआर में उन इलाकों के निवासियों को बृहस्पतिवार को खासी दिक्कतों को सामना करना पड़ा, जिन्हें कोरोना वायरस संक्रमण के कई मामले सामने आने के बाद पूरी तरह सील कर दिया गया है। लोगों की शिकायत है कि दूधिया नहीं आ रहा है, जलापूर्ति ठप है और वे पालतू पशुओं को सैर पर भी नहीं ले जा पा रहे हैं। बुधवार को सीलिंग की घोषणा होने के बाद से ही इन इलाकों में अफरा-तफरी है। लोग अभी भी यह नहीं समझ पा रहे हैं कि उन्हें किसी भी हालत में अपने घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कुल मिलाकर लगभग 34 आवासीय कॉलोनियों को सील किया गया है जबकि दिल्ली में कोविड-19 के 20 हॉटस्पॉट (वे स्थान जहां संक्रमितों की संख्या अधिक है) सील किये गए हैं। इन इलाकों के निवासियों का कहना है कि वे अगले सप्ताह लॉकडाउन में ढील को लेकर उत्सुक थे लेकिन वे तब हैरान रह गये जब उन्हें पता चला कि उनके इलाकों को पूरी तरह सील कर दिया गया है।
अग्रिम फीस नहीं ले सकेंगे स्कूल
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के जारी रहने तक राज्य के सभी स्कूल संचालकों को छात्रों से तीन माह की अग्रिम फीस नहीं लेने के निर्देश दिए हैं। छात्रों के हित में यह फैसला करते हुए उन्होंने कहा कि फीस के अभाव में किसी भी छात्र का नाम नहीं काटा जाए। साथ ही, 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षाओं वाले छात्रों को छोड़कर अन्य सभी स्कूली छात्र को अगली कक्षा में क्रमोन्नत किया जाए। गहलोत वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लॉकडाउन के दौरान स्कूलों, कॉलेजों सहित सभी शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक सत्र की स्थिति और आगामी सत्र की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।
इसे भी पढ़ें: कोरोना से लड़ाई मुश्किल जरूर है मगर नामुमकिन बिलकुल नहीं है
फैसला मानवीय दृष्टि से अच्छा पर अव्यावहारिक !
बायोकॉन लि. की चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 की जांच के संबंध में उच्चतम न्यायालय का आदेश मानवता की दृष्टि से तो अच्छा है, लेकिन इसका क्रियान्वयन ‘अव्यावहारिक’ है। उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस से संबंधित सभी परीक्षण नि:शुल्क करने का आदेश दिया है। शॉ ने चिंता जताते हुए कहा कि इससे कोविड-19 परीक्षण कम हो जाएंगे, क्योंकि निजी लैब अपना कारोबार उधार पर नहीं चला सकतीं। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को निर्देश दिया कि सभी मान्यता प्राप्त सरकारी और निजी लैब में कोविड-19 की जांच मुफ्त की जाए और केंद्र इस बारे में जल्द निर्देश जारी करे। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में निजी लैब और निजी अस्पतालों की महत्वपूर्ण भूमिका है और उन्हें परमार्थ सेवाएं देने के लिए आगे आना चाहिए। मजूमदार शॉ ने ट्वीट के जरिये कहा कि उच्चतम न्यायालय का आदेश मानवीय दृष्टि से अच्छा है, लेकिन यह अव्यावहारिक है। इससे कोविड-19 की जांच घटेगी।
पंजाब के मंत्रियों ने दिया संदेश
पंजाब में दो मंत्रियों ने रूपनगर जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति की अंत्येष्टि में भाग लिया ताकि इस संबंध में लोगों के बीच फैले भय को दूर किया जा सके। अधिकारियों ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू और तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पीड़ित व्यक्ति के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए रूपनगर के एक गांव में गए थे ।पीड़ित व्यक्ति (55) की चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर अस्पताल बुधवार को मौत हो गई। पीड़ित पहले से ही मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पीड़ित था। दोनों मंत्रियों ने यह पहल उन खबरों के बीच की कि लोग बीमारी फैलने के डर से ऐसे मरीजों का दाह संस्कार करने से मना कर रहे हैं। सोशल मीडिया में पोस्ट किए गए एक वीडियो में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस सकारात्मक संक्रमित लोगों का अंतिम संस्कार करने में कोई खतरा नहीं है। इसके अलावा राख से भी कोई खतरा नहीं है। पिछले दिनों कुछ ऐसी घटनाएं सामने आईं जिनमें लोगों ने अपने परिजनों के शव लेने से इनकार कर दिया।
आरोग्य एप डाउनलोड करें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को लोगों से मोबाइल एप ''आरोग्य सेतु’’ डाउनलोड करने की अपील करते हुए कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिये यह प्रौद्योगिकी का शानदार उपयोग है। मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ''यह कोविड-19 के फैलने पर नजर रखता है और अगर आपके आसपास कोई इससे पीड़ित है तब इसकी सूचना भी देता है। इसमें विभिन्न राज्यों की हेल्पडेस्क की सूची भी है।’’ एप डाउनलोड करने की अपील दोहराते हुए मोदी ने कहा,'' याद रखें कि आरोग्य सेतु तब काफी प्रभावी है जब आपके आसपास अधिक लोग इसे डाउनलोड करें। मुझे उम्मीद है कि आपके परिवार के सदस्य और मित्रों ने इस एप को डाउनलोड किया होगा।’’ मोदी ने कहा कि हमें इस महामारी से लड़ना है और सही एहतियात बरतनी है तथा आरोग्य सेतु इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नकली सामान से बचाएँ
जासूसी एवं जांच करने वाले पेशेवरों के संघ (एपीडीआई) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान बाजार में घटिया और नकली सामान की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। संघ ने कहा कि इन नकली उत्पादों से देश के सामने गंभीर स्वास्थ्य एवं सुरक्षा संबंधी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। एपीडीआई के अध्यक्ष विक्रम सिंह की ओर से लिखे पत्र में जोर देकर कहा गया कि इस चुनौतीपूर्ण समय का फायदा धोखेबाज उठा रहे हैं और विशेष रूप से जालसाज हमारे निर्दोष नागरिकों को घटिया सामान बेचने में लगे हैं। प्रत्येक सफल ब्रांड इस खतरे से पीड़ित है, जिसमें दवा, एफएमसीजी, ऑटोमोटिव, शराब, सीमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां शामिल हैं।
इसे भी पढ़ें: अखबारों-पत्रिकाओं से नहीं फैलता है कोरोना वायरस, निश्चिंत होकर पढ़िये
इटली में अब तक सौ चिकित्सकों की मौत
इटली में फरवरी में शुरू हुए कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद से अब तक इस वैश्विक महामारी के कारण सौ चिकित्सकों की मौत हो चुकी है। इटली के स्वास्थ्य संगठन एफएनओएमसीईओ ने यह जानकारी दी। एफएनओएमसीईओ के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘कोविड-19 के कारण 100 चिकित्सकों की जान गई...दुर्भाग्य से शायद इस वक्त तक यह आंकड़ा 101 होगा।’’ संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले चिकित्सकों में वे सेवानिवृत्त चिकित्सक भी शामिल हैं जिन्हें सरकार ने एक महीने पहले कोरोना वायरस से लड़ाई में मदद के लिए बुलाना शुरू कर दिया था। कोविड-19 के कारण दुनिया में सर्वाधिक 17,669 लोगों की मौत इटली में हुई है।
स्पेन में मृतकों की संख्या में गिरावट आयी
स्पेन के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस से संक्रमण और इसके कारण होने वाली मौतों में दो दिन की तेजी के बाद फिर से गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी के कारण 683 लोगों की मौत हो गयी और मृतकों की कुल सख्या बढ़कर 15,283 हो गयी। बुधवार को 757 लोगों की मौत होने की खबर थी। स्पेन इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में से एक है। इस बीच ऐसी अटकलें बढ़ती जा रही हैं कि अधिकारी मृतकों की संख्या के बारे में वास्तविक जानकारी नहीं दे रहे हैं।
दुनिया भर में 88,981 की मौत
दुनिया भर में कोरोना वायरस महामारी से बृहस्पतिवार को मृतकों की संख्या बढ़कर 88,981 पहुंच गई। यह जानकारी सरकारी सूत्रों से मिले आंकड़ों को एएफपी द्वारा जोड़ने पर सामने आई है। दुनिया के 192 देशों में इस संक्रमण के 1,519,260 घोषित मामले हैं। अबतक 312,100 लोग ठीक हो चुके हैं। अमेरिका में संक्रमितों तादाद सबसे ज्यादा है, जहां इस बीमारी ने 14,817 लोगों की जान ले ली। वहीं 432,132 लोग संक्रमित हैं। फ्रांस में 10,869 लोगों की मौत हुई और 112,950 लोग विषाणु का शिकार हुए हैं। इसके बाद ब्रिटेन में 7,097 लोगों ने संक्रमण से दम तोड़ा है और पुष्ट मामलों की संख्या 60,733 है। चीन से यह संक्रमण शुरू हुआ था। वहां 3,335 मौत हुई हैं और 81,865 मामले हैं। 77,279 लोग इलाज के बाद ठीक हो गए। सोमालिया ने भी ऐलान किया है कि कोरोना वायरस से एक की मौत हुई है।
बिना लक्षण वाले मामलों की निगरानी बढ़ाई
चीन ने देश में कोरोना वायरस का संकट फिर लौटने की चिंताओं के बीच कोविड-19 महामारी के ठीक हुए मरीजों की फिर से जांच करने और बिना लक्षण वाले मामलों को लेकर निगरानी तेज करने का गुरुवार को आदेश दिया। वुहान में 76 दिन से चला आ रहा लॉकडाउन हटने के एक दिन बाद इस कदम की घोषणा की गई है। वुहान से ही इस महामारी की शुरुआत हुई थी। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने गुरुवार को कोरोना वायरस के 63 नए मामलों की पुष्टि की जिनमें 61 मामले बाहर से आए लोगों से संबंधित हैं। देश में महामारी से दो और लोगों की मौत के साथ ही मरने वालों की संख्या 3,335 हो गई। चीन में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या अब 81,865 हो गई है।
-नीरज कुमार दुबे