एमसीडी चुनावों में भाजपा की ओर से पुराने सभी पार्षदों का टिकट काट कर नये उम्मीदवार उतारने का फार्मूला काम आया और दस वर्षों से निगम की सत्ता में रही पार्टी ने तीसरी बार ऐतिहासिक रूप से जीत दर्ज करने में सफलता पाई। यह चुनाव पार्टी ने एक तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर ही लड़ा था शायद यही कारण रहा कि पार्टी मुस्लिम बहुल इलाकों में भी आगे नजर आ रही है। यह चुनाव जहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार के कामों पर जनमत संग्रह माने जा रहे थे वहीं दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी की भी यह कड़ी परीक्षा थी क्योंकि उनके नेतृत्व में पार्टी पहली बार चुनाव लड़ रही थी।
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन भी पार्टी को बुरी स्थिति से निकालने में सफल रहे हैं। दिल्ली विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस तीसरे नंबर पर आ गयी थी। लेकिन इस बार पार्टी दूसरे नंबर पर आती दिख रही है।
आम आदमी पार्टी बुरी हार की अपेक्षा कर ही रही थी इसलिए पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पहले ही कह दिया था कि यदि नतीजे एक्जिट पोल के अनुसार आये तो पार्टी ईवीएम के खिलाफ अपना आंदोलन तेज करेगी।