मध्य प्रदेश में गुजरात की तर्ज पर कर सकते हैं शराब बंदी, ट्वीट कर बोलीं उमा भारती

By अनुराग गुप्ता | Sep 25, 2021

भोपाल। मध्य प्रदेश में शराबबंदी का मुद्दा एक बार फिर से गरमा रहा है। इसी बीच भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा कि मेरे भोपाल स्थित निवास पर दिनांक 18 सितंबर 2021 को आयोजित प्रेस कॉन्फ़्रेन्स में 15 जनवरी, 2022 के बाद मध्य प्रदेश में शराब बन्दी अभियान में शामिल होने के मेरे वक्तव्य के बाद इन पांच दिनों में जो प्रतिक्रिया हुई, मैं उन पर क्रमशः अपने भाव व्यक्त करती हूं। 

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दरअसल, उमा भारती ने तब प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि 15 जनवरी के बाद वह मध्य प्रदेश में शराबबंदी का अभियान चलाएंगी। उन्होंने कहा था कि यह अभियान होगा, न कि उग्र आंदोलन। इस दौरान हम सड़क पर आकर राज्य सरकार से मांग करेंगे कि प्रदेश में शराब को तुरंत बंद किया जाए।

कांग्रेस पर बरसीं उमा भारती

इसके बाद भाजपा नेता ने एक बार फिर से मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने शनिवार को ट्वीट किया कि पिछड़े वर्गों के 7-8 लोगों के प्रतिनिधि मंडल से संवाद करते समय मेरी असंयत भाषा के प्रयोग का चोरी से वीडियो बनाकर फिर उसकी क्लिप बनाकर कांग्रेस ने अधिकृत तौर पर जारी किया। उन्होंने आगे कहा कि उससे तो ऐसा लगता है कि शराब बंदी की गम्भीरता से लोगों का ध्यान हटाने के लिए क्या मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी शराब लॉबी की बी-टीम का काम करेगी ? शराब बंदी से अवैध शराब की बिक्री बढ़ेगी ऐसा बोलने से पहले गुजरात एवं बिहार का अध्ययन करना चाहिए।

उमा भारती ने कहा कि गुजरात में भाजपा की एवं बिहार में एनडीए की सरकार हैं, वहां पर शराब बंदी है एवं वहां के मुख्यमंत्रियों को इस पर गर्व है। अवैध एवं ज़हरीली शराब पर रोक लगाना, राज्य शासन के कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतोगुणी एवं दृढ़ निश्चयी व्यक्ति हैं, यही मेरे विश्वास का कारण हैं। 

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गुजरात की तर्ज पर हो सकती है शराब बंदी

भाजपा नेता ने कहा कि मध्य प्रदेश में भी गुजरात की तरह बहुत बड़ी संख्या में आदिवासी हैं। जैसे गुजरात ने अपनी शराब बंदी जारी रखते हुए आदिवासियों की परम्पराओं का ध्यान रखा है हम भी उसी तर्ज़ पर मध्य प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि बिहार जो की मध्य प्रदेश से ज़्यादा आबादी का एवं ज़्यादा पिछड़ा राज्य है, जब शराब बंदी से राजस्व की हानि के उन्होंने भी विकल्प निकाल लिए तो हम तो कर ही सकते हैं। मध्य प्रदेश में पिछड़े एवं एससी, एसटी वर्ग के 92 फीसदी लोग हैं तथा इनमें से अधिकतर पिछड़े एवं एससी समुदाय के लोग ही शराब की बुरी लत के कारण बर्बादी, बीमारी, पिछड़ापन एवं ग़रीबी के शिकार हैं। 

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भाजपा नेता ने कहा कि इन वर्गों की महिलाओं की संख्या करोड़ों में हैं, उनके तो जीवन के सभी कष्टों का कारण ही उनके घर के पुरुषों का शराबी होना है। जिस दिन हम शराब बंदी कर देंगे तभी इन वर्गों का कल्याण होगा।

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