कूनो राष्ट्रीय उद्यान में कायदे से चीतों की बजाय गुजरात के शेर आने चाहिये थे : कमलनाथ

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 18, 2022

भोपाल। मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में नीमीबिया से लाकर आठ चीते छोड़े जाने के एक दिन बाद रविवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि कायदे से तो वहां इन चीतों की बजाय गुजरात के गिर के शेर आने चाहिये थे। कमलनाथ ने भाजपा नीत केन्द्र एवं गुजरात की सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि गुजरात द्वारा कूनो राष्ट्रीय उद्यान में शेर नहीं भेजने पर लोगों का ध्यान बांटने के लिये अब अफ्रीका से चीते लाये गये हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने 1952 में भारत में विलुप्त हुए चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करने की परियोजना के तहत नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को शनिवार सुबह कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बने विशेष बाड़ों में छोड़ा। कमलनाथ ने यहां मीडिया से चर्चा करते हुए इस पर कहा, ‘‘कायदे से तो वहां गिर के शेर आने चाहिये थे। जब मध्यप्रदेश में (17 दिसंबर 2018 से 22 मार्च 2020 तक) कांग्रेस की सरकार थी और मैं मुख्यमंत्री था, तब मैंने इसको लेकर खूब प्रयास किए। मैंने इसको लेकर सरकार से बात भी की थी कि यहां पूरी तैयारी है।

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आप गिर के शेर भेज दीजिए, लेकिन उन्होंने शेर भेजने से मना कर दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब शेर तो भेजे नहीं गुजरात से, अफ्रीका से चीता ले आये ध्यान बांटने के लिये।’’ कमलनाथ ने कहा, ‘‘हमारा श्योपुर जिला देश का सबसे ज्यादा कुपोषित जिला है। इसके गवाह तो खुद सरकारी आंकड़े हैं। चीता तो यहां एक माह बाद भी छोड़ सकते थे। पहले यह कुपोषण दूर करने के लिए शिविर लगाते और कुपोषण दूर करने के उपाय करते, लेकिन इन्हें तो वहां चीता इवेंट करना था।’’ उन्होंने कहा कि आज श्योपुर जिला कुपोषित के साथ-साथ सबसे गरीब जिला भी है। उन्होंने आरोप लगाया कि वहां के रहवासियों के भविष्य की शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा नीत मध्यप्रदेश सरकार को कोई चिंता नहीं है।

कमलनाथ ने कहा कि चौहान भाषण दे रहे हैं कि पर्यावरण की दृष्टि से कुनो उद्यान चीतों के लिए यह सही जगह है। उन्होंने कहा कि यह सब नाटक आज चल रहा है और सरकार को कुपोषण दूर करने को लेकर कार्य योजना बनानी चाहिये। उन्होंने कहा, ‘‘आज यह चीता छोड़ रहे हैं लेकिन कुपोषण पर बात नहीं कर रहे हैं, बेरोजगारी पर बात नहीं कर रहे हैं। कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि जो वास्तविक मुद्दे हैं, जो आज प्रदेश और हर व्यक्ति के भविष्य से जुड़े मुद्दे हैं, उससे ध्यान बांटने का काम हो रहा है।

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