जिसकी रिपोर्ट बंडोल थाने में नाबालिग ने दर्ज कराई। जिस पर पुलिस ने भा.द.वि. की धारा 363, 366, 366 (2)(एच),376(2)(एम) एंव 4 पॉक्सो अधिनियम 2012 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया। विवचेना उपरांत न्यायालय में मेडिकल रिपोर्ट की कार्यवाही कर अभियोग पत्र प्रस्तुत किया था। जिसकी सुनवाई मंगलवार को विशेष न्यायाधीश (बालको का संरक्षण अधिनियम 2012) की न्यायालय में की गई। जहां पर अभियोजन के तर्को के आधार पर न्यायालय ने आरोपित संजय ढीमर को भा.द.वि. की धारा 363 में 07 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000 रूपये का अर्थदण्ड, भा.द.वि. की धारा 366 में 10 वर्ष का कठोर कारावास एंव 2000 रूपये का अर्थदण्ड, भा.द.वि. की धारा 376(2-ञ) के अपराध में आजन्म कारावास जो कि प्राकृतिक जीवनकाल के लिए होने एवं 2000 रूपये अर्थदण्ड, भा.द.वि.की धारा 376 (2-ढ) के अपराध में आजन्म कारावास जो कि प्राकृतिक जीवन काल के लिए होने एवं 2000 रूपये अर्थदण्ड दिये जाने का निर्णय मंगलवार को को सुनाया गया है एवं सभी सजाए एक साथ चलेगी। यह आदेश जारी किये है।