9 जून 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरे कार्यकाल की शपथ ली। उनके नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने देश की सत्ता संभाल ली। प्रधानमंत्री के साथ ही 72 मंत्रियों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। हालांकि अभी मंत्रियों के विभागों का बंटवारा होना बाकी है, किंतु टीम में पुराने साथियों को जगह मिलना बताता है कि सब नरेंद्र मोदी की योजना के अनुसार हो रहा है। उन्हें अपनी टीम पर पूरा भरोसा और विश्वास है। हालांकि 2024 के इस आम चुनाव में भाजपा को बहुमत नहीं मिला है और उसे सत्ता में बने रहने के लिए एनडीए की सहयोगी पार्टियों के समर्थन की जरूरत होगी। अब तक ठसक से सत्ता चलाने वाले नरेंद्र मोदी को गठबंधन के घटक दलों की सुननी और माननी होगी। वैसे शपथ ग्रहण की रात में भारत ने टी20 विश्व कप 2024 में इतिहास रच दिया है। पाकिस्तान के खिलाफ जीत के साथ ही टीम इंडिया ने कई रिकॉर्ड बना दिए। यह जीत एक तरह से नई सरकार का स्वागत ही मानी जाएगी।
चुनाव से पूर्व ही नरेंद्र मोदी अपना एजेंडा बताते रहे हैं किंतु इस बार उनके सामने कई और भी चुनौतियां होगी। नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण के समय जम्मू में आंतकियों ने श्रद्धालुओं की बस हमला कर मोदी की नई सरकार के सामने अपनी उपस्थिति दर्ज कर दी है। सरकार पहले ही आंतकवाद से मजबूती से जूझ रही है। उसे आंतकवाद की जड़े खत्म करने के लिए इस कार्यकाल में काम करना होगा। पाक अधिकृत कश्मीर में बैठे आंतकियों के आकाओं के खात्मे के लिए भी उसे लगना होगा। हालांकि पाकिस्तान में ये काम चल रहा है। काफी समय ये वहां रह रहे भारत विरोधी आंतकियों को चुन−चुन कर कत्ल किया जा रहा है।
लोकसभा चुनाव के पहले ही भाजपा ने यह साफ कर दिया था कि मोदी सरकार 3.0 में यूनिफॉर्म सिविल कोड कोर एजेंडे में शामिल होगा। उत्तराखंड में भाजपा सरकार पहले ही इसे लागू कर चुकी है। ऐसे में माना जा रहा था कि केंद्र की सत्ता वापस में लौटने के बाद भाजपा प्राथमिकता के साथ इसे आगे बढ़ाएगी। लेकिन अब सहयोगी दल भाजपा के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू भाजपा पर इस निर्णय को वापस लेने पर दबाव बना सकते है। भाजपा के एजेंडे में वन नेशन, वन इलेक्शन भी शामिल हैं। इस संबंध में बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी हैं। 47 राजनीतिक दलों में से 32 दल तैयार हैं। एनडीए गठबंधन में इस बार जदयू और टीडीपी की भूमिका अहम है। ऐसे में वे भाजपा के इस एजेंडे पर भी रोड़ा बन सकते हैं।
तीसरे कार्यकाल में केंद्र सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत का विस्तार भी शामिल है। नरेंद्र मोदी चुनावी कार्यक्रमों में यह कहते रहे हैं कि तीसरे कार्यकाल में बड़े फैसलों के लिए 'मोदी की गारंटी' पूरी की जाएगी। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने भविष्य के लिए अपने विजन को रेखांकित किया था। मोदी ने आयुष्मान भारत के तहत प्रदान की जाने वाली मुफ्त स्वास्थ्य सेवा तक अभूतपूर्व पहुंच पर जोर दिया। भाजपा के 2024 के घोषणापत्र में आयुष्मान भारत के कवरेज को 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और ट्रांसजेंडर समुदाय को शामिल करने के लिए आगे बढ़ाने का भी वादा किया गया है। इस एजेंडे को लागू करने में गठबधंन को कोई आपत्ति नहीं होगा और यह सरलता से लागू हो जाएगा।
चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिपहसालार कहते घूमते रहे हैं कि सरकार बनी तो पाक अधिकृत कश्मीर पर भारत का कब्जा होगा। शहरी निकाय मंत्री कमल गुप्ता हरियाणा के रोहतक में व्यापारियों द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में कहा कि आने वाले दो-तीन साल में किसी भी क्षण पाक अधिकृत कश्मीर भारत में शामिल हो सकता है। विदेश मंत्री जयशंकर ने भी एक बयान में पीओके को लेकर भारत के दावे को दोहराया था। सेरामपुर पश्चिम बंगाल में एक रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे। योगी आदित्यनाथ तो सबसे आगे बढ़ गए। चुनाव के बाद के मोदी जी को तीसरे कार्यकाल पर बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने पाकिस्तान को निशाने पर लेते हुए कहा कि आज पाकिस्तान के लिए पीओके को भी बचाना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने दीजिए, अगले छह महीने के अंदर 'पाक अधिकृत कश्मीर' भारत का हिस्सा होगा। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि हमें 400 सीट इसलिए चाहिए ताकि पीओके ले सकें। भाजपा के सिपहसालार की पाक अधिकृत कश्मीर पर चुनाव प्रचार के दौरान कब्जे की बात करते रहे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर चुप्पी साधे रखी। किंतु कांग्रेस के मणिशंकर अय्यर, और जम्मू−कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला के ये कहा कि भाजपायी पाक अधिकृत कश्मीर पर कब्जे की बात कर रहे हैं। पाकिस्तान ने चूड़ी नही पहन रखी।
पाकिस्तान के पास एटम बम है। अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मसले पर चुप्पी साधे थे। किंतु पाकिस्तान ने चूडी नहीं पहन रखीं, पर उन्होंने जरूर कहा कि कांग्रेसी और कुछ विपक्षी नेता कह रहे हैं कि पाकिस्तान ने चूड़ी नहीं पहन रखीं तो उसे पहना दी जाएंगी। प्रधानमंत्री के इस कथन से साफ होता है कि उनके सिपहसालारों के पाक अधिकृत कश्मीर पर कब्जे की घोषणा उनकी अपनी नहीं है। यह कहीं केंद्रीय नेतृत्व में पक रहा है और नई सरकार बनने पर वह इस पर कार्रवाई कर सकता है।
इतना सब होने के बावजूद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मोदी सरकार पर देशभर में जातिगत जनगणना कराने को लेकर दबाव बना सकते है। क्योंकि बिहार में पिछड़ी जातियों के अलावा दलित और मुस्लिम मतदाताओं का अच्छा खासा प्रभाव है। नीतीश अपने राज्य बिहार में इस जनगणना को करवा चुके है। वे लंबे समय से देश में इसे करवाने की डिमांड कर रहे है। क्योंकि अन्य विपक्षी दल चाहे वह कांग्रेस हो या फिर आरजेडी दोनों ही इस जातिगत जनगणना की मांग कर रही है। हालांकि भाजपा इसके विरूद्ध है। नीतीश कुमार वर्षों से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग कर रहे है। भाजपा में शामिल होने के पहले भी नीतीश ने केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की थी। उन्होंने इस मांग को लेकर बिहार में अभियान चलाने की बात भी कही थी। इसके अलावा चंद्रबाबू नायडू भी आंध्र के लिए स्पेशल पैकेज की मांग कर सकते है। ये दोनों नेता अब अपनी इन मांगों को लेकर मोदी सरकार पर दबाव रहेगा। वैसे मोदी ऐसे दबाव से निपटना बखूबी जानते हैं। महाराष्ट्र की शिवसेना को गठबंधन में लेकर ये दबाव कम किया जा सकता। चुनाव से पूर्व विपक्षी गठबंधन से जैसे नितीश कुमार पल्टी मार कर भाजपा के साथ आ गए, ऐसे ही विपक्ष में बैठे कई दल भाग सकतें हैं। बस इशारे की जरूरत है। मोदी पुराने राजनयिक हैं। कब किस हालात से कैसे जूझना है, वह जानते हैं। उम्मीद है कि वह अपनी सूझबूझ से सरकार को सरलता से पांच साल चलाते रहेंगे।
- अशोक मधुप
वरिष्ठ पत्रकार