By अंकित सिंह | Jan 01, 2021
विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी कई मुश्किलों से घिरी हुई हैं। एक ओर जहां भाजपा उनके सामने मजबूत चुनौती पेश कर रही है तो वहीं कांग्रेस और वाम मोर्चा ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वाम-कांग्रेस गठबंधन ने ममता सरकार के सामने एक और बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। दरअसल, इस गठबंधन ने कहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी बहुमत साबित करें। यह मांग किसी और की नहीं बल्कि विधानसभा में नेता विपक्ष अब्दुल मन्नान की है। वाममोर्चा के एक और नेता ने कहा कि अगर चुनाव से पहले विश्वास मत के लिए अधिवेशन नहीं बुलाया जाता तो उनकी पार्टी आंदोलन कर सकते हैं। हालांकि पश्चिम बंगाल चुनाव में अभी भी तीन चार महीने बचे हुए हैं। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर विपक्ष लगातार दबाव बनाने में जुट गया है।
इसका सबसे बड़ा कारण तो यह है कि टीएमसी फिलहाल अंदरूनी कलह से जूझ रही है। कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं और कई नाराज चल रहे हैं। यही कारण है कि फिलहाल तृणमूल कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व असहज महसूस कर रहा है। तृणमूल कांग्रेस पर इसी दबाव को देखते हुए विपक्षी दल लगातार उस पर हमला कर रहे हैं। कांग्रेस और वाम मोर्चा के गठबंधन को उम्मीद है कि जब विश्वास मत के लिए वोट डाले जाएंगे तो टीएमसी के कई विधायक ममता बनर्जी के खिलाफ जा सकते हैं। अब्दुल मन्नान ने कहा कि टीएमसी के कितने विधायक पार्टी छोड़ कर जा रहे हैं और कितने आ रहे हैं इसके बारे में तो मैं नहीं कह सकता लेकिन जिस तरीके की बातें हो रही है उससे हम सब हैरान हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार ने विश्वास मत खो दिया है? उन्होंने यह भी कहा कि अगर तृणमूल कांग्रेस में कोई सामूहिक पलायन नहीं हुआ है तो आपको विधानसभा में विश्वास मत कराना चाहिए। उधर, भाजपा लगातार यह दावा कर रही है कि चुनाव से पहले ऐसे कई विधायक और मंत्री है जो टीएमसी छोड़कर भगवा पार्टी में शामिल होंगे।