पुराने आंकड़ों से सीखकर सीरीज में आगे बढ़ेंगे विराट के शेर

By अनुराग गुप्ता | Jan 15, 2020

2020 की शुरुआत के साथ ही भारत की भिड़ंत श्रीलंका से हुई, पहले मुकाबले पर पानी फिर गया तो दूसरा और तीसरा मुकाबला जीतकर भारत ने पहली सीरीज अपने नाम कर ली। साल की शुरुआत तो अच्छी हुई। श्रीलंका के खिलाड़ियों को पानी पिलाने के बाद टीम इंडिया मुंबई पहुंची जहां पर कंगारुओं को अपनी ताकत दिखानी थी। लेकिन मामला उल्टा पड़ गया और टीम इंडिया की शर्मनाक हार हुई। काफी समय के बाद भारत के सामने कोई टक्कर की टीम आई है ! और मुंबई के वानखेड़े की बात ही अलग है। 

अक्सर ये आप लोगों ने सुना होगा कि कभी स्टीव स्मिथ को तो कभी विराट कोहली को बेहतर बताया जाता है। लेकिन दोनों खिलाड़ी अपने अलग अंदाज के लिए जाने जाते हैं। 

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टीम इंडिया की शर्मनाक हार

हां, बिल्कुल... ऑस्ट्रेलिया ने बिना विकेट गंवाए 256 रनों के लक्ष्य को हासिल कर लिया। ओपनर बल्लेबाजों ने किसी भी गेंदबाज को नहीं छोड़ा। 13 साल बाद वानखेड़े में दोनों टीमें आमने सामने थी। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर गेंदबाजी ली और भारतीय खिलाड़ियों को पवेलियन भेजने का सिलसिला भी शुरू कर दिया। सिर्फ एक ही जोड़ी ऐसी थी जिसने ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों को तंग किया। वो रोहित शर्मा और धवन की जोड़ी नहीं थी। बल्कि थी केएल राहुल और धवन की जोड़ी। तीसरे नंबर पर कोहली ने केएल राहुल को क्रीज पर भेजा।

अमूमन ऐसा कम ही देखने को मिलता है जब कोहली अपनी जगह किसी और को बल्लेबाजी करने के लिए भेजते हो।  हालांकि कोहली को इस बात का अफसोस भी हुआ। क्योंकि राहुल के आउट होने के बाद जब वह क्रीज पर आए तो ज्यादा देर तक टिक नहीं पाए और एडम जम्पा के हाथों अपना विकेट गंवा दिया।

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वानखेड़े में ऑस्ट्रेलिया का प्रदर्शन भारत को करता है परेशान ?

वानखेड़े में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कुल 4 एकदिवसीय मैच खेले हैं। जिनमें से एक मैच छोड़कर बाकी के 3 मैच भारत ने गंवा दिए। अगर हम पिछले मुकाबले की बात करें तो 13 साल पहले दोनों टीमों ने इस मैदान में अपनी प्रतिभा दिखाई थी। यह 2007 की बात है। वही एकलौत मुकाबला है जब भारत ने दो विकेट से जीत दर्ज की थी। हालांकि 1996 और 2003 में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा था।

लेकिन जब बात वानखेड़े की होती है तो टीम इंडिया का मनोबल कमजोर होने लगता है। क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के मैच को भी शामिल करें तो वानखेड़े में टीम इंडिया की यह लगातार तीसरी हार है। इससे पहले 2015 में साउथ अफ्रीका ने भारत को 214 रन से हराया था तो 2017 में न्यूजीलैंड ने 6 विकेट से मात दी थी। 

15 साल बाद भारत की इतनी बुरी हार 

साल था 2005। कोलकाता में हुए मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने भारत को 10 विकेट से हराया था। इस मैच के बाद भारत मंगलवार तक इतनी बुरी तरह से नहीं हारा था। लेकिन 2005 से पहले साल 2000 में भी दक्षिण अफ्रीका ने ही यूएई के शारजाह में भारत को हराया था।

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कोई रिकॉर्ड भी बने क्या ?

हां, ऑस्ट्रेलिया ने बिना विकेट गंवाए रन चेज करने के मामले में दूसरा स्थान हासिल कर लिया है। पहले नंबर पर दक्षिण अफ्रीका है। साल 2017 में बांग्लादेश के खिलाफ खेलते हुई दक्षिण अफ्रीका ने 279 रन का लक्ष्य हासिल किया था। इस दौरान हाशिम अमला और क्विंटन डिकॉक ने ओपन किया था। 

एक और रिकॉर्ड है। उसे हम एरोन फिंच की सफलता की पारी की तरह देख सकते हैं। साल 2013 से किसी भी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने अगर 100+ रन की पॉर्टनरशिप की है वो भी भारत के खिलाफ तो उसमें एरोन फिंच शामिल थे। 2013 में एरोन फिंच  और फिलिप ह्यूज ने पुणे में 110 रन, 2017 में फिंच और डेविड वॉर्नर ने बेंगलुरु में 231, 2019 में फिंच और उस्मान ख्वाजा ने रांची में 193 और मंगलवार के मुकाबले में फिंच और डेविड वॉर्नर ने मुंबई में मिलकर 258 रनों की पारी खेली।

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