By नीरज कुमार दुबे | Feb 09, 2024
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि इजराइल ने कहा है कि हमास की कैद में कई बंधक मारे जा चुके हैं। क्या इससे यह संघर्ष नई दिशा लेगा? हमने जानना चाहा कि अब इजराइल ने हमास का संघर्षविराम प्रस्ताव भी ठुकरा दिया है इससे क्या संदेश मिलता है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इजराइल ने संघर्षविराम का प्रस्ताव इसलिए ठुकराया है क्योंकि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस लड़ाई में निर्णायक जीत हासिल करने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा हमास की संघर्षविराम शर्तों को अस्वीकार करने और दक्षिणी गाजा शहर में हमले बढ़ाने का संकल्प व्यक्त करने के बाद गाजा पट्टी के राफा में इजरायली हवाई हमलों में 13 लोग मारे गए। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग राफा में भाग कर आये हैं इसलिए संभव है कि यहां आतंकवादियों की संभावित मौजूदगी को देखते हुए इजराइल आने वाले दिनों में अपने हमले और तेज करे।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि खास बात यह है कि बीच में इजराइल को पश्चिमी देशों से जो सहयोग नहीं मिल रहा था वह अब मिलने लगा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाई की सराहना की है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि अमेरिका युद्ध में संघर्षविराम के लिये इजराइल तथा हमास पर लगातार दबाव डालने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि बाइडन इस क्षेत्र के हालात पर लगातार निगाह रखे हुए हैं और इजराइल के समर्थन में अन्य देशों को भी इकट्ठा करने के लिए अपने विदेश मंत्री को लगातार विभिन्न देशों के दौरों पर भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाइडन ने साफ कह दिया है कि मेरा मानना है कि गाजा पट्टी में हो रही कार्रवाई चरम पर है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इस समय हालात यह हैं कि गाजा पट्टी की आधी से अधिक आबादी राफा में आ गई है जो मिस्र से लगता एक शहर है जिसकी ज्यादातर सीमा प्रतिबंधित है और मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए मुख्य प्रवेश बिंदु है। उन्होंने कहा कि मिस्र ने चेतावनी दी है कि यहां कोई भी जमीनी कार्रवाई या सीमा पार बड़े पैमाने पर विस्थापन की घटना इजरायल के साथ उसकी 40 साल पुरानी शांति संधि को कमजोर कर देगी। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि इजराइल को किसी संधि की चिंता नहीं है क्योंकि उसे बदला लेना है। उन्होंने कहा कि जबसे यह खबर आई है कि हमास की कैद में जो इजराइली हैं उनमें से कई और को मार दिया गया है तबसे घरेलू स्तर पर भी इजराइल की सरकार पर और तीव्र कार्रवाई करने का दबाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर अब तक के हालात पर गौर करें तो इजराइल की चार महीने से जारी हवाई और जमीनी हमलों में 27,000 से अधिक फलस्तीनी लोग मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि इजराइल के हमलों ने अधिकांश लोगों को उनके घरों को छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया और एक चौथाई आबादी को भुखमरी की ओर धकेल दिया है।