By अंकित सिंह | Sep 28, 2022
केंद्र सरकार द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी कि पीएफआई और उससे जुड़े कुछ और संगठनों पर आज प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके बाद से अब राजनीतिक बयानबाजी का भी दौर शुरू हो गया है। विपक्ष के नेता अब लगातार इस बात की मांग करने लगे हैं कि दक्षिणपंथी संगठनों पर भी सरकार प्रतिबंध लगाए। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भी नाम दिया जा रहा है। इसी कड़ी में आरजेडी सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का भी बयान सामने आ गया है। लालू प्रसाद यादव ने साफ तौर पर आरएसएस पर भी बैन लगाने की मांग कर दी है।
अपने बयान में लालू यादव ने कहा कि पीएफआई पर जांच हो रही है। पीएफआई की तरह जितने भी संगठन हैं सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जिसमें आरएसएस भी शामिल है। सभी पर प्रतिबंध लगाया जाए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सबसे पहले आरएसएस को बैन करिए, ये उससे भी बदतर संगठन है। इस पूरे मामले पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने कहा कि NIA के द्वारा जांच की जा रही थी, उसी के अनुरूप ये कार्रवाई की गई है। आने वाले समय में भी जैसे सूचनाएं मिलेंगी उसी के अनुसार कार्रवाई की गई।
RSS पर बैन की मांग पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस को राजस्थान में जो कहना चाहिए, वो कह नहीं पा रहे... ऐसी किसी भी बात के लिए जो राष्ट्रविरोधी ताकतों को मदद करने वाली हो वो खुलकर सामने आ जाते हैं। मैं यही कहूंगा कि राष्ट्रनिर्माण में अपना योगदान करें। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि देश के बाहर बैठे दुश्मनों से देश के अंदर बैठे दुश्मन ज्यादा खतरनाक हैं। PM मोदी ने PFI पर प्रतिबंध लगाकर देश को सुरक्षित रखने का काम किया है। PM द्वारा जो देश का शुद्धीकरण अभियान चलाया जा रहा है, हर भारतवासी उनके साथ है।