By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 14, 2017
रांची। चारा घोटाले के देवघर, दुमका, डोरंडा एवं चाईबासा कोषागार से करोड़ों रूपये की अवैध निकासी से जुड़े मामलों में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव आज यहां सीबीआई की विशेष अदालतों में पेश हुए लेकिन बिहार सरकार में जदयू से अपने रिश्तों को लेकर उन्होंने पूरी तरह चुप्पी साधे रखी। रांची की एसएस प्रसाद की विशेष सीबीआई अदालत में चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में आज लालू प्रसाद यादव उपस्थित हुए। गुरुवार को लालू ने अपने तैंतालीस गवाहों की सूची अदालत को सौंपी थी।
इससे पूर्व लालू प्रसाद ने ग्यारह जुलाई को अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 313 के तहत इस मामले में अपना बयान दर्ज कराया था। कानूनी प्रावधानों के अनुसार उन्होंने अभियोजन पक्ष सीबीआई की तरफ से पेश किए गए साक्ष्यों एवं गवाहों के बयान पर अपना पक्ष रखा था। इसके अलावा, देवघर कोषागार से अवैध निकासी के आरसी 64 मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में भी वह आज पेश हुए। लालू यादव आज ही दुमका एवं डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामलों में भी अदालत में पेश हुए।
लालू प्रसाद के वकील प्रभात कुमार ने बताया कि चाईबासा कोषागार के मामले में लालू प्रसाद यादव को उपस्थित होना अनिवार्य नहीं था लेकिन अन्य तीन मामलों में उपस्थिति के लिए अदालत पहुंचे लालू यादव ने प्रसाद की अदालत में भी हाजिरी लगाई। अब इस मामले में उन्हें सिर्फ अदालत के निर्देश पर ही पेश होने की आवश्यकता होगी। अदालत में पेशी के लिए पहुंचे लालू यादव ने मीडिया से दूरी बनाये रखी और कोई बयान नहीं दिया।
भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में केन्द्रीय जांच ब्यूरो द्वारा लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती एवं उपमुख्यमंत्री बेटे तेजस्वी यादव समेत उनके अनेक परिजनों पर प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद बिहार में गठबंधन सरकार से लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव को हटाये जाने को लेकर नीतीश कुमार की जदयू एवं राजद के बीच चल रही तनातनी के बीच लालू यादव की खामोशी यहां खासी चर्चा का विषय रही।
अदालत से अपने ठहरने के स्थान राजकीय अतिथिशाला पहुंचने के बाद भी लालू यादव ने गुरुवार की तरह अब तक मीडिया से बातचीत नहीं की और बंद कमरे में अपनी पार्टी के नेताओं से ही विचार-विमर्श करते रहे। लालू प्रसाद की आज की खामोशी के विशेष मायने हैं क्योंकि आज ही जदयू के प्रवक्ताओं ने राजद पर हमला बोलते हुए कहा है कि 2015 के विधानसभा चुनाव वास्तव में नीतीश के चेहरे पर जीते गये थे और राजद अपनी अस्सी विधानसभा सीटों पर ज्यादा गुमान न करे। इतना ही नहीं जदयू ने लालू से उनके और उनके परिवार की संपत्तियों का विवरण भी मांगा है जिससे सीबीआई द्वारा लगाये गये आरोपों पर स्थिति स्पष्ट हो सके। दूसरी ओर राजद के प्रवक्ता मनोज झा ने जदयू को आगाह किया है कि वह भाजपा की चाल में न फंसे क्योंकि उनके अनुसार सीबीआई लालू प्रसाद और उनके परिवार को गलत ढंग से फंसाने का प्रयास कर रही है।