By अंकित सिंह | Sep 28, 2023
बिहार में फिलहाल ब्राह्मण बनाम ठाकुर की राजनीतिक लड़ाई तेज होती दिखाई दे रही है। दरअसल पूरा का पूरा विवाद मनोज झा के राज्यसभा में दिए भाषण से शुरू हुआ। महिला आरक्षण बिल को लेकर जब संसद में बहस चल रही थी उसे समय राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने एक कविता सुनाई थी जिसमें ठाकुरों का जिक्र था। उसके कुछ दिनों बाद बिहार में अब यह बड़ा मुद्दा बन चुका है। राजद के ही विधायक चेतन आनंद ने यह मुद्दा उठाया और साफ तौर पर कहा कि इस तरह का बयान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि वह लालू प्रसाद यादव से मुलाकात कर सारी बातें बताएंगे। चेतन आनंद पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे हैं।
पूरे विवाद पर लालू यादव से पत्रकारों ने सवाल पूछा। लालू यादव ने साफ तौर पर कहा कि मनोज झा एक विद्वान आदमी है। उन्होंने जो कहा सही कहा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मनोज झा ने ठाकुर या राजपूत के खिलाफ कुछ नहीं बोला है। बिना नाम लिए उन्होंने आनंद मोहन को जवाब भी दिया और कहा कि जो इस मुद्दे को उठा रहे हैं वह जातिवादी करते हैं। दरअसल, मनोज झा ने ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता को सुनाया जिसमें ठाकुरों का जिक्र था और अंदर के ठाकुर को मारने की अपील की थी। चेतन आनंद ने तो साफ तौर पर कहा कि ठाकुर समाज सभी को साथ लेकर चलता है और समाजवाद में किसी एक जाति को टारगेट करना दोगलापन है। ऐसे बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जब मनोज झा राज्यसभा में बोल रहे थे तो उन्होंने अपनी कविता के जरिए ठाकुर समाज को टारगेट करने की कोशिश की गई।
दूसरी ओर भाजपा नेता नीरज सिंह बबलू का भी बयान सामने आ गया है। नीरज कुमार बबलू ने साफ तौर पर कहा कि अगर मनोज झा मेरे सामने यह बयान देते तो पटक के मुंह तोड़ देता। बबलू ने कहा कि ठाकुरों ने देश की रक्षा की है। ठाकुर नहीं होते तो हिंदुस्तान का नाम मुगलिस्थान होता। मनोज झा ने राजद के कहने पर ऐसा बयान दिया है। वह मेरे सामने होते तो पटक कर उनका मुंह तोड़ देता। जद (यू) एमएलसी संजय सिंह ने झा से माफी मांगने और उन्हें भविष्य में ऐसा कुछ दोहराने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यह निंदनीय है। ठाकुरों को गाली मत दीजिए झा जी। ठाकुर वो आग है जो भड़केगी तो कोई बुझा नहीं पाएगा।